मुम्बई

रिटायर्ड सैनिक ने बीमार पत्नी व मानसिक रूप से विकलांग बेटी को उतारा मौत के घाट, फिर मांगी माफ़ी, पूरी रात शवों के साथ सोता रहा शख्स

Paliwalwani
रिटायर्ड सैनिक ने बीमार पत्नी व मानसिक रूप से विकलांग बेटी को उतारा मौत के घाट, फिर मांगी माफ़ी, पूरी रात शवों के साथ सोता रहा शख्स
रिटायर्ड सैनिक ने बीमार पत्नी व मानसिक रूप से विकलांग बेटी को उतारा मौत के घाट, फिर मांगी माफ़ी, पूरी रात शवों के साथ सोता रहा शख्स

मुंबई में 89 साल के एक रिटायर्ड ने बीते रविवार को अपनी पत्नी व मानसिक रूप से विकलांग बेटी की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। इसके बाद वह पूरी रात शवों के साथ लेटा रहा। सोमवार की सुबह बुजुर्ग ने अपनी दूसरी बेटी को घटना के बारे में जानकारी दी। 58 वर्षीय बेटी के मुताबिक, बुजुर्ग पिता ने फोन कर कहा कि मुझे माफ कर देना और पुलिस को घटना के बारे में सूचना दे दी जाए।

मामले में जानकारी के अनुसार, पुरुषोत्तम सिंह गंधोक नाम का बुजुर्ग मुंबई के अंधेरी पूर्व में शेर-ए-पंजाब कॉलोनी में अपनी बीमार पत्नी जसबीर कौर (81) और मानसिक रूप से विकलांग बेटी कमलजीत कौर (55) के साथ रहता था। पत्नी व बेटी की हत्या करने वाले गंधोक के पड़ोसियों के मुताबिक, वह काफी बुजुर्ग थे और अकेले ही सभी की देखभाल करते थे। उसका शरीर अब उतना क्षमतावान नहीं था कि वह घर का सारा काम कर सके।

पुलिस के मुताबिक, पुरुषोत्तम सिंह गंधोक पूर्व में सेना में था और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी शामिल रहा था। नौकरी के दौरान ही पैर में गोली लगने के कारण उसने 1976 में सेना छोड़ दी थी। फिर कई सालों तक मुंबई में कार चलाई और दुकान खोली लेकिन बढ़ती उम्र के आगे वह हार मान गया। बीते 20 साल से वह अपनी बीमार पत्नी जसबीर कौर (81) और मानसिक रूप से विकलांग बेटी कमलजीत कौर (55) की देखभाल कर रहा था।

मेघवाड़ी थाने के वरिष्ठ निरीक्षक रवींद्र कुडपकर के अनुसार, बीते रविवार को गंधोक को 6/7 फरवरी की दरमियानी रात को सोते समय पत्नी व बेटी का दिया। गंधोक ने पुलिस को बताया कि वह घर का सारा काम और दोनों मृतकों की देखभाल करते-करते थक गया था। गंधोक को चिंता थी कि, यदि उसकी मौत हो गई तो इनकी सेवा कौन करेगा। पुलिस ने कहा कि आरोपी ने हताश होकर वारदात को अंजाम दिया है।

मामले में पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना के दूसरे दिन सुबह जब दूसरी बेटी गुरुविंद कौर व उनका बेटा जय आनंद, गंधोक के पास गये तो आरोपी ने उससे कहा- “मुझे माफ़ कर देना। मैंने दोनों को मार दिया। मुझसे घर का सारा काम नहीं हो रहा था और मैंने उन दोनों को मारकर दुःख से मुक्त कर दिया।” पड़ोसियों ने कहा कि गंधोक ने कुछ दिन पहले हुई मुलाकात में रोते हुए बताया था कि वह बहुत परेशान है।

वरिष्ठ निरीक्षक रवींद्र कुडपकर ने कहा कि कुछ दिनों पहले गंधोक की बेटी ने पिता गंधोक के घर एक पुरुष हेल्पर भी काम पर रखा था लेकिन दो दिन बाद ही उसने नौकरी छोड़ दी थी। वरिष्ठ निरीक्षक के मुताबिक, जांच टीम मामले में पूछताछ कर रही है और संबंधित लोगों के बयान दर्ज किये जा रहे हैं। अभी हमें में इस्तेमाल किया गया चाकू बरामद नहीं हुआ है, लेकिन घर और आसपास के क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी है।

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