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आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका, पंचायत प्रतिनिधियों की बढ़ गई सैलरी : कैबिनेट का फैसला-19 एजेंडों पर मुहर लगी
paliwalwaniबिहार :
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। वह लगातार कई बैठक कर रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को कैबिनेट की मीटिंग बुलाई। मंत्रिपरिषद की इस बैठक में 19 एजेंडों पर मुहर लगी।
सरकार ने बिहार में खेल विभाग का अलग से गठन करने को मंजूरी देने के साथ ही कई अन्य प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगाई है। ऐसे में बिहार में अब खेल विभाग अलग होगा। पहले कला संस्कृति मंत्रालय के तहत खेल विभाग आता था। वहीं, कैबिनेट की बैठक में आंगनबाड़ी सेविका का मानदेय 5,950 से बढ़ाकर 7,000 कर दिया गया है। सहायिका का मानदेय 2,975 से बढ़ाकर 4,000 करने का निर्णय लिया गया है।
पंचायत प्रतिनिधियों की भी बढ़ाई गई सैलरी
इसके अलावा के राज्य सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों पर भी उदारता दिखाते हुए सभी पंचायत प्रतिनिधियों के मासिक मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसमें मुखिया का मानदेय पहले 2500 रुपया था उसे दोगना कर 5000 कर दिया गया है। उप-मुखिया का पहले 1200 था, जिसे बढ़ाकर 2500 रुपया कर दिया गया है। वार्ड सदस्य का मानदेय पहले 500 प्रति माह था, जिसे बढ़ाकर 800 कर दिया गया है। सरपंच का मासिक मानदेय 2500 रुपये पहले थे, जिसे दोगुना कर 5000 कर दिया गया है। उप-सरपंच का मानदेय पहले 1200 था, जिसे 2500 कर दिया गया है। पंच का मानदेय पहले 500 था, जिसे बढ़ाकर 800 कर दिया गया है।
निलंबित आंगनबाड़ी सेविकाएं वापस काम पर
उन्होंने आगे बताया कि दूसरा सबसे महत्वपूर्ण निर्णय आंगनबाड़ी सेविका को लेकर लिया गया है। आंगनबाड़ी सेविका पर राज्य सरकार ने उदारता दिखाते हुए दो दिन पहले 18000 निलंबित आंगनबाड़ी सेविकाओं को काम पर वापस रख लिया था, तो अब राज्य सरकार ने सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय भी बढ़ा दिया है। आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका का मानदेय समाज कल्याण विभाग के केंद्रांश और राज्यांश मिलाकर दिए जाते हैं, लेकिन केंद्र का जो 38 प्रतिशत राशि है वही रहेगा। केंद्र ने अपना पैसा नहीं बढ़ाया है, लेकिन राज्य सरकार ने अपनी ओर से यह राशि बढ़ाकर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को देने की मंजूरी दे दी है।
युवाओं को प्रशिक्षित करना आवश्यक: प्रधान सचिव
सीएम नीतिश कुमार के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि आगामी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेलों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए युवाओं को प्रशिक्षित करना आवश्यक है। इन सभी कार्यों के लिए एक विशेष विभाग की जरूरत महसूस की जा रही थी। बिहार में युवाओं को खेलकूद में प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने दृढ़ संकल्प लिया और उसके तहत खेल विभाग को अलग किया गया है। कल से इस पर प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी और खेल विभाग का सब कुछ अलग होगा। मंत्रालय भी अलग होगा। अब जल्द ही खेल विभाग के अलग मंत्री भी होंगे।
खेल विभाग के लिए सीएम ने किया था ऐलान
दरअसल, बीते 6 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया था कि बिहार में अलग से खेल विभाग का गठन किया जाएगा। "मेडल लाओ नौकरी पाओ" योजना के तहत उत्कृष्ट खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र वितरण करने के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश ने ऐलान किया था कि जल्द ही बिहार में अलग से खेल विभाग का गठन किया जाएगाा, जिससे खेल के क्षेत्र में बेहतर काम हो सकेगा।