इंदौर
indore news : देशभर के महापौर और निगम कमिश्नर इंदौर आईआईएम में लेंगे स्वच्छता की ट्रेनिंग
sunil paliwal-Anil paliwalइंदौर :
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वर्ष 2022 में अन्वेषण के लिए आईआईएम इंदौर को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) से 19.95 करोड़ रुपए का अनुदान मिला था। अन्वेषण अपशिष्ट प्रबंधन और वॉश में महापौर, परामर्शदाता और नीति निर्माताओं को प्रशिक्षण देकर क्षमता निर्माण करने पर केंद्रित है। इसकी पहली बैच 31 जुलाई, 2023 से शुरू होगी, जिसमें देश भर से नामांकित और चयनित नगर निगम आयुक्त शामिल होंगे। ये वे प्रतिभागी होंगे जो स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के प्रति अपना समर्पण प्रदर्शित कर चुके हैं।
चार दिवसीय इस पाठ्यक्रम में उन्हें न केवल आईआईएम इंदौर के संकाय सदस्यों बल्कि इंदौर नगर निगम के अधिकारियों के साथ चर्चा करने और अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्रों का दौरा करने का भी अवसर मिलेगा। आईआईएम इंदौर ने अन्वेषण के तहत डेनवर विश्वविद्यालय, रटगर्स विश्वविद्यालय, ग्लासगो विश्वविद्यालय, लिवरपूल विश्वविद्यालय और बोकोनी विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी करते हुए, अन्वेषण के सहयोगात्मक प्रयास को विश्व स्तर पर विस्तारित किया है। यह इंदौर स्वच्छता मॉडल को और भी बेहतर बनाने और गीले और सूखे कचरे के प्रबंधन को अनुकूलित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञता का उपयोग करने का प्रयास है।
अस्पतालों, होटलों को भी मिलेगी ट्रेनिंग
इस मौके पर प्रो. राय ने कहा कि कल्याण संघों, होटलों और अस्पतालों के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिससे वे अपनी स्वच्छता मानकों को बढ़ाने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि अन्वेषण के अंतर्गत हमने कंपल्सरी एसिंक्रोनस सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू करने और होटलों और अस्पतालों के लिए आईआईएम इंदौर रेटिंग फॉर क्लीननेस स्थापित करने की योजना बनाई है, जो उच्चतम स्वच्छता और सफाई मानकों का समर्थन करता है।
अन्वेषण के बहुआयामी दृष्टिकोण में गीला और सूखा कचरा प्रबंधन, व्यवहार प्रशिक्षण और अनुसंधान सहित अपशिष्ट प्रबंधन और वॉश के विभिन्न पहलू शामिल हैं। इसमें सिंक्रोनस और एसिंक्रोनस प्रौद्योगिकियों से सुसज्जित उन्नत स्टूडियो हैं, जिनमें उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक कार्यक्रमों, लाइव रिकॉर्डिंग और ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा सकता है। स्टूडियो में ई-ग्लास बोर्ड की सुविधा है, जो प्रशिक्षकों को कक्षाओं के दौरान निर्बाध रूप से लिखने की अनुमति देकर शिक्षण अनुभव को बेहतर बनाता है।