इंदौर

निगमायुक्त ने दिए संकेत : मठाधीशों पर गिर सकती है गाज, निगम गलियारे में चर्चा शीघ्र होगा फेरबदल

Ayush Paliwal
निगमायुक्त ने दिए संकेत : मठाधीशों पर गिर सकती है गाज, निगम गलियारे में चर्चा शीघ्र होगा फेरबदल
निगमायुक्त ने दिए संकेत : मठाधीशों पर गिर सकती है गाज, निगम गलियारे में चर्चा शीघ्र होगा फेरबदल

इंदौर. (आयुष पालीवाल...) जिस प्रकार से कल नगर निगम में लोकायुक्त के द्वारा कार्यवाई की कई, उससे निगम की छवि बहुत ही खराब हुई. उसके बाद से निगमायुक्त काफी खफा हैं. निगमायुक्त का मानना है कि एक ओर जहां नगर निगम पूरे देश में अपने कामों के लिए जाना जाता है वहीं कुछ लोग नगर निगम को की भ्रष्ट छवि बनाने में लगे हुए हैं.ं निगम गलियारे में कयास लगाने लग गए है कि वर्षों से जमा आला अफसरों के साथ ही निगम कर्मचारियों पर एक बार सर्जरी जरूरी हैं. मनीष सिंह निगम आयुक्त थे तब किसी की हिम्मत नहीं होती थी कि निगम गलियारे में बिना कारण कोई प्रवेश कर जाए. लेकिन अब कई भष्ट्र लोगों का निगम में जनसैलाब दिखाई दे रहा है, निगम के आस-पास ऐसे लोगों ने अड्ा बना रखा हैं, जब निगम का आफिस 6 बजे बंद हो जाता है तो फिर कई विभाग में रात्रि 9 बजे तक फाईलों का मजमा लगा रहता हैं, उसमें से गिनती के भष्ट्र अधिकारी शाम 5 बजे के बाद ही प्रवेश करते है, उसके बाद उनका खेल चालु हो जाता हैं. कल हुई लोकायुक्त की छापा मार कार्यवाही के बाद निगम आयुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल ने अपने विश्वस्त लोगों को इस बात का पता लगाने के काम में लगा दिया है कि निगम के विभिन्न विभागों में कौन ऐसे लोग हैं, जो मठाधीश बन कर बैठे हुए हैं. ऐसे भष्ट्र अधिकारी और कर्मचारी के नाम से विभाग पहचाना जाता है. ऐसा लगता है कि अगर इन्हें हटा दिया जाए तो विभाग चल नहीं सकता. निगमायुक्त ने ऐसे मठाधीशों को दूसरे विभागों में भेजने की अंतिम तैयारी कर ली है. निगमायुक्त ने कॉलोनी सेल, राजस्व विभाग स्वास्थ्य विभाग, वित्त विभाग, परिषद कार्यालय, जलकर विभाग, जन्म मृत्यु पंजीयन विभाग, जनकार्य विभाग, भवन अनुज्ञा शाखा, स्थापना विभाग, मार्केट विभाग, विद्युत विभाग, विधि विभाग, जलकार्य विभाग, ड्रेनेज, रिमूवल विभाग, कंट्रोल रूम, उद्यान विभाग, यातायात विभाग सहित विभिन्न विभागों के मठाधीशों की जन्म कुंडली सहित अन्य जानकारी निकाली जा रही हैं, और शीघ्र ही बहुत बड़ा फेरबदल होने जा रहा हैं. निगम के कई ऐसे सहायक राजस्व अधिकारी भी भष्ट्रचार करने में लगे हुए है, अगर सही मयाने में निगम के भष्ट्र अधिकारी और कर्मचारी पर लोकायुक्त छापामार कार्यवाही करें तो शासन को कई करोड़ो रूपए की मछली पकड़ में आ सकती हैं. इनकी संपप्तीयों की जांच भी होना चाहिए. 

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