Sunday, 12 October 2025

इंदौर

धनतेरस से भाई दूज तक कितने दिन रहेंगी छुट्टियां, दिवाली 2025 का पूरा कैलेंडर और छुट्टियों की डिटेल जानें

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धनतेरस से भाई दूज तक कितने दिन रहेंगी छुट्टियां, दिवाली 2025 का पूरा कैलेंडर और छुट्टियों की डिटेल जानें
धनतेरस से भाई दूज तक कितने दिन रहेंगी छुट्टियां, दिवाली 2025 का पूरा कैलेंडर और छुट्टियों की डिटेल जानें

Diwali 2025 Holiday Calendar : इस साल दिवाली का पर्व पूरे उत्साह और रौनक के साथ मनाया जाएगा। दिवाली एक ऐसा हफ्ता लेकर आएगी जो खुशियों, रोशनी और परंपरा से भरा होगा। इस साल त्योहारों की शुरुआत धनतेरस से होगी और समापन भाई दूज के दिन होगा। देशभर में इस दौरान स्कूल, कॉलेज, बैंक और कई सरकारी संस्थानों में छुट्टियां रहेंगी। आइए जानते हैं दिवाली 2025 का पूरा कैलेंडर और छुट्टियों की डिटेल।

धनतेरस से होगी दिवाली की शुरुआत

दिवाली की शुरुआत 18 अक्टूबर 2025, शनिवार से होगी जब धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन लोग सोना, चांदी, बर्तन या फिर नई वस्तुएं खरीदते हैं। माना जाता है कि इस दिन की गई खरीदारी घर में शुभता और समृद्धि लाती है। बाजारों में इस दिन रौनक देखते ही बनती है, क्योंकि लोग धनतेरस को खरीदारी का सबसे शुभ अवसर मानते हैं।

छोटी दिवाली पर होगी तैयारी और सजावट

धनतेरस के अगले दिन यानी 19 अक्टूबर 2025, रविवार को छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। घरों में इस दिन सफाई, दीयों की सजावट और मिठाइयों की तैयारी होती है। लोग शाम को दीप जलाकर नरकासुर वध की कथा का स्मरण करते हैं और आने वाली मुख्य दिवाली के लिए घर सजाते हैं।

सोमवार को मनाई जाएगी लक्ष्मी पूजा

20 अक्टूबर 2025, सोमवार को मुख्य दिवाली का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन लोग मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। धन, समृद्धि और सुख की कामना के साथ घर-आंगन में दीये जलाए जाते हैं। यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि इसी दिन भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। अयोध्यावासी दीप जलाकर उनका स्वागत करते हैं, और उसी परंपरा को आज भी लोग निभा रहे हैं।

गोवर्धन पूजा का दिन रहेगा बुधवार

22 अक्टूबर 2025, बुधवार को गोवर्धन पूजा मनाई जाएगी। यह पर्व भगवान कृष्ण के गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा से जुड़ा है। भक्त इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और अन्नकूट का आयोजन करते हैं। कई जगह मंदिरों में भव्य प्रसाद और भंडारा भी आयोजित किया जाता है। यह पर्व लोगों को अहंकार से दूर रहकर सादगी और सेवा की भावना सिखाता है।

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