इंदौर
निगम संपतिकर विवाद : "पंजीरी" खा गये खाने वाले, "गुलाब जामुन"" खायेंगे आने वाले
राजेन्द्र कुमार भोयले
निगम संपतिकर विवाद...
इन्दौर. निगम में आये आयुक्त दिलीप यादव ने इन्दौर शहर में ""संपत्ति और कर"" के लिये नवाचार शुरू किया। सारा निगम अमला एक वार्ड में कर बैठा हमला.... संपति का कितना है भूतल क्षेत्रफल, निर्माण स्वीकृती कितनी, तलघर, प्रथम - द्वितीय, तृतीय चतुर्थ आदि इत्यादि पर निर्माण हुआ कितना....
अब आप अपने निर्मित घर मकान भूसंपति के निर्माण को फिर से नपवायें और सही-सही नपती का संपतिकर भरे और जो पहले कम ""कर"" दिया है, उसकी भी भरपायी करें इसलिये कि, गलती आपने की है..... मंजूरी से ज्यादा निर्माण किया... कम से कम दिखा/दिखवा/ लिखवा कर नगर निगम को हानि आपने पहुंचायी है....
निगम कर्मचारी/कर्ताधर्ताओं का कोई दोष नहीं है....आपने अपनी दूरगामी बचत के बदले यदि निगमकर्मी को तात्कालिक रूप से ""उपकृत"" किया है, तो यह आपका ""भृष्ट - आचार - विचार - व्यवहार - कार्य है, इसमें निगम और निगरानी जिम्मेदार नहीं ठहराये जा सकते।
संपति और निर्माण की जाँच प्रथम पायदान पर सारे शहर में मानो भूंकप. जनता के प्रतिनिधि कंपन मुद्रा में आने थे, आये नतीजतन.... निर्मित संपति की जाँच क्रिया का कर्म पूरा होने से पहले ही थम गया कारण.....
हर दिये तले अंधेरा
निर्मित संपति और उस पर प्राप्त हो रहे ""कर"" में विसंगति करने वाला अपनी ""पंजीरी"" खा चुका... अब जो आये/आयेंगे फिर से संपति की होगी नपती/ जाँच और बटेंगे ""गुलाब जामुन""।
शहर की जनता पूछ रही है ??
- इन्दौर शहर में कितने जननेताओं के नाम कितनी संपति कहाँ कहाँ है ?
- सार्वजनिक रूप से बताया जाये।
- नेताओं की संपति पर प्राप्त हो रहे ""कर"" क्या वास्तविक है ??
- घोषित किया जाये।
- निर्मित संपति और प्राप्त हो रहे ""कर"" में विसंगति / अवैधता / भृष्टाचार का जिम्मेदार कौन ??
- निगम को हानि पहुंचाने वालों पर क्या कार्रवाई ? कब होगी ??
- बहुत से सवाल खड़े कर दिये आपने ""यादवजी""...... निगम में कर प्रावधानों को बत्ती देकर ""पंजीरी"" कल भी खा चुके और अब ""गुलाबजामुन""
""राम नाम पर लूट है लूट सके जो लूट""
""फिर पछताये का होय जब कुर्सी जाये छूट"" ।
राजेन्द्र कुमार भोयले
""राजन""





