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अनुशासन ही व्यक्ति का वास्तविक संस्कार है : बी के जैन

Paliwalwani
अनुशासन ही व्यक्ति का वास्तविक संस्कार है : बी के जैन
अनुशासन ही व्यक्ति का वास्तविक संस्कार है : बी के जैन

चित्रकूट  : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट के दीनदयाल शोध संस्थान के स्वामी विवेकानंद सभागार में सहकारिता भारती की उत्तर प्रदेश प्रदेश कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के समापन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट जानकी कुण्ड चित्रकूट के ट्रस्टी एवं डायरेक्टर बीके जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि अनुशासन ही व्यक्ति का सबसे बड़ा संस्कार है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अनुशासित रहते हुए अपने कार्य के प्रति ईमानदार होना चाहिए और कठिन परिश्रम करना चाहिए तभी व्यक्ति वास्तविक संस्कारी हो सकता है और अपने जीवन में  कुछ करके आगे बढ़ सकता है.

अतः उनके कहने का मतलब साफ है कि अनुशासन ही व्यक्ति का वास्तविक संस्कार है. उन्होंने कहा कि हर इंसान को दूसरे के बारे में ये नही सोचना चाहिए कि उसने क्या किया बल्कि ये सोचना चाहिए कि हमने क्या किया इस सोच के साथ काम करने वाले लोग जीवन में कभी असफल नहीं हो सकते.

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