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रैनबैक्सी वाले बंधुओं की पत्नियों से ठगी, जमानत दिलाने के नाम पर 204 करोड़ रुपए ठगे
Paliwalwaniरैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर्स मलविंदर सिंह और शिवेंदर सिंह को जमानत दिलाने व जेल में सुरक्षा के नाम पर उनकी पत्नियों से ठगी का मामला सामने आया है। एक दलाल ने इनसे करीब 204 करोड़ रुपए ठगे हैं। दोनों पूर्व प्रमोटर्स की पत्नियों ने खुद इसकी शिकायत दर्ज कराई है।
इस मामले में शिवेंदर सिंह की पत्नी अदिति सिंह ने पहले ही ऐसी शिकायत दर्ज कराई थी। अब मलविंदर की पत्नी जपना सिंह की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज की गई है। यह केस दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने रोहिणी जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, रंगदारी और आपराधिक साजिश के तहत दर्ज किया है।
शिवेंदर की पत्नी से भी 200 करोड़ की ठगी का आरोप
मलविंदर की पत्नी ने अपनी शिकायत में कहा कि उससे भी करीब चार करोड़ रुपए जमानत के नाम पर ठगे गए। इससे पहले शिवेंदर की पत्नी ने जमानत के नाम पर 200 करोड़ ठगने का आरोप लगाया था। इस मामले में आरोपी कैदी सुकेश से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी सुकेश ने खुद को सीनियर ब्यूरोक्रेट बताया था और कहा था कि वह उनके खिलाफ दर्ज जालसाजी के केस को खत्म करवा देगा। इस तरह का झांसा देकर वह उनसे पैसे ऐंठता रहा। सुकेश के दो गुर्गे तिहाड़ जेल से बाहर शिवेंदर की पत्नी से पैसे लेते थे। पत्नी को जब लगा कि वह पैसे तो ले रहा है, लेकिन काम नहीं करवा रहा तो उसने इसकी शिकायत स्पेशल सेल से की।
रैनबैक्सी को बेचते हुए फैक्ट्स छिपाने के आरोप
मलविंदर सिंह और शिवेंदर सिंह ने 2008 में रैनबैक्सी को दाइची सांक्यो के हाथों बेच दिया था। बाद में सन फार्मास्यूटिकल्स ने दाइची से 3.2 अरब डॉलर में रैनबैक्सी को खरीद लिया। जापानी दवा निर्माता का आरोप है कि सिंह बंधुओं ने उसे रैनबैक्सी बेचते हुए कई फैक्ट छिपाए थे।
100 सबसे अमीर भारतीयों की लिस्ट में दोनों भाई शामिल थे
साल 2016 में दोनों भाइयों ने फोर्ब्स की 100 सबसे अमीर भारतीयों की लिस्ट में 92वें नंबर पर जगह बनाई थी। उस वक्त दोनों की संपत्ति 8,864 करोड़ रुपए थी। शिवेंदर और मलविंदर सिंह ने 1996 में फोर्टिस हेल्थकेयर की शुरुआत की थी। फरवरी 2018 तक मलविंदर फोर्टिस के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और शिवेंदर नॉन-एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन थे।