नाथद्वारा
पालीवाल समाज की बेटी दर्शना पुरोहित जिद्द करो...दुनिया बदलो...को साकार करती हुई
sunil paliwal...✍️नाथद्वारा। पालीवाल ब्राह्मण समाज 44 श्रेणी नाथद्वारा के ब्रह्मलीन श्री पन्नालाल पुरोहित (बड़ा भानुजा) सूपोत्री एवं श्रीमती लीना अनिल पुरोहित की प्यारी बिटिया आज श्रीजी धाम नाथद्वारा में पालीवाल समाज की गौरवशाली बेटी दर्शना पुरोहित के बारे में जितना लिखा जाए या कहा जाए उतना कम है। अगर दर्शना ने जिद्द कर ली तो समझो दुनियां मुट्ठी में... दर्शना पुरोहित का कहना है कि... जिद्द करो... दुनिया बदलो... में नहीं मेरे गुरूजी कहते थे... में तो उनके शब्दों को साकार करने में लगी हुं।
पालीवाल समाज की प्रतिभाशाली बेटी आज समाज को गौरवान्वित करते हुई तहलका मचा रही है। एक अच्छे परिणाम के पीछे कठोर मेहनत, समर्पण, निष्ठा और शुभ चिंतकों की हृदय से दुआ होती है...आज मुझे दर्शना पुरोहित के कारण अर्जुन का वो वाक्य स्मरण हो रहा है की... मुझे केवल मछली की आँख दिख रही है। उसी को चरितार्थ करने में लगी हुई है। हम सबकी चहेती दर्शना पुरोहित तथा परिजनो को पालीवाल वाणी समाचार पत्र की ओर से हार्दिक बधाई सहित उज्जवल भविष्य की अनंत शुभकामनाएं...दर्शना पुरोहित के बारे में भुवनेश प्रभु जोशी ने पालीवाल वाणी को जानकारी दी। तथा विभिन्न सूत्रों के आधार पर मिली जानकारी के अनुसार दर्शना की सफलता की कहानी आपके समाने बयां की जा रही है।
अर्जुन जैसा लक्ष्य ओर एकलव्य जैसा शिष्य हो
जब लक्ष्य कठिन हो तो... कार्य करने की क्षमता दौगुनी हो जाती है। लेकिन लक्ष्य के प्रति दर्शना पुरोहित से बहुत सी आशाएं जाग्रृत हो गई। ऐसे विद्यार्थियों के लिए सपना नहीं एक लक्ष्य होता है...सफलता मिलने में क़िस्मत का साथ होता है लेकिन किस्मत भी उसीका साथ देती है जो सफलता अर्जित करने के लिए अर्जुन जैसा लक्ष्य ओर एकलव्य जैसा शिष्य हो...बार बार गिर के आत्मबल के साथ संभाल लेना अपने आपको ...बहुत विरले लोग ही ऐसा कर पाते है ...दर्शना पुरोहित बहुत अच्छा लिखती है... चाहे वो गद्य हो या पद्य... अंग्रेज़ी, हिंदी और संस्कृत भाषा पर उसका बहुत अच्छा अधिकार है... इसके साथ ही उसने किसी की बिना सहायता लिए... विदेशी भाषायें भी सीखी है... बहुत स्तरीय पेंटिंग करती है ..स्क्रेच आर्ट बहुत अच्छी निभाती है।
आज विद्याथियों को दर्शना पुरोहित से सीखने की जरूरत
दर्शना पुरोहित अपने विद्यालय को बहुत प्रेम करती है... विद्यालय भावनात्मक रूप से भवन से जुड़ा हुआ है। सभी गुरुजन और विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों से बहुत स्नेह करती है... आज विद्याथियों को दर्शना पुरोहित से सीखने की जरूरत है। कैसे कठिन तपस्या कर..आज इस मंजिल पर पहुंची...जहां गुरूजनों का स्नेह मिल रहा है...वही दादा-दादीजी, माता-पिता, नाना-नानी, बड़ी मम्मी-पापाजी, मामा-मामीजी, भाई-बहिनों के मन से एक ही दुआ निकल रही है...कि बेटियां भी किसी से कम नहीं है। बस उन्होंने सम्मान देने की जरूरत है। बेटियां किस्मत वालों को ही मिलती है। इसलिए कभी भी बेटियों को बोझ ना समझते हुए...उनके लालन-पालन में काटोत्री ना करें..शिक्षा के प्रति जागरूक कर आज जहां दर्शना खड़ी है वहां समाज की हर बेटियां खड़ी नजर आना चाहिए।
बहुत मंज़िले तय करनी है बाक़ी है... आप दुआएं किजिए...
