इंदौर
इस्कॉन मंदिर की जगन्नाथ रथयात्रा ने समूचे सुसज्जित रथ का पूजन कर शंकराचार्य ने किया शुभारंभ – अनेक स्वागत मंचों से हुई पुष्प वर्षा
Anil Bagora
इंदौर : (Anil Bagora) परदेशीपुरा स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर शिवधाम से आज दोपहर निकली इस्कॉन की जगन्नाथ रथयात्रा ने विजय नगर स्थित गिरधर महल तक करीब सात किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग को हरे रामा-हरे कृष्णा संकीर्तन और भक्ति की रसधारा से गुंजायमान बनाए रखा। जगदगुरु शंकराचार्य भानपुरा पीठाधीश्वर स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ ने सुसज्जित हाइड्रोलिक रथ का पूजन कर इस्कॉन इंदौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास के सानिध्य में इस यात्रा का शुभारंभ किया।
शहर के अनेक संत-विद्वान एवं राजनेता भी इस यात्रा में भागीदार बने। मार्ग में करीब 30 स्वागत मंचों से भक्तों का पुष्प वर्षा के बीच स्वल्पाहार, आईस्क्रीम, फल एवं अन्य फलाहारी व्यंजनों का वितरण कर जोशीला स्वागत किया गया। देश-विदेश से आए इस्कॉन से जुड़े भक्तों ने भी समूचे मार्ग में अपनी भजन मंडलियों की प्रस्तुतियों से माहौल को पूरे समय भक्तिभाव से भरपूर बनाए रखा।
परदेशीपुरा स्थित शिवधाम पर जैसे ही जगदगुरु शंकराचार्य पहुंचे, शिवधाम परिवार की ओर से राजेश विजयवर्गीय ने सपत्नीक उनका पाद पूजन किया। अखंडधाम के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतनस्वरूप, सदगुरु अण्णा महाराज, साध्वी अर्चना दुबे, नाथ संप्रदाय के योगी विजयेन्द्रनाथ सहित अनेक संतों ने भी शंकराचार्यजी का स्वागत किया। इस्कॉन इंदौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास के सानिध्य में सबसे पहले भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के विग्रह को सुसज्जित रथ में मखमली सिंहासन पर विराजित किया गया।
महाआरती एवं भगवान जगन्नाथ के गुणगान के बाद रथ का पूजन कर सभी संतों के सानिध्य में शंकराचार्यजी ने रथयात्रा का शुभारंभ किया। जैसे ही रथयात्रा शुरू हुई, सैकड़ों श्रद्धालु रथ को रस्से की मदद से अपने हाथों से खींचने के लिए लपक पड़े। हरे रामा, हरे कृष्णा और भगवान जगन्नाथ के जयघोष से आकाश गूंज उठा। खुले रथों पर शहर के संत, विद्वान एवं महामंडलेश्वर विराजित थे। रथयात्रा प्रभारी हरि अग्रवाल, समन्वयक शैलेन्द्र मित्तल, प्रतिभा मित्तल ने बताया कि यात्रा में विधायक रमेश मेंदोला, समाजसेवी पी.डी. अग्रवाल काट्रेक्टर, टीकमचंद गर्ग, विष्णु बिंदल, गोपालदास मित्तल, पवन सिंघल क्रेन, अनिल भंडारी, गणेश गोयल, मुन्नालाल यादव, किशोर गोयल, मुकेश ब्रजवासी, ओमप्रकाश नरेडा, मदनलाल गरोठ आदि ने सभी संतों एवं भक्तों का स्वागत किया। शिवधाम से जैसे-जैसे रथयात्रा आगे बढ़ती गई, भक्तों का काफिला भी लगातार जुड़ता गया।
यात्रा मार्ग पर विजय नगर अग्रवाल महासंघ, जय अग्रसेन ग्रुप, सांई ज्योति फाउंडेशन, परदेशीपुरा अग्रवाल पंचायत, अग्रवाल नवयुवक मंडल, अग्रवाल नवचेतना महिला मंडल, श्रद्धा सुमन सेवा समिति, मालवा मिल अग्रवाल पंचायत, सोना-चांदी व्यापारी एसो. श्रमिक क्षेत्र, बजरंग महिला मंडल, अग्रवाल सांस्कृतिक मंच नंदानगर, अग्रवाल संगठन नंदानगर, छत्रीबाग जनसेवा समिति, कपड़ा व्यापारी एसो. श्रमिक क्षेत्र, अग्रश्री कपल्स ग्रुप, नंदानगर सांई मंदिर सहित करीब 30 संगठनों की ओर से स्वागत मंच लगाकर कहीं पुष्प वर्षा, कहीं स्वल्पाहार तो कहीं फलाहार के वितरण की व्यवस्था की गई थी। मुख्य रथ से भी भक्तों के लिए 21 हजार केले, ढाई क्विंटल सूखे मेवे, एक क्विंटल पेड़े और मिठाई तथा बच्चों के लिए गोली-चाकलेट आदि के वितरण की व्यवस्था की गई थी। रथ को अपने हाथों से खींचने के लिए पूरे मार्ग में भक्तों में होड़ मची रही। यात्रा को सात किलोमीटर का यह सफर तय करने में करीब चार घंटे का वक्त लगा।
इस दौरान रथ के आगे-आगे स्वर्णिम झाड़ू और पीछे राधा-कृष्ण की जीवंत झांकी भी आकर्षण का केन्द्र बनी रही। गिरधर महल पहुंचने पर इस्कॉन से जुड़े गुरुकुल के वेदपाठी बच्चों और बाहर से आए संतों तथा भक्तों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर भक्तों को मंत्रमुग्ध बनाए रखा। भोजन प्रसादी में पांच हजार से अधिक भक्तों ने पुण्य लाभ उठाया। समापन अवसर पर स्वामी महामनदास एवं यात्रा प्रभारी हरि अग्रवाल ने यात्रा को ऐतिहासिक एवं कोरोना काल के बाद पहली बार भक्तों का उत्साहपूर्ण सहयोग मिलने पर सबके प्रति कृतज्ञता भाव व्यक्त किया।