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मोदी सरकार के लिए खुशखबरी : जीडीपी ग्रोथ ने दिखाया दम, सरकार का घाटा हुआ कम
Paliwalwaniनई दिल्ली. सरकार ने चौथी तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़ें जारी कर दिए हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चौथी तिमाही में देश की जीडीपी 6.1% रही है. इससे पहले देश की जीडीपी 4.4 फीसदी थी. जनवरी-मार्च तिमाही का ये जीडीपी ग्रोथ रेट भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान से बेहतर है. आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ रेट 5.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई थी.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में देश की आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी ग्रोथ रेट) 7.2 प्रतिशत रही है. सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने बुधवार को जीडीपी के आंकड़े जारी किए हैं. वित्त वर्ष 2021-22 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत थी. इसी के साथ सरकार ने राजकोषीय घाटा के आंकड़े भी जारी किए हैं. सरकार का राजकोषीय घाटा नीचे आया है. ये भी अनुमान से बेहतर रहा है.
तिमाही दर तिमाही ऐसे बढ़ी इकोनॉमी
अगर वित्त वर्ष 2022-23 में इकोनॉमिक ग्रोथ के आंकड़ों को तिमाही आधार पर देखें, तो अप्रैल-जून तिमाही में इंडिया की इकोनॉमी ने 13.1 प्रतिशत की दर से ग्रोथ दर्ज की. जबकि जुलाई-सितंबर में ग्रोथ रेट 6.2 प्रतिशत और अक्टूबर-दिसंबर में 4.5 प्रतिशत रहा.
सरकारी घाटा इतना हुआ कम
इससे पहले सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के राजकोषीय घाटे के आंकड़े भी जारी किए. अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के बीच सरकार का राजकोषीय घाटा कम हुआ है और ये जीडीपी के 6.4 प्रतिशत पर आ गया है. जबकि सरकार का अनुमान था कि ये जीडीपी के 6.7 प्रतिशत के बराबर रहेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष के आम बजट में भी राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 6.4 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य तय किया था. अब इसे संशोधित कर जीडीपी के 5.9 प्रतिशत के स्तर पर लाने का टारगेट रखा गया है. वहीं सरकार की कोशिश 2025-26 तक इसे जीडीपी के 4.5 प्रतिशत के बराबर लाने की कोशिश है.
इकोनॉमी बूस्ट करने वाले हैं ये आंकड़े
जीडीपी के साथ ही देश की इकोनॉमी से जुड़े तमाम आंकड़े भी आ गए हैं. इन्हें आप आगे देख सकते हैं.
- देश के मैन्यूफैक्चर सेक्टर की ग्रोथ चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रही है.
- इस अवधि में कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ रेट 10.4 प्रतिशत है.
- माइनिंग सेक्टर ने चौथी तिमाही में 4.6 प्रतिशत की दर से ग्रोथ की है.
- इस दौरान सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट 6.9 प्रतिशत रही है.
- भारत के उद्योग सेक्टर ने चौथी तिमाही में 6.3 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की है.
- देश में कृषि विकास दर जनवरी-मार्च तिमाही में 5.5 प्रतिशत रही है.
- वित्त वर्ष 2022-23 में प्रति व्यक्ति जीडीपी 1,96,983 रुपये रही है.
बेरोजगारी दर हुई कम
जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान भारत के बेरोजगारी के आंकड़े ज्यादा थे. एनएसएसओ ने दिखाया कि शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों की बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च 2023 के दौरान 6.8 फीसदी रही जो पिछले साल समान अवधि में 8.2 फीसदी थी. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में इसमें और भी ज्यादा सुधार होने की संभावना है.
महंगाई के आंकड़ों में भी सुधार
वहीं दूसरी ओर लोकल और ग्लोबल लेवल पर सुधार देखने को मिल रहा है. मार्च में महंगाई 5.60 फीसदी पर थी, जबकि अप्रैल के महीने में रिटेल इंफ्लेशन 4.70 फीसदी पर आ गई. इसका मतलब है कि आरबीआई के टॉलरेंस लेवल 6 फीसदी से नीचे लगातार दो महीने देखने को मिली है. महंगाई की वजह से आरबीआई मई 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक 2.50 फीसदी ब्याज दरों में इजाफा कर चुका है. अप्रैल के महीने में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था और जून साइकिल में भी ऐसी ही संभावना दिखाई दे रही है.