इंदौर

मध्य प्रदेश की आबकारी नीति में बड़ा बदलाव, 1 अप्रैल से खुलेंगे नए बीयर बार : 17 पवित्र शहरों सहित 19 शहरों में बंद होंगी दुकानें

sunil paliwal-Anil Bagora
मध्य प्रदेश की आबकारी नीति में बड़ा बदलाव, 1 अप्रैल से खुलेंगे नए बीयर बार : 17 पवित्र शहरों सहित 19 शहरों में बंद होंगी दुकानें
मध्य प्रदेश की आबकारी नीति में बड़ा बदलाव, 1 अप्रैल से खुलेंगे नए बीयर बार : 17 पवित्र शहरों सहित 19 शहरों में बंद होंगी दुकानें

इंदौर. मध्य प्रदेश में नई आबकारी नीति एक अप्रैल से लागू होगी। एक अधिकारी ने बताया कि रविवार को जारी नई आबकारी नीति के तहत मध्य प्रदेश में पहली बार “लो अल्कोहलिक बेवरेज बार” खुलेंगे, जबकि 17 पवित्र शहरों सहित 19 जगहों पर शराब की बिक्री बंद हो जाएगी। इन नए बार में केवल बीयर, वाइन और रेडी-टू-ड्रिंक अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ ही पीने की अनुमति होगी, जिसमें अधिकतम 10 प्रतिशत वी/वी (वॉल्यूम ऑन वॉल्यूम) अल्कोहल हो।

सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऐसे बार में स्प्रिट का सेवन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। फिलहाल, पूरे मध्य प्रदेश में 460 से 470 शराब-सह-बीयर बार हैं। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इन नए आउटलेट के साथ बार की कुल संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होगी।

47 दुकानें बंद होंगी

सरकारी बयान में कहा गया है कि 1 अप्रैल से 17 पवित्र शहरों सहित 19 स्थानों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध के तहत कुल 47 मिश्रित शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी। एक मिश्रित दुकान में एक भारतीय निर्मित विदेशी शराब और एक देशी शराब की दुकान शामिल है। कुछ पवित्र शहर जहां शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लागू होगा, उनमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक और सलकनपुर शामिल हैं। नई आबकारी नीति को मंजूरी मिलने के बाद 23 जनवरी को सीएम मोहन यादव ने शराब की बिक्री पर प्रतिबंध की घोषणा की थी। इस कदम से राज्य सरकार को आबकारी राजस्व में लगभग 450 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। 

दूसरे शहर से खरीदकर पी सकेंगे शराब

अधिकारियों ने बताया कि जिन क्षेत्रों में शराब कि बिक्री बंद हो रही है, वहां बाहर से शराब लाने और उसे व्यक्तिगत रूप से पीने पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा, क्योंकि मध्य प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू नहीं है। जिन जगहों पर दुकानें बंद होने जा रही हैं, वहां शराब ले जाने और पीने पर रोक लगाने के लिए मध्य प्रदेश में बिहार निषेध अधिनियम, 2016 जैसा कानून बनाने की जरूरत है।

अधिकारियों ने बताया कि बिहार के अलावा गुजरात में भी शराबबंदी कानून है, जबकि मध्य प्रदेश में केवल आबकारी अधिनियम लागू है। एक अधिकारी ने बताया, "पूरी तरह से कानूनी दृष्टि से यह शराब की बिक्री और बार में बैठकर शराब पीने आदि के स्थानों को प्रतिबंधित करता है। इसमें व्यक्तिगत प्रतिबंध नहीं है। लोग शराब रख सकते हैं और उसका सेवन व्यक्तिगत रूप से कर सकते हैं, सामूहिक रूप से नहीं।" 

फीस में 20 फीसदी का इजाफा : सरकारी बयान में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष के लिए नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों के नवीनीकरण शुल्क में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। हालांकि, हेरिटेज शराब और वाइन उत्पादन नीति अपरिवर्तित रहेगी। हेरिटेज शराब निर्माताओं को मूल्य वर्धित कर (वैट) से छूट जारी रहेगी। राज्य की अंगूर प्रसंस्करण नीति के तहत किसानों की आय बढ़ाने के लिए फलों के प्रसंस्करण और बागवानी विस्तार को बढ़ावा दिया जाएगा।

अंगूर और जामुन के अलावा मध्य प्रदेश में उत्पादित और संग्रहित अन्य फलों और शहद से वाइन उत्पादन की अनुमति दी जाएगी। राज्य में वाइन उत्पादन इकाइयों को अपने परिसर में खुदरा दुकानें संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। वाइनरी परिसर में पर्यटकों के लिए वाइन टैवर्न (वाइन चखने की सुविधा) की अनुमति दी जाएगी।

15,200 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व लाएंगी : विदेशी शराब की बोतल बनाने वाली इकाइयों को अगले वित्त वर्ष से विशेष शराब बनाने, भंडारण, निर्यात, आयात और बेचने की अनुमति दी जाएगी। एक अनुमान के अनुसार, मध्य प्रदेश में 3,600 मिश्रित शराब की दुकानें इस वित्त वर्ष में लगभग 15,200 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व लाएंगी।

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