इंदौर

गाड़ी पर डिजाइनर नंबर प्लेट मिली तो अब सीधे होगी कार्यवाही

Paliwalwani
गाड़ी पर डिजाइनर नंबर प्लेट मिली तो अब सीधे होगी कार्यवाही
गाड़ी पर डिजाइनर नंबर प्लेट मिली तो अब सीधे होगी कार्यवाही

इंदौर. गाड़ी पर डिजाइनर नंबर प्लेट रखने वालों और यातायात नियमों का पालन करवाने के लिए डीसीपी महेशचंद्र जैन ने 25 कर्मचारियों की स्पेशल टीम बनाई है, जो लगातार अलग-अलग स्थानों पर जाकर जांच कर रही है पुलिस का पूरा जोर नंबर प्लेट की गड़बड़ी को लेकर है। चेकिंग में कई ऐसे वाहन रोके जा रहे हैं, जिसकी नंबर प्लेट को किसी विशेष नाम से डिजाइन किया गया है। नंबर प्लेट पर इस तरह का खेल किया गया है कि आसानी से नंबर पढ़ा न जा सके।

प्रदेश की पहली नंबर प्लेट बनाने वाले पर एफआईआर दर्ज

ट्रैफिक पुलिस ने महारानी रोड के नंबर प्लेट बनाने व कार डेकोर संचालक के खिलाफ गलत नंबर प्लेट बनाने पर प्रदेश की पहली एफआईआर दर्ज की है। डीसीपी महेशचंद जैन ने बताया कि ट्रैफिक थाने के कांस्टेबल अजय तोमर को शाम साढ़े 5 बजे सीडी डीलक्स बाइक (एमपी 09 एम के 1335) के साथ महारानी रोड स्थित साईंनाथ कार डेकोर में नंबर प्लेट बनवाने भेजा गया। जवान ने दुकानदार से नंबर प्लेट तैयार करने को कहा तो संचालक ने नियमों के विपरीत नंबर प्लेट तैयार कर दी। इसके बाद जवान ने परिचय दिया और दुकान संचालक को परिवहन विभाग की गाइड लाइन व इंदौर पुलिस कमिश्नर के आदेश की जानकारी दी तो वह सकपका गया। बाद में पुलिस ने उसके खिलाफ सेंट्रल कोतवाली थाने में धारा 188 में केस दर्ज किया है।

बाइक और कार के साथ गाड़ियों के नंबर प्लेट को लेकर खास नियम

इसमें 70 सीसी से नीचे की बाइक के नंबर प्लेट में फॉन्ट की लंबाई 15 एमएम, चौड़ाई 2.5 एमएम और नंबर या अक्षर के बीच में 2.5 एमएम की खाली जगह होनी चाहिए। अगर 70 सीसी से ज्यादा की बाइक या थ्री व्हीलर होता है, तो नंबर वाले फॉन्ट की लंबाई 30 एमएम, चौड़ाई 5 एमएम और नंबर या अक्षर के बीच 5 एमएम का गैप होना चाहिए। 500 सीसी के नीचे की बाइक या थ्री व्हीलर में नंबर के फॉन्ट की लंबाई 35 एमएम, चौड़ाई 7 एमएम और दो नंबर या अक्षर के बीच 5 एमएम का गैप होना चाहिए। 500 सीसी के ऊपर के सभी बाइक और कार की नंबर प्लेट में नंबर की लंबाई 65 एमएम, चौड़ाई 10 एमएम और नंबर या अक्षर के बीच 10 एमएम का गैप होना चाहिए।

नंबर प्लेट के कलर को लेकर नियम

इन नियमों से व्हीकल के प्राइवेट या कमर्शियल होने की जानकारी मिलती है। मसलन प्राइवेट व्हीकल के नंबर प्लेट का बैकग्राउंड सफेद और उस पर ब्लैक कलर से नंबर लिखे होने चाहिए। एक या दो लाइन में नंबर लिखवा सकते हैं। उसी तरह से कमर्शियल वाहनों के लिए पीले बैकग्राउंड में ब्लैक कलर से नंबर लिखवाना चाहिए।अगर नंबर प्लेट का बैकग्राउंड पीला और उस पर लाल रंग से नंबर लिखे हों तो इसका मतलब है, कि ये गाड़ी का टेम्पररी रजिस्ट्रेशन है। ट्रेड सर्टिफाइड वाहनों में लाल रंग के बैकग्राउंड में सफेद रंग से नंबर लिखे जाते हैं।

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