शिव हरि शर्मा सर... आपका ह्रदय की गहराइयों से आभार की आपने दर्शना पुरोहित की सफलता में मेरे भरोसे को जाना... लेकिन सिर्फ़ मैं ही नहीं मेरे बड़े भैया दर्शना पुरोहित के बड़े मामा... हितेश जोशी का बहुत यक़ीन रहा है...दर्शना पुरोहित को अंतरमन से समझाने वाले बड़े मामा...मैं दर्शना पुरोहित के सभी शुभ चिंतकों का आभार ज्ञापित करता हूँ... अभी पहली मंज़िल है...पैर पहली सीढ़ी पर जमाया है हमने... बहुत मंज़िले तय करनी है बाक़ी है...आप दुआएं किजिए... मंजिल पर पहुंचकर आप सबके करीब रहे। दर्शना पुरोहित बधाई की हकदार है, तुमने वह कर दिखाया जिसके सपने अनेक आँखे सँजोती हैं मगर जिद्द सिर्फ तुम जैसे बच्चे ही कर पाते हैं। तुम जब विद्यालय में थी तब भी तुम हमारी व समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं की प्रिय छात्र-छात्राओं में थी। पढाई में अव्वल होने के साथ साथ तुम लिखती भी कुछ ऐसा थी जो व्यक्तिशः मुझे बेहद पसंद था। सह-शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लेना भी तुम्हारा शगल रहा। मुझे अच्छे से याद है कि क्लास 11 में तुम्हारी छोटी-मोटी एकेडमिक कमियों के चलते मैं जब भी तुमसे नाराज हुआ तुमने सदैव कुछ कर दिखाने का अपना वादा दोहराया और आज उसे निभा कर भी दिखाया।
असफलता से निराश नहीं हुई
दर्शना पुरोहित विद्यालय के बाद भी तुम नियमित संपर्क में थी और शीतल मेम व हम सभी आशान्वित थे कि तुम्हारा मेडिकल में चयन होना लगभग तय है। लेकिन तुम पहले एटेम्पट में कुछ नंबर से रह गई। बस यहीं से तुम हम सभी से पूरी तरह संपर्क विहीन हो गईं। हमने कोशिश की लेकिन जानकारी नही मिली... किसी ने हमें तुम्हारे कैरियर के प्रति अगले कदम के बारे में तनिक भी भनक नहीं लगने दी। हम बेहद चिंता में थे। पता नहीं तुमने मेडिकल में चयनित नहीं हो पाने के उपरांत क्या कोर्स किया है ! तुम कहीं डिप्रेशन में तो नहीं हो ! पाता नहीं तुम क्या कर रही हो ! हमसे संपर्क क्यूँ नहीं कर रही ? आदि अनेक सवाल हमें खाते रहे ! एक शिक्षक के सामने उसके बेहद काबिल छात्र के असफल होने का दर्द स्वयं की असफलता के क्षोभ से भी ज्यादा होती है।
अचानक कॉल आता है...सर ! प्रणाम, मैं दर्शना पुरोहित
हमने जैसे...तैसे अपने आप को यह कन्विंस किया ही था कि तुम कोई रेगुलर कोर्स कर रही होंगी कि तभी ठीक एक वर्ष बाद तुम्हारा अचानक कॉल आता है...सर ! प्रणाम, मैं दर्शना पुरोहित। मेरा एम्स में चयन हो गया है। नागपुर अलॉट हुआ है। सच कहूँ तो यह इतना आकस्मिक था कि मुझे कुछ समझ ही नहीं आया कि कैसे रियेक्ट करूँ। इतनी बड़ी खुशी का ब्लास्ट उस नाराजगी के साथ हुआ था कि तुम पूरे एक साल कहाँ थी। बस तुम्हारे लिए हमेशा की तरह फिर से आशीर्वाद के शब्द ही निकले। समझ आ गया कि तुमने ठान लिया था कि टॉप सिलेक्शन के बाद ही सर-मेडम के सामने जाऊँगी। ऐसे विरले बच्चे किसी टीचर के जीवन में यदा कदा ही आते हैं। फिर स्कूल में हुए सम्मान समारोह में अपने उदबोधन के समय तुमने जितनी सादगी व बारीकी से जूनियर्स को गाइड किया। सीना हमारा चार गुना चौड़ा था। तुम्हारी पँक्ति, “शिवहरि शर्मा सर हमेशा इसी बात के पीछे पड़े रहते थे कि कुछ भी रटो मत, हर कांसेप्ट को समझकर क्लियर करो चाहे कितना भी टाइम लगे। कुछ भी छोड़... छोड़कर मत पढो... सबकुछ डिटेल में पढो... एक्स्ट्रा पढो... क्लास में खूबु... सवाल पुट अप करो... ये सारी बातें मुझे तब अच्छे से याद आईं जब मैं प्रफेशनली कोचिंग पर तैयारी करती थीं।
मामा भुवनेश प्रभु जोशी को तुम पर सबसे ज्यादा भरोसा था
इसीलिए जूनियर दोस्तों तुम भी खूब मेहनत करो। ये तुम्हारी बातें निश्चित ही उनको नई प्रेरणा दे गईं। इस पूरी यात्रा में तुम्हारे माता-पिता और विशेषत : तुम्हारे मामा भुवनेश प्रभु जोशी को बचपन से ही तुम पर सबसे ज्यादा भरोसा था उनका योगदान अतुलनीय है। शब्द बहते रहेंगे... यहीं रुकते हैं। एक बार पुनः तुम्हें कोटिश आशीर्वाद एवम उज्ज्वल भविष्य की अनंत शुभकामनाएं। तुम सदैव ऐसे ही अपने माता पिता, शिक्षक -शिक्षिका, स्कूल, नगर, घर-परिवार, जिले व राष्ट्र का नाम रोशन करती रही... यही ठाकुरजी से प्रार्थना है।
श्रीजी बाबा आप का डंका बजे वहां दर्शना पुरोहित की जय हो...
