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भाजपा को लगा बड़ा झटका : वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने छोड़ी पार्टी

Paliwalwani
भाजपा को लगा बड़ा झटका : वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने छोड़ी पार्टी
भाजपा को लगा बड़ा झटका : वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने छोड़ी पार्टी

छत्तीसगढ़ :

चुनाव से पहले भाजपा (BJP) को बड़ा झटका लगा है. भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता डॉ. नंद कुमार साय ने इस्तीफा दे दिया है. प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को पत्र लिखकर इस्तीफा सौंपा है. इतना ही नहीं नंद कुमार साय ने पार्टी के नेताओं पर छवि धूमिल करने का आरोप भी लगाया है.

उन्होंने इस्तीफे पत्र में लिखा कि, भारतीय जनता पार्टी के गठन और अस्तिव में आने के प्रारंभ से लेकर आज पर्यन्त तक पार्टी द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण पदों और उत्तरादायित्व की जितनी भी जिम्मेदारी मुझे दी गई, उसे पूरे समर्पण एवं कर्तव्य परायणता के साथ मैने अपने उत्तरदायित्व एवं पदों का निर्वहन किया, जिसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं.

पिछले कुछ वर्षों से भारतीय जनता पार्टी में मेरी छवि धूमिल करने के उद्देश्य से मेरे विरूद्ध अपनी ही पार्टी के राजनीतिक प्रतिद्वंदियों द्वारा षड़यंत्रपूर्वक मिथ्या आरोप और अन्य गतिविधियों द्वारा लगातार मेरी गरिमा को ठेस पहुंचाया जा रहा है, जिससे मैं अत्यंत आहत महसूस कर रहा हूं.

उन्होंने लिखा कि बहुत गहराई से विचार करने के बाद मैं भारतीय जनता पार्टी की अपनी प्राथमिक सदस्यता एवं अपने सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं. मेरी इस्तीफा स्वीकार करने की कृपा करें.

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, आज भारतीय जनता पार्टी जिसके गठन से लेकर आज पर्यन्त तक पूरे मेहनत एवं ईमानदारी से सींच कर फर्श से अर्श तक पहुंचाया था, उसे छोड़ते समय अत्यंत पीड़ा एवं दुख तो हो रहा है परन्तु वर्तमान में पार्टी में मेरे समाज की एवं मेरी छवि और गरिमा को जैसे आहत किया जा रहा था.

बता दें कि सलाहकार संपादक संदीप अखिल से बातचीत में साय ने बीजेपी संगठन में आदिवासी नेताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया था. साय की नाराजगी की खबर के बाद सियासत तेज हो गई.

आदिवासी नेताओं को हाशिए में डाल दिया : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 

वहीं इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि नंदकुमार साय बिल्कुल ठीक कह रहे. भाजपा आदिवासी नेताओं की उपेक्षा करती है. सीएम बघेल ने कहा था कि, चाहे बलीराम कश्यप हो, ननकीराम कंवर हो, विष्णुदेव साय हो, नंदकुमार साय हो, सभी आदिवासी नेताओं को हाशिए में डाल दिया गया.

बीजेपी संगठन में लगातार आदिवासी नेताओं की उपेक्षा 

देसी टाॅक में सलाहकार संपादक संदीप अखिल के साथ बातचीत में आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने कहा था कि अमित शाह बस्तर आए थे, लेकिन इसकी सूचना मुझे नहीं मिली. मुझे बुलाते तो मैं निश्चित ही जाता. वहीं कोरबा में जब वे आए थे तो मुझे भी बुलाया गया और मैं कार्यक्रम में शामिल भी हुआ, लेकिन इस बार बस्तर के कार्यक्रम में नहीं बुलाना समझ से परे है.

नंदकुमार साय ने कहा था कि बस्तर को ठीक करने के लिए पुराने नेताओं की ड्यूटी लगाने की जरुरत है. बीजेपी संगठन में लगातार आदिवासी नेताओं की उपेक्षा की जा रही है. विष्णुदेव साय को विश्व आदिवासी दिवस के ही दिन उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया. वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का कहना है कि नाराजगी की कोई ऐसी बात नहीं है. नंदकुमार साय सीनियर नेता हैं. उनके मार्गदर्शन में हमें 2023 में आगे बढ़ना है.

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