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Assam Mizoram Border Dispute: CRPF तैनात, राजनीति हुई तेज
Paliwalwani
नई दिल्ली । असम और मिजोरम को लेकर सीमा विवाद गहराता जा रहा है। सोमवार को यहां दोनों पक्षों में हिंसक झड़प हुई थी और असम पुलिस के 6 जवानों की मौत हो गई थी। दोनों सरकारें इस हिंसा के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही हैं। इस बीच, विपक्ष ने पूरे मामले पर राजनीति शुरू कर दी है। कांग्रेस नेता ने हिंसा के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा। एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी केंद्र पर हमला बोला। वहीं केंद्र ने 7 सदस्यीय कमेटी गठित की है जो सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौपेगी।
मामला सामने आने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'लोगों के जीवन में नफरत और अविश्वास बोकर गृहमंत्री ने एक बार फिर देश को नाकाम कर दिया है। भारत अब इसके भयानक परिणाम भुगत रहा है। असम-मिजोरम सीमा विवाद कोई नया नहीं है। दोनों प्रदेश की 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा है। यहां कथित अतिक्रमण को लेकर स्थानीय लोगों और सीमा सुरक्षा बलों के बीच झड़पें होती रहती हैं। असम के बराक घाटी के जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी, तो मिजोरम के तीन जिलों आइजोल, कोलासिब और ममित की 164 किलोमीटर लंबी सीमा जुड़ी हुई है।
केंद्र सरकार कर रही शांति के प्रयास
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों, हिमंत बिस्वा सरमा और जोरमथांगा से बात की और उनसे विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने और सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने का आग्रह किया। अमित शाह द्वारा आठ पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत के दो दिन बाद ये घटनाएं हुईं।