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भगवान शिव शंकर के 11वें रुद्रावतार श्री हनुमान का 500 वर्ष पुराना चमत्कारी मंदिर. जहां पूरी होती मनेाकामना

Paliwalwani
भगवान शिव शंकर के 11वें रुद्रावतार श्री हनुमान का 500 वर्ष पुराना चमत्कारी मंदिर. जहां पूरी होती मनेाकामना
भगवान शिव शंकर के 11वें रुद्रावतार श्री हनुमान का 500 वर्ष पुराना चमत्कारी मंदिर. जहां पूरी होती मनेाकामना

अद्भुत यहां स्थापित केसरी बजरंगबली-भक्तों के सभी संकट हर लेते

पंकज पाराशर-छतरपुर...✍️

हैदराबाद भगवान शिव शंकर के 11वें रुद्रावतार श्री हनुमान इस कलियुग में सबसे जाग्रत और साक्षात देव माने जाते हैं। मान्यता के अनुसार कलियुग में हनुमानजी की भक्ति ही लोगों को दुख और संकट से बचाने में सक्षम है। श्री राम के परम भक्त व दूत हनुमान जी की महिमा का कोई पार नहीं है। वे मंगलमूर्ति हैं और अपने भक्तों के सभी संकट हर लेते हैं।

यहां तक की हनुमान जी के दर्शन मात्र से तक भक्तों की सभी तकलीफें दूर हो जाती हैं। जी हां, ये परम पवित्र व अद्भुत मंदिर है केसरी हनुमान मंदिर, जो हैदराबाद में स्थित है। केसरी हनुमान मंदिर पुराने हैदराबाद शहर में उपनगर करवन के जियागुड़ा पड़ोस में स्थित है, जो तेलंगाना राज्य में हैदराबाद जिले से संबंधित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 17 वीं शताब्दी के दौरान की गई थी।

मान्यता के अनुसार रामायण काल में, माता सीता की खोज करते हुए, हनुमान ने इसी स्थान पर आकर श्री राम पूजा की थी। मंदिर की स्थापना 500 वर्ष पहले हुई थी..... इस मंदिर का सीधा संबंध परम प्रतापी वीर राजा छत्रपति शिवाजी और उनके स्वामी समर्थ गुरु रामदास से है। समर्थ गुरु रामदास ने साल 1647 में मुछकुंदा यानी कि वर्तमान मूसी नदी के किनारे इस मंदिर की स्थापना की थी।

समर्थ रामदास स्वामी भगवान हनुमान और भगवान श्री राम के बहुत बड़े भक्त थे। वह "समर्थ सम्प्रदाय" के संस्थापक थे। मंदिर के पुजारी के अनुसार इस मंदिर की स्थापना 500 साल पहले हुई थी और मुगल बादशाह औरंगजेब के काल में समर्थ गुरु रामदास ने देश भर में घूम-घूम कर हनुमान मंदिर की स्थापना की थी। 87 हजार हनुमान जी प्रतिमा की स्थापित... उस समय देश में औरंगजेब का शासन था और वह कई तरह से हिंदू धर्म के अनुयायियों को परेशान कर रहा था। वहीं इस समय छत्रपति शिवाजी महाराज लगातार औरंगजेब से युद्ध कर रहे थे और उनके स्वामी समर्थ गुरु रामदास देश भर में घूम-घूम कर हनुमान मंदिरों की स्थापना कर रहे थे।

बताया जाता है कि उन्होंने पदयात्रा करते हुए भारत भर में 87 हजार हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की थीं, यहां स्वामी समर्थ ने मुचकुंदा नदी में स्नान करके हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की  पिता केसरी महाराज के नाम पर 'केसरी हनुमान'....इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर के हनुमान जी को उनके पिता केसरी महाराज के नाम पर 'केसरी हनुमान' कह कर पुकारा जाता है।

तलघर में मुख्य मूर्ति... इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आपको नीचे उतरना पड़ता है क्योंकि हनुमान जी की मुख्य मूर्ति तलघर में स्थापित है। हनुमान जी के साथ इस मंदिर में शिव परिवार की भी मूर्तियां स्थापित है। मंदिर में एक स्वयंभू शनि देवता का भी मंदिर है l हनुमान जी कलियुग के साक्षात देवता हैं, ऐसे में श्रद्धालु जब भी सच्चे मन से भगवान हनुमान को याद करते हैं, वे अपने भक्तों पर कृपा जरूर बरसाते हैं। हनुमान जी भक्तों के सब संकट हर लेते हैं।

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