मध्य प्रदेश
नीमच की वंशिता गुप्ता के हौसलों की उड़ान : पिता जज के ड्राइवर हैं, बेटी सिविल जज बनी
जगदीश राठौरनीमच : (जगदीश राठौर...) अगर मन में कुछ करने का जज्बा हो, तो लाखों मुश्किलें भी रास्ता नहीं रोक सकती. नीमच की वंशिता गुप्ता ने ऐसा ही एक प्रण लिया था, जिसे उन्होंने न केवल पूरा किया बल्कि अपने परिवार के साथ ही प्रदेश का नाम भी रोशन किया है. अगर कुछ कर गुरजने की इच्छा हो तो परिस्थितियां भी आपके आड़े नहीं आती हैं। कुछ इसी प्रकार का जज्बा शहर की दो बेटियों ने कठिन परिश्रम व कठिनाइयों को नाकरते हुए सिविल जज की परीक्षा पास कर दिखाया है। इन्होंने परीक्षा के साथ साक्षात्कार में भी चयनित होकर परिजनों सहित जिलेवासियों को गौरवान्वित किया है।
वंशिता ने पहले ही प्रयास में सिविल जज की परीक्षा उत्तीर्ण की और सातवीं रैंक हासिल की। वंशिता के पिता अरविंद गुप्ता जावद में जज के ड्राइवर हैं। बेटी ने सिविल जज की परीक्षा पहले ही प्रयास में पास कर पिता का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
वंशिता और दुर्गा ने अपनी सफलता का श्रेय माता पिता को दिया
नीमच की वंशिता के साथ ही जिले की एक और बेटी ने सिविल जज की परीक्षा पास की है। नीमच सिटी निवासी दीर्घा अग्रवाल ने दूसरे प्रयास में सिविल जज की परीक्षा में सफलता हासिल की है। दुर्गा के पिता पुस्तक विक्रेता हैं। वंशिता और दुर्गा ने अपनी सफलता का श्रेय माता पिता को दिया है। दोनों ही बेटियों ने कड़ी मेहनत और लगन से परीक्षा में सफलता अर्जित कर अपनी मंजिल पाई है। बता दें प्रदेश के न्यायालय में रिक्त 252 पदों के लिए लिखित परीक्षा मार्च में हुई थी, जिसमें देश भर के 350 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। इसमें नीमच शहर की दो बेटियों का भी चयन हुआ है।
पिता के साथ कोर्ट जाने के बाद मिली प्रेरणा
इस भर्ती परीक्षा के कामयाब उम्मीदवारों में शामिल वंशिता ने कहा कि मेरे पिता के पेशे के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है। उन्होंने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि कक्षा 10 में आने से पहले वह पायलट बनना चाहती थीं। लेकिन जब वह एक बार उनके पिता के साथ अदालत गईं तो उनका विचार अचानक बदल गया और उन्होंने ठान लिया कि उन्हें अब न्यायाधीश ही बनना है। इसके बाद वंशिता ने अपने सपनों को जीना शुरू कर दिया और आज उन्होंने उसे पूरा भी कर दिखाया।
पिता बोले-बेटी पर गर्व है
नीमच जिले के जावद कस्बे के एक न्यायाधीश की कार चलाने वाले अरविंद कुमार गुप्ता ने गुरुवार को अपनी बिटिया सफलता पर खुशी जताई। अरविंद गुप्ता ने बताया कि मैं बेहद खुश हूं कि मेरी बेटी वंशिता अपने पहले ही प्रयास में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो के पद के लिए चुनी गई है। मुझे मेरी बेटी पर गर्व है। न्यायाधीश के कार चालक के रूप में 20 साल से काम कर रहे अरविंद गुप्ता ने बताया कि उनकी बेटी ने जयपुर के एक महाविद्यालय में कानून की पढ़ाई की। इसके बाद इंदौर के एक कोचिंग संस्थान में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो भर्ती परीक्षा की तैयारी की।
दीर्घा अग्रवाल का परिवार न्यायिक सेवा से जुड़ा होने के कारण जज की तैयारी
नीमच सिटी निवासी दीर्घा अग्रवाल ने बताया कि वह नेशनल हाईवे ऑथोरिटी दिल्ली में सर्विस करती है। उन्होंने नीमच कॉन्वेट से आठवीं तक पढ़ाई की है। एलएलएम रायुपर छत्तीसगढ़ से किया है। पढ़ाई के दौरान न्यायाधीश भानुमति का भी सान्निध्य मिला। उनके बड़े पापा नरेंद्र अग्रवाल एडवोकेट हैं। दादाजी कन्हैयाला ऐरन भी एडवोकेट थे। परिवार न्यायिक सेवा से जुड़ा होने के कारण उनके मन में भी इसके प्रति झुकाव था और अंत में तैयारी की और सेकंड प्रयास में उनका सिविल जज में चयन हुआ है।