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राजनीति में हड़कंप : कांग्रेस प्रवेश कर सकते हैं डॉ. नंदकुमार साय : भाजपा खेमे में इस्तीफे से खलबली
Paliwalwaniरायपुर :
आदिवासी नेता डॉ. नंदकुमार साय आज 1 मई 2023 सोमवार को कांग्रेस प्रवेश कर सकते हैं। राजनीतिक गलियारे में पिछले तीन दिन से साय की नाराजगी और पार्टी छोड़ने की चर्चा थी, लेकिन रविवार को उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को इस्तीफे का पत्र भेज दिया।प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव को खत लिखा है। इसमें साय ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देने की बात लिखी है। इस पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है। इससे छत्तीसगढ़ की राजनीति में हड़कंप मच गया है।
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो डॉ. नंदकुमार साय सोमवार सुबह साढ़े दस बजे कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन पहुंचेंगे और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता लेंगे। साय के सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित सभी मंत्री और पार्टी पदाधिकारी शामिल होंगे।
प्रदेश पदाधिकारियों को रविवार देर शाम को आनन-फानन में फोन करके सुबह राजीव भवन पहुंचने का निर्देश दिया गया है। हालांकि साय के कांग्रेस में शामिल होने की किसी भी वरिष्ठ नेता ने पुष्टि नहीं की है। इस बीच, डॉ. साय के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टिप्पणी की है।
सीएम बघेल ने साय के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा कि आज डॉ. नंदकुमार साय ने अपने साथ-साथ आदिवासियों के मन की बात भी कह दी। सीएम बघेल ने यह बात आदिवासी विरोधी भाजपा हैशटैग के साथ कही है।
साय के इस्तीफे के बाद कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा देश में आदिवासियों की उपेक्षा कर रही है, उनका शोषण कर रही है।
भाजपा खेमे में साय के इस्तीफे से खलबली
डॉ. नंदकुमार साय का इस्तीफा उस समय आया, जब पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रदेश कार्यालय कुशाभाउऊ ठाकरे परिसर में बैठक कर रहे थे। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के साथ अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो शनिवार को भी पार्टी के आला नेताओं की बैठक हुई थी, हालांकि उस बैठक को मन की बात की तैयारी बैठक के रूप में प्रचारित किया गया था।
कौन हैं नंदकुमार साय
नंदकुमार साय छत्तीसगढ़ भाजपा के एक बड़े आदिवासी चेहरा और आदिवासी मुख्यमंत्री के सबसे बड़े पैरोकार माने जाते रहे हैं । साय तीन बार विधायक रह चुके हैं। वहीं तीन बार सांसद भी रह चुके हैं। अविभावित मध्य प्रदेश में वे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। साथ ही वे छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं। मोदी सरकार के कार्यकाल में उन्हें अनुसूचित जाति आयोग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। वर्ष 2003 में नंदकुमार साय ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें वह हार गए थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने सरगुजा संसदीय सीट से चुनाव जीता था और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल भी पूरा किया था।