इंदौर
चाकू लहराने वाली 'चाकू गर्ल' गिरफ्तार,समझाइश देकर छोड़ा : क्रांतिकारी इंदौर ने किया था वीडियो वायरल
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थाना पुलिस लसुड़िया का तुरंत एक्शन
इंदौर. सोशल मीडिया पर चाकू लहराकर दहशत फैलाने वाली युवती नंदिनी मीणा को आखिरकार इंदौर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लसूड़िया थाना पुलिस की इस तत्परतापूर्ण कार्रवाई से शहर ने राहत की सांस ली है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कानून से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
यह पूरा मामला तब सामने आया जब नंदिनी मीणा ने इंस्टाग्राम पर लाइव आकर किसी को धमकाने के इरादे से चाकू लहराया। इस हरकत का वीडियो @krantikariindore इंस्टाग्राम अकाउंट ने वायरल किया, जिसने तेजी से सुर्खियां बटोरीं और नंदिनी मीणा को 'चाकू गर्ल' के नाम से कुख्यात कर दिया। _nandu_bawal_78 i'd से नंदिनी ने लाइव आकर यह कृत्य किया था। वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर इसकी तीखी आलोचना हुई, और लोगों ने ऐसी हरकतों पर लगाम लगाने की मांग की।
वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए लसूड़िया थाना पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की। युवती की पहचान कर उसे कुछ ही समय में गिरफ्तार कर लिया गया। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि युवती नशे की हालत में थी और सोशल मीडिया पर भय का माहौल बनाने के लिए यह हंगामा कर रही थी।
कानून का सम्मान, माफी और सख्त संदेश
लसूड़िया थाना इंस्पेक्टर तारेश सोनी ने इस मामले में न सिर्फ गिरफ्तारी की, बल्कि एक अनूठी पहल भी की। उन्होंने युवती से एक वीडियो के माध्यम से इंदौर के शहरवासियों से माफी मंगवाई और भविष्य में ऐसा कोई भी कृत्य न करने की शपथ दिलवाई। हलाकि टी आई सोनी ने युवती को समझाइश देकर छोड़ दिया। यह कदम समाज में एक सकारात्मक संदेश देने की दिशा में उठाया गया है।थाना प्रभारी तारेश सोनी ने साफ शब्दों में कहा, "कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सोशल मीडिया पर वायरल होकर कानून को मजाक समझने वालों के लिए यह कार्रवाई एक सख्त संदेश है।"
खबर का असर : गुंडई को ग्लोरी नहीं, गिरफ्तारी! इस खबर का असर तुरंत देखने को मिला है। @krantikariindore ने भी इस कार्रवाई का समर्थन करते हुए स्पष्ट संदेश दिया है: "गुंडई को ग्लोरी नहीं, गिरफ्तारी मिलेगी!" यह घटना उन सभी लोगों के लिए एक चेतावनी है जो सोशल मीडिया को अपनी आपराधिक गतिविधियों या दादागिरी का प्रदर्शन करने का मंच समझते हैं।
इंदौर पुलिस की यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करती है कि शहर में कानून का राज है और अराजकता फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यह दिखाता है कि "इंदौर बोले – अब हमारी बारी है!" यानी शहरवासी भी ऐसी हरकतों के खिलाफ एकजुट हैं और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस का सहयोग कर रहे हैं।