इंदौर

इंदौर जिला प्रशासन की कार्यवाही : होलसेल पटाखा मार्केट की दुकानें सील

Paliwalwani
इंदौर जिला प्रशासन की कार्यवाही : होलसेल पटाखा मार्केट की दुकानें सील
इंदौर जिला प्रशासन की कार्यवाही : होलसेल पटाखा मार्केट की दुकानें सील

इंदौर : इंदौर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही करते हुए रीजनल पार्क स्थित होलसेल पटाखा मार्केट की दुकानें की सील कर दी. बताया जा रहा है कि इस कार्यवाही के पीछे कोई राज छिपा हैं. इंदौर प्रशासन के अधिकारियों ने रीजनल पार्क के सामने बने पटाखा मार्केट में लाइसेंस नहीं होने पर दो दुकानें सील कर दीं. इस कार्यवाही पर कई सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि प्रशासन ने अभी तक इस साल के ताजा लाइसेंस जारी ही नहीं किए हैं. इसके बाद व्यापारियों ने विरोध में पूरा मार्केट बंद कर दिया. इसके बाद प्रशासन ने आदेश दे दिया कि भले ही मार्केट में 61 दुकानें बन गई हों, लेकिन यहां सिर्फ 40 दुकानें ही लग सकेंगी. इसके बाद देर रात तक व्यापारी बैठक करते रहे.

गुरुवार दोपहर में एडीएम पवन जैन व अन्य अधिकारी पटाखा मार्केट में दो दुकानों की जांच करने पहुंचे. एक दुकान में फुलझड़ियां रखी पाई गई. इस पर संचालक से लाइसेंस मांगा गया. व्यापारी ने लाइसेंस के लिए जमा चालान फीस की प्रति दिखाई. अधिकारियों ने कहा कि यह लाइसेंस नहीं हैं. इस पर व्यापारी ने कहा कि पूरे बाजार में सभी दुकानें ही चालान के आधार पर लगी हैं. लाइसेंस तो अभी किसी को जारी नहीं हुए. 

अधिकारी पंचनामा बनाने लगे तो व्यापारी ने कहा कि ऐसे तो सभी पर कार्यवाही होनी चाहिए. अधिकारी नहीं माने, उन्होंने दो दुकानें सील कर दीं. इसके बाद व्यापारी एसोसिएशन ने पूरे बाजार की सभी दुकानें बंद कर दीं. हालांकि, दोपहर बाद जब प्रशासन ने दुकानें कम करने का फरमान सुनाया तो सब व्यापारी एकजुट हो गए और मालवा मिल क्षेत्र में एक दुकान पर बैठक की. पटाखा व्यापारी एसोसिएशन के श्री शंकर होतचंदानी ने कहा कि हम बैठक कर रहे हैं, आपस में बैठकर मामले का हल निकाल लेंगे.

40 दुकान की ही अनुमति मिलेगी : प्रशासन की कार्यवाही के बाद एडीएम पवन जैन ने कहा कि व्यापारियों की ओर से ही सूचना दी गई थी, ऐसे में चिह्नित दुकानों पर कार्यवाही की गई. उनके पास लाइसेंस नहीं पाया गया. चालान की प्रति को लाइसेंस नहीं माना जा सकता. एडीएम ने कहा कि पता चला है कि कई व्यापारी जो कारोबार नहीं कर रहे, उनके लाइसेंस पर दूसरे दुकान लगा रहे हैं. हमने एसोसिएशन से कह दिया है कि सिर्फ 40 दुकानें ही यहां रहेंगी. सुरक्षा और व्यवस्था का सवाल है. वे आपस में बैठकर तय कर लें. क्या करना हैं.

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