इंदौर
शादी की सालगिराह : एक नाम पहचान का मोहताज नहीं...श्री आर एन दवे
पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्कइंदौर. पालीवाल ब्राह्मण समाज 44 श्रेणी इंदौर के वरिष्ठ समाजसेवी एवं लोगप्रिय अधिवक्ता श्री रामनारायण दवे संग श्रीमती पुष्पा दवे (ग्राम. बामन टूंकड़ा) की शादी के 50 वर्ष (स्वर्ण जयंती) होने पर सादगी पूर्ण तरीके से मनाने की खूब चर्चित हुई. शादी की सालगिराह पर विशेष रूप से एक परिचय करना हमारा दायित्व बन जाता क्योंकि वो नाम पहचान का मोहताज नहीं...बल्कि लोगों को पहचान दिलाने के नाम से विख्यात है, जिसने निस्वार्थ भावना से प्रेरित होकर अनगिनत सेवाएं प्रदान की.
आज के भौतिकवादी संसार में ऊर्जा का उपभोग बड़े पैमाने पर होने लगा हैं, ऊर्जा विकास की प्राथमिक आवश्यकता हैं, उसी शौर्य ऊर्जा से नई कांति का स्वरूप आर एन दवे साहब ने प्रदान किया. आज उनकी जिंदगी में तमाम खुशियां का संचार करने वाली पुष्पा जी दवे यने लक्ष्मी का गृह प्रवेश हुआ. उस वटवृक्ष ने तमाम शाखाओं से खुशबू बिखरने और महकने का काम किया. जो आज इंदौर ही नहीं बल्कि मेंवाड़ ही नहीं विदेश में भी अपनी गहरी अमिट छाप छोड़ी. आप का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ. आपके पिताजी ने सन 1962 में 10 वीं कक्षा तक शिक्षा दिलाने के बाद अपनी असमर्थता जाहिर करने के बाद भी आप निराश नहीं हुए और पार्ट टाईम नौकरी करके हायर सेकेण्डरी परीक्षा में टॉप किया. कठिन समय में भी आपने पीछे मुंह मोड़ कर नहीं देखा. वाणिज्य में स्थानक की उपाधि हासिल कर समाज को गौरान्वित किया. एल.एल.बी. की परीक्षा 1971 में परीक्षा पास की फिर सन 1971 में वकालत की ओर ध्यान केंद्रित किया. जो सिलसिला आज भी सतत् जारी हैं. जिनकी शादी के आज 75 वर्ष पूर्ण होने पर आपके प्रशांसकों की ओर से तमाम बधाई संदेश मिल रहे होगें. ऐसे शुभ अवसर पर पूर्व कार्यकारिणी सदस्य श्री नारायण जी दवे (दवे मेडिकल) ने पालीवाल वाणी से अपनी यादगार पलों को कैद करने के लिए चंद लम्हें लिखने को कहा. लेकिन क्या लिखू समझ में नहीं आ रहा हैं. जिनके पन्नों पर हमेशा वकालत की डायरी हाथों में हो...गरीबों के लिए हमेशा तन-मन-धन से समर्पित रहने वाले महापूरूषों पर अपनी बात कहना भी नहीं आती...लेकिन उनके बारे में लिखा बहुत कुछ लिखा भी जाना चाहिए...मेरी प्रथम दृष्टि में पालीवाल समाज 44 श्रेणी इंदौर मुल गांव बामन टूंकड़ा निवासी ने इंदौर में काफी संघर्ष और तपस्या के बलबूत समाज में एक हीरा निकला...सुसंस्कारों से विकास की चेतना को जाग्रृत करना. समाज में समवयस्क, उत्तम एवं संस्कारवान नागरिक श्री रामनारायण पिता ब्रह्मलीन हीरालाल जी दवे (आर एन) साहब की बात ही निराली हैं. आपने समाज में प्रसिद्व समाजसेवी की प्रतिष्ठा स्थापित होकर यह भावना हिलारें लेती रही कि समाज का विकास कैसा हो. आप पूरानी रूढ़िवादीयों के घोर विरोधी भी रहे...हमेंशा नव जवानों को नई ऊर्जा का संचार करते हुए समाजसेवा के प्रति जागरूक करते रहे. आप अत्यंत्र गरीबी की चुनौति स्वीकार कर अपने पुरूषार्थ के बल पर शिक्षा, सेवा, प्रतिष्ठा और यश प्राप्त करने वाले महानुभावों में सदैव श्रद्वापूर्वक आपकी चर्चा होती रहती हैं. इस उम्र में भी अप समाज के बारे में चिंतन-मनन करते-रहते हैं.
● एक नजर-अदालत में बहस : नई-नई वकालत में नया जोश था, एक पैरवी के दौरान हाईकोर्ट में एक प्रकरण की बहस होना थी. माननीय न्यायधीश ने मुझ से पूछा बहस क्यों नही करते हो...तब मैंने स्पष्ट रूप से बहस करने में असमर्थता व्यक्त की...तब माननीय न्यायधीश महोदय ने कहा एक घंटा में फाईल लेकर पढ़े फिर बहस सुनेंगें...यह सुन कर हाथ पैर फुलने लगे...लेकिन कठिन संघर्ष में पढ़ाई पूरी हुई थी. इसलिए साहस और जब्बा भी पुरा था. बाद में बहस की और बहस के बल पर उन्हें उस केस में सफलता मिली. वो पहली खुशी आज भी जाहिर करते समय उनकी आंखों में आंसू के पल दिखाई दे जाते हैं,
● पारखी नजर : दवे साहब ने जीवन में कभी भी हार नहीं मानी. जिसका नतीजा यह है कि आज किसी भी केस में अपनी नजरों से ही बता देते है कि केस में कितना दम हैं. अनुभव बताता है कि उन्हें आर.एन दवे साहब के नाम से क्यों पूकारा जाता हैं.
● सेवाएं : आप पूर्व में राजस्थान राज्य परिवहन निगम के अधिवक्ता भी रहे, साथ ही बीमा कंपनी के अधिवक्ता भी रहे. वर्ष 1983 से 1987 तक नगर पालिका में अधिवक्ता के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कर चुके हैं. आज भी कई गरीब परिवार के लिए निःशुल्क सेवाएं प्रदान कर रहे हैं जो काबिले तारीफ हैं.
● शादी की शुभकामनाएं :
विश्वास का यह बंधन यूं ही बना रहे, आपके जीवन में प्रेम का सागर यूं ही बहता रहे,
दुआ है रब से सुख और समृद्धि से जीवन भरा रहे, शादी की सालगिरह की आपको ढेरों शुभकामनाएं।
● नारायण दवे (दवे मेडिकल) PSपूर्व कार्यकारिणी सदस्य
● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क...✍️