दर्शना पुरोहित तथा परिजनो को पालीवाल वाणी समाचार पत्र की ओर से हार्दिक उज्जवल भविष्य की अनंत शुभकामनाएं...दर्शना जैसी बेटियों पर संपूर्ण समाज गौरव महशुस कर रहा है। धन्य है ऐसे माता-पिता जिसके कारण आज दर्शना...वो ऊँचाई के शिखर पर पहुंच रही है...जिसका सपना होता है। आज निश्चित रूप से श्रीजी बाबा अपने धाम की बेटी दर्शना को अपना आशीष प्रदान कर रहे होगे। उस समय संपूर्ण जगत प्रभु श्रीजी बाबा से प्रार्थना कर रहा होगा कि दर्शना पुरोहित को इतने शिखर पर पहुंचना जहां आप का डंका बजे वहां दर्शना पुरोहित की जय हो...
दर्शना पुरोहित को मिल रही है बधाईयां...
दर्शना पुरोहित सुपुत्री लीना -अनिल पुरोहित को सर्वश्री मिराज सीएमडी मदन पालीवाल, प्रबंधक प्रकाश पालीवाल, समाजसेवी ऊंकार पालीवाल, पालीवाल समाज 44 श्रेणी अध्यक्ष नरोत्तम जोशी, पालीवाल समाज 24 श्रेणी अध्यक्ष गिरीश पालीवाल, पालीवाल समाज 24 श्रेणी अध्यक्ष कांकरोली हरगोविंद पालीवाल, मुंकेश पालीवाल (राही), भरत पालीवाल, अशोक पालीवालए कृष्णकांत पालीवाल (एडवोकेट), भाजपा नेता भानु पालीवाल, पूर्व सरपंच श्यामसुंदर पालीवाल, देवनारायण पालीवाल, कमलेश पालीवाल, नीलेश पालीवाल, नर्मदाशंकर पालीवाल, मोहनलाल पालीवाल, मोहन जोशी, प्रकाश जोशी, ओम जोशी, शरद बागोरा, वीरेंद्र पुरोहित, रामचन्द्र जोशी, देवेंद्र कुमार, जगदीशचंद्र शर्मा, नरेंद्र पालीवाल, नानालाल जोशी, कुलदीप शर्मा, महाराजा सीएमडी राकेश पालीवाल, हेमंत पालीवाल, हेमंत दवे, कमल पालीवाल (मनाव), कोमल पालीवाल, गोपेश बागोरा, भगवतीलाल बागोरा, गोपाल पालीवाल, प्रदीप पालीवाल, उमेश पालीवाल, प्रदीप पालीवाल, हरिवल्लभ पालीवाल, पूर्व सभापति आशा पालीवाल, फालगुन पुरोहित, रुक्मणी पालीवाल, राजकुमारी पालीवाल, रेखा पालीवाल, मंजू पालीवाल, पालीवाल वाणी समूह एवं राजसमंद टाइम्स सहित विभिन्न संगठन के पदाधिकारियों ने हर्ष व्यक्त करते हुए शुभकामना दी।
*पालीवाल वाणी ब्यूरो - Sunil Paliwal...✍️*
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पालीवाल वाणी हर कदम... आपके साथ...
*एक पेड़...एक बेटी...बचाने का संकल्प लिजिए...*