पाली

पालीवाल अपडेट : मां रूकमणी धाम पाली का प्रतिष्ठा महोत्सव स्थगित

Sunil Paliwal-Anil Bagora
पालीवाल अपडेट : मां रूकमणी धाम पाली का प्रतिष्ठा महोत्सव स्थगित
पालीवाल अपडेट : मां रूकमणी धाम पाली का प्रतिष्ठा महोत्सव स्थगित

पाली : पालीवाल ब्राह्मण सेवा संस्थान की कल बैठक में तय किया गया है कि पाली में पालीवाल समाज की धरोहर पर मां रूकमणी धाम पाली पर दिनांक 29 एवं 30 अप्रैल एवं 1 से 2 मई 2021 तक भव्य आयोजन में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था, जिसको लेकर अंतिम तैयारियां पूर्ण होने को थी, लेकिन देश में वैश्विक महामारी कोविड-19 कोरोना संक्रमित बीमारी की दुसरी लहर ने समाजजनों को भी चिंता में डाल दिया कि आयोजन करे या ना करें, इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार पालीवाल ब्राह्मण सेवा संस्थान ने एक बैठक आहुत की जिसमें निर्णय लिया गया कि मां रूकमणी धाम पाली में किसी भी प्रकार के आयोजन करना खतरे से खाली नहीं है, और ना ही शासन-प्रशासन विशाल समाजबंधुओं की मौजूदगी में आयोजन करने की अनुमति प्रदान करेगा. सभी परिस्थितियों पर विचार करने के उपरांत तय दिनांक पर आयोजित कार्यक्रम को स्थगित करने आम सहमति बनी. सभी के स्वथ्याय का ध्यान रखते हुए आयोजन को स्थगित किया जाता हैं, आगामी दिनांक को वातावरण अनुकूल होते ही शीघ्र कार्यक्रमों की तिथि घोषित की जाएगी. आप सभी इस आयोजन में जनभागादारी निभाना चाहते थे, और हमारी भी इच्छा थी कि भव्य आयोजन में संपूर्ण पालीवाल समाज के समाजजन कार्यक्रम में पधार कर मां रूकमणी धाम पाली के दर्शन करें, लेकिन वैश्विक महामारी के चलते हम दुखी मन से कार्यक्रम को स्थागित करते हुए वातारण के अनुकूल शीघ्र ही नई तारीख घोषित करेगें. कार्यक्रम स्थगित करने के कारण सम्मानियजनों को होने वाली असुविधा के लिए हमें खेद हैं।

● रुक्मणी का पूरे देश में दूसरा मंदिर पाली में 

भगवान कृष्ण की पत्नी रुक्मणी का पूरे देश में दूसरा मंदिर पाली में तैयार. इसका शुभ मुहूर्त में निर्माण कार्य भी शुरू हुआ। रुक्मणी का पहला मंदिर द्वारका में है, जबकि पाली में दूसरा मंदिर पुनागर भाखरी के पास पालीवाल ब्राह्मण समाज की ओर से बनाया जा रहा है. कहा जाता है कि यह मंदिर बनाने वाले पालीवाल ब्राह्मण समाज के लोग हरिदास के वंशज हैं. वे लगभग 6 हजार वर्ष पूर्व हुए थे और महारानी रुक्मणी के पुरोहित थे. इन्होंने ही श्रीकृष्ण के पास रुक्मणी की प्रेमपांती पहुंचाई थी. इस बीच ये वंशज पाली में बसने के कारण पालीवाल ब्राह्मण कहलाए थे. मां रुक्मणी को उन्होंने अपने समाज की ईष्टदेवी माना. मां ने उन्हें धन-धान्य व बहुत सारा आशीर्वाद देते हुए कहा कि ये समाज सदैव सु-संस्कारित व वैभवशाली रहेगा. 

● पालीवाल वाणी ब्यूरों-Sunil Paliwal-Anil Bagora..✍️

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News