Tuesday, 22 July 2025

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में दूसरे राज्यों का जाति प्रमाण-पत्र होगाअमान्य : आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा

paliwalwani
मध्य प्रदेश में दूसरे राज्यों का जाति प्रमाण-पत्र होगाअमान्य : आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा
मध्य प्रदेश में दूसरे राज्यों का जाति प्रमाण-पत्र होगाअमान्य : आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा

भोपाल. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि किसी अन्य राज्य से जारी जाति प्रमाण-पत्र का उपयोग मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति के आरक्षण लाभ के लिए नहीं किया जा सकता. यह निर्णय उज्जैन नगर निगम के महापौर चुनाव में प्रीति गेहलोद द्वारा राजस्थान से जारी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के बाद आया, जिसे कोर्ट ने अस्वीकृत कर दिया.

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि किसी अन्य राज्य से जारी जाति प्रमाण-पत्र का उपयोग मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति से जुड़े लाभ के लिए नहीं किया जा सकता. इस फैसले से यह साफ हो गया है कि केवल उसी राज्य द्वारा जारी जाति प्रमाण-पत्र को मान्यता दी जाएगी, जहां से व्यक्ति आरक्षण लाभ प्राप्त करना चाहता है.

वर्ष 2015 में उज्जैन नगर निगम के महापौर पद के लिए चुनाव में प्रीति गेहलोद ने नामांकन दाखिल किया था, जब यह पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था. प्रीति गेहलोद ने नामांकन के साथ राजस्थान से जारी अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया. हालांकि, निर्वाचन अधिकारी ने इसे अस्वीकृत कर दिया, यह तर्क देते हुए कि प्रमाण-पत्र मध्यप्रदेश द्वारा जारी नहीं था. इसके बाद गेहलोद ने चुनावी फैसले के खिलाफ उज्जैन जिला न्यायालय में याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने निर्वाचन अधिकारी का फैसला सही बताते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी.

इस मामले को लेकर गेहलोद ने हाईकोर्ट में अपील की, जहां उनका तर्क था कि बैरवा जाति राजस्थान और मध्यप्रदेश दोनों राज्यों में अनुसूचित जाति के रूप में सूचीबद्ध है, इसलिये उनका जाति प्रमाण-पत्र मान्य होना चाहिए. लेकिन हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के 2014 के आदेश को ध्यान में रखते हुए कहा कि आरक्षण की सुविधा केवल उसी राज्य में मिलेगी, जहां से जाति प्रमाण-पत्र जारी किया गया हो. राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि बिना मध्यप्रदेश से जारी जाति प्रमाण-पत्र के, यहां आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता.

कोर्ट ने की चुनाव याचिका खारिज : हाईकोर्ट ने इस आधार पर चुनाव याचिका को खारिज किए जाने के फैसले को सही ठहराया और यह स्पष्ट कर दिया कि किसी अन्य राज्य से जारी जाति प्रमाण-पत्र से मध्यप्रदेश में आरक्षण का लाभ प्राप्त नहीं हो सकता.

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News