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वेतन की मांग को लेकर हजारों शिक्षकों का प्रदर्शन, 3 साल से नहीं मिल रही सैलरी : शिक्षक आंदोलन करने के लिए होंगे मजबूर

Paliwalwani
वेतन की मांग को लेकर हजारों शिक्षकों का प्रदर्शन, 3 साल से नहीं मिल रही सैलरी : शिक्षक आंदोलन करने के लिए होंगे मजबूर
वेतन की मांग को लेकर हजारों शिक्षकों का प्रदर्शन, 3 साल से नहीं मिल रही सैलरी : शिक्षक आंदोलन करने के लिए होंगे मजबूर

बिहार : पटना के गर्दनीबाग में बिहार के हजारों शिक्षकों ने पिछले 3 साल से रुके हुए वेतन को जारी करने के लिए प्रदर्शन किया. एनआईओएस डीएलईडी शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देबाशीष होता, बिहार प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष नवल कुमार सिंह, महासचिव मदन कुमार देबनाथ, प्रवक्ता मस्कुर आलम, संजीव कुमार रजक, यशवंत कुमार, रितेश झा, विवेक परमार और राजीव पाठक ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया. सरकार मे इन शिक्षकों का वेतन इसलिए रोक दिया है क्योंकि 2019 के दौरान, इन शिक्षकों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की एक एजेंसी NIOS में 2 साल का DELED कोर्स पूरा कर लिया है. लेकिन एनआईओएस ने उन्हें अबतक प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है. बता दें कि बिहार सरकार ने इन शिक्षकों का पिछले तीन साल से वेतन रोक दिया है.

एनसी टैग से अधर में शिक्षकों का भविष्य

बल्कि एनआईओएस ने एनसी टैग द्वारा उनके भविष्य को लटका दिया है. इसके बाद बिहार सरकार ने एनसी टैग वाले 12 हजार शिक्षकों का वेतन रोक दिया है. बिहार के अलावे भी दूसरे राज्यों में एनआईओएस ने  1 लाख 80 हजार शिक्षकों को एनसी टैग जारी किया. लेकिन दूसरे राज्यों में किसी राज्य सरकार ने इसी कारण से शिक्षकों का वेतन नहीं रोका है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से वेतन जारी करने की गुहार

शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देबाशीष होता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हजारों शिक्षक अनुरोध कर रहे हैं कि इस मामले को गंभीरता से देखें और 12 हजार शिक्षकों का रुका हुआ वेतन जारी करें. साथ ही शिक्षकों ने नीतीश कुमार से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से पीड़ित शिक्षकों के एनसी टैग को हटाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है.

मजबूर होंगे शिक्षक आंदोलन करने के लिए 

DELED शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देबाशीष होता ने कहा कि अगर शिधकों की मांग पूरी नहीं हुई तो पटना में चल रहे इस प्रदर्शन को तेज करने के लिए शिक्षक मजबूर होंगे. उन्होंने कहा कि लंबे समय से शिक्षकों के वेतन रोके जाने से उनके और उनके परिवार की भूखमरी की स्थिति हो गई है. इन्हें अपने परिवार चलाने में भारी कठिनाई हो रही है.

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