इंदौर
श्री मंगल नगर कॉलोनी पर अवैध कब्जा और ध्वनि प्रदूषण से त्रस्त जनता, प्रशासन ने साधी चुप्पी...!
paliwalwaniन्याय के लिए उठ रही आवाज़, क्या प्रशासन जागेगा?
इंदौर. himesh reshamia
इंदौर की श्री मंगल नगर कॉलोनी आज एक गंभीर समस्या से जूझ रही है. सार्वजनिक गार्डन (भूखंड क्रमांक 360) पर अवैध कब्जे और ध्वनि प्रदूषण के विरुद्ध लगातार शिकायतों के बावजूद प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह से निष्क्रिय बना हुआ है.
यह गार्डन कॉलोनी के बच्चों के खेलने, बुजुर्गों के विश्राम और नागरिकों के सुकून के लिए था, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने इसे धार्मिक निर्माण के नाम पर हड़प लिया और अब इसे व्यावसायिक उपयोग के लिए किराए पर दिया जा रहा है.
रहवासियों ने नगर निगम, ज़ोनल अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कलेक्टर कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय तक कई बार शिकायतें भेजीं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.
कॉलोनीवासियों का आक्रोश अब चरम पर है. अगर प्रशासन जल्द ही इस मामले को गंभीरता से नहीं लेता, तो नागरिकों को मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा. प्रशासन को उनकी ज़िम्मेदारियों का अहसास कराएं ताकि वे शीघ्र आवश्यक कार्रवाई करें. प्रभावित निवासियों की आवाज़ को मंच प्रदान करें ताकि न्याय मिले।
श्री मंगल नगर के सार्वजनिक गार्डन पर अवैध निर्माण-तत्काल कार्यवाही हेतु
माननीय प्रशासकीय अधिकारीगण,
क्या प्रशासन सच में निष्क्रियता की मूर्ति बनकर बैठा रहेगा? क्या आम जनता की शिकायतें आपकी फ़ाइलों में धूल फांकती रहेंगी, और अतिक्रमणकारी अपने इरादों में सफल होते रहेंगे?
श्री मंगल नगर के सार्वजनिक गार्डन की भूमि पर अवैध निर्माण जोरों पर है, और यह सब आपकी चुप्पी के चलते हो रहा है! मंदिर की आड़ में व्यवसायिक गतिविधियां, लाउडस्पीकर के शोर से जनता की शांति भंग करना और सरकारी संसाधनों (बिजली-पानी) का दुरुपयोग-क्या यही है आपके कर्तव्य का निर्वाह?
आप सभी को कई बार इस मुद्दे पर अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। क्या हमें यह मान लेना चाहिए कि सरकारी मशीनरी मात्र दिखावे के लिए है और प्रशासनिक तंत्र केवल ताकतवर लोगों के इशारों पर ही कार्य करता है?
हमारी माँगें :
- अवैध निर्माण को तुरंत रोका जाए और किए गए अतिक्रमण को हटाया जाए.
- लाउडस्पीकर से ध्वनि प्रदूषण पर प्रतिबंध लगाया जाए.
- सार्वजनिक गार्डन को पुनः हरित उद्यान के रूप में विकसित किया जाए.
- दोषी व्यक्तियों पर कानूनी कार्यवाही की जाए.
पीड़ित रहवासियों द्वारा किए गए पूर्व शिकायतें
आज के समय में, जहां हम आधुनिकता की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं, वहीं हमारे समाज में कई ऐसे मुद्दे उभर रहे हैं जो हमारी सामूहिक शांति और व्यवस्था को बाधित कर रहे हैं। ऐसे ही एक ज्वलंत मुद्दे पर विचार करना आज की आवश्यकता है, जो कि सार्वजनिक स्थानों पर अवैध निर्माण और ध्वनि प्रदूषण से जुड़ा हुआ है।
सार्वजनिक संपत्ति का अवैध कब्जा : हमारे शहरों में कई ऐसे सार्वजनिक स्थल होते हैं, जिन्हें लोगों की भलाई के लिए आरक्षित किया जाता है, जैसे कि उद्यान, पार्क, और अन्य सार्वजनिक स्थान। लेकिन दुखद बात यह है कि कुछ असामाजिक तत्व इन स्थानों पर अवैध कब्जा कर लेते हैं। इस कब्जे का समर्थन अक्सर धर्म की आड़ में किया जाता है, जिससे कानून के विरुद्ध होते हुए भी इन गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं हो पाता।
ध्वनि प्रदूषण और धर्म : ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है, खासकर तब जब यह धार्मिक आयोजनों में अत्यधिक उपयोग किया जाता है। सुबह-शाम लाउडस्पीकर पर होने वाली अजान हो या फिर मंदिरों में चलने वाले धार्मिक अनुष्ठान, इन सबके बीच यह ध्यान देना आवश्यक है कि इससे किस प्रकार समाज के अन्य लोगों को परेशान किया जा रहा है। सनातन धर्म हो या कोई अन्य धर्म, हर धर्म का उद्देश्य शांति और सद्भावना है। लेकिन जब यह शांति स्वयं धर्म के नाम पर ही भंग हो, तो हमें सोचना होगा कि कहां तक यह सही है?
प्रशासन की भूमिका : यहाँ प्रश्न उठता है कि प्रशासनिक तंत्र कहां है? क्यों इन अवैध निर्माणों को रोका नहीं जा रहा? क्यों...!