इंदौर
आज `नहाय- खाय' से होगा चार- दिवसीय छठ महापर्व का शंखनाद : सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग
sunil paliwal-Anil paliwalपूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान द्वारा प्रशासन से छठ पूजा हेतु `छठ सरोवर' विकसित : 110 से अधिक छठ घाटों पर छठि मैया को अर्घ्य दिया जाएगा
इंदौर : चार-दिवसीय `छठ महापर्व' की शुरुआत आज शुक्रवार (कार्तिक शुक्ल चतुर्थी) को नहाय खाय से होगी. छठ उपासक द्वारा आज नहाई खाय के दौरान विधि-विधान से स्नान -ध्यान करेंगे तथा शुद्ध बर्तन में स्वयं के द्वारा पकाए गए चावल, दाल, लौकी की सब्जी के साथ छठ महाव्रत का संकल्प करते हुए, भोजन प्रसाद ग्रहण करेंगे. इसी नहाय–खाय के साथ चार-दिनी छठव्रत की शुरूआत होगी.
गुरुवार को इंदौर नगर निगम के सभापति मुन्नालाल यादव ने विजय नगर के स्कीम न 54 स्थित छठ घाट में चल रहे सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया. इस अवसर पर पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह, महासचिव के के झा, विजय नगर छठ पूजा आयोजन समिति के अध्यक्ष दीनानाथ सिंह, पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अमजद राईन, मूसा भाई, पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान युवा प्रकोष्ठ के अभय सिंह, विशाल सिंह राणा इत्यादि उपस्थित थे.
शनिवार (29 अक्टूबर 2022) कार्तिक शुक्ल पंचमी को खरना का आयोजन होगा. इस दिन व्रतधारी दिन भर का उपवास रखने के बाद शाम को गन्ने के रस में बने हुए चावल की खीर के साथ दूध, चावल का पिठ्ठा और घी चुपड़ी रोटी का प्रसाद भगवान सूर्य को भोग लगाने के पश्चात भोजन करेंगे. तत्पश्चात शुरू होगा व्रतधारियों द्वारा 36 घंटे निर्जला उपवास.
छठ पर्व के तीसरे दिन 30 अक्टूबर रविवार को को अस्ताचलगमी सूर्य को व्रतधारियों द्वारा जलकुण्ड में खड़े रह कर अर्घ्य दिया जाएगा. चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन 31 अक्टूबर सोमवार को व्रतियों द्वारा उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देने के पश्चात होगा.
प्रशासन से सार्वजनिक छठ महापर्व मनाने हेतु छठ सरोवर विकसित करने की मांग
पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्य प्रदेश के अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह एवं महासचिव के के झा ने कहा कि संस्थान द्वारा प्राप्त ताजे आंकड़े के अनुसार, इस वर्ष शहर के 110 से अधिक छठ घाटों पर छठ पूजा का आयोजन शहर के विभिन्न छठ पूजा आयोजन समितियों द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शहर एवं प्रदेश में पूर्वांचल के लोगों की बढ़ती जनसँख्या एवं छठ घाटों को देखते हुए पूर्वोत्तर सांस्कृति संस्थान शीघ्र ही जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं महापौर से मिलकर उन्हें शहर के किसी बड़े तालाब को छठ सरोवर के रूप में विकसित करने की मांग करेंगे. जिससे कि अधिक से अधिक छठ उपासक एक जगह एकत्रित हो सार्वजनिक रूप से छठि मैया को अर्घ्य दे सकें. साथ ही संस्थान द्वारा स्थानीय प्रशासन एवं प्रदेश सरकार से देश के कई राज्यों की तरह छठ पर्व पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की जाएगी.