इंदौर
श्रीजी कल्याणधाम के वार्षिकोत्सव का पुष्य नक्षत्र में भागवत सप्ताह का शुभारंभ : कल्याण जी की श्यामवर्ण प्रतिभा देश की दुसरी प्रतिभा
Anil Bagora...Sunil Paliwalइंदौर (विनोद गोयल...)। तन की सुंदरता बढ़ाने के लिए हमारे पास तमाम संसाधन मौजूद रहते हैं लेकिन मन और विचारों का सौंदर्य केवल भागवत के संदेशों से ही बढ़ सकता है। जैसे शरीर को भूख लगने पर हम भोजन के माध्यम से उसकी संतुष्टि करते हैं, वैसे ही आत्मा की तृप्ति के लिए भागवतरूपी रस का पान जरूरी है। भागवत चित्त के साथ बुद्धि की शुद्धि का भी ग्रंथ हैं। हमारा चरित्र परिक्रमा का नहीं, पराक्रम का होना चाहिए। ये दिव्य विचार हैं भागवताचार्य पं. विवेककृष्ण शास्त्री के, जो उन्होंने लोहारपट्टी स्थित श्रीजी कल्याण धाम के वार्षिकोत्सव में गुरू पुष्य नक्षत्र में विश्व को कोरोना से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना के साथ प्रारंभ भागवत सप्ताह के पहले दिन उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। हंसदास मठ के महामंडलेश्वर स्वामी रामचरण दास महाराज के सान्निध्य में कथा शुभारंभ के पूर्व आचार्य पं. विजय शास्त्री के आचार्यत्व में गणेश पूजन, नवग्रह स्थापना एवं सर्वतोभद्र मंडल का पूजन भी किया गया। इसके बाद मंदिर परिसर में भगवान कल्याणजी की परिक्रमा करते हुए शोभायात्रा भी निकाली गई।
● कल्याण जी की श्यामवर्ण प्रतिभा देश की दुसरी प्रतिभा
लोहारपट्टी स्थित भगवान कल्याणजी की यह श्यामवर्ण प्रतिमा देश में दूसरी प्रतिमा है। एक अन्य प्रतिमा जयपुर के निकट डिग्गी में है जो श्वेतवर्ण है। खंडेलवाल एवं राजस्थानी मारवाड़ी समाज के आराध्य भगवान कल्याणजी के इस मंदिर की स्थापना तपोनिष्ठ संत ब्रम्हलीन हंसदास महाराज ने की है। वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में आज मंदिर पर आकर्षक पुष्प एवं विद्युत सज्जा की गई है। वार्षिकोत्सव में 6 जनवरी 2021 तक प्रतिदिन भगवान का आकर्षक श्रृंगार होगा। कथा शुभारंभ के पूर्व पं. पवन-वर्षा शर्मा, ज्योति शर्मा, प्रमिला शर्मा, जया तिवारी आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। संगीतमय कथा प्रतिदिन दोपहर 3 से सांय 7 बजे तक होगी। मंदिर पर जिला प्रशासन की गाईड लाईन के अनुरूप श्रोताओं के लिए बैठक व्यवस्था की गई है। मंदिर के वार्षिकोत्सव के तहत अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। समापन 6 जनवरी को सुबह यज्ञ-हवन के साथ होगा।
● भागवत केवल ग्रंथ नहीं...हमारे विचारों के शुद्व बनाने का अचुक मंत्र
पं. शास्त्री ने भागवत की महत्ता बताते हुए कहा कि भागवत केवल ग्रंथ नहीं, हमारे विचारों को शुद्ध बनाने का अचूक मंत्र है। हमारा ज्यादा ध्यान बाहर की सफाई और सुंदरता पर रहता है, भीतर की सफाई के प्रति हम उदासीन हैं। हमें शांति तभी मिलेगी, जब हम अपने विचार श्रेष्ठ रखेंगे। विचार शुद्ध होंगे तो कर्म भी श्रेष्ठ होंगे। कर्म श्रेष्ठ होंगे तो आदतें बदलेगी और आदतें ठीक रहेगी तो चरित्र सुधरेगा। चरित्र से ही प्रारब्ध बनेगा, प्रारब्ध से ही जीवन बनेगा और जीवन से ही व्यक्ति, समाज और समाज से विश्व को शुद्ध करने की क्षमता प्राप्त करेगा। जिस चेहरे पर दुनिया की नजर रहती है, उसे चमकाने के लिए हम विविध प्रयास करते रहते हैं, लेकिन जिस मन पर परमात्मा की नजर रहती है उसे साफ करने के लिए हमारे पास या तो समय नहीं है या उस तरफ हमारी रूचि ही नहीं है। इसके लिए नियमित भागवत श्रवण करें।
!! आओ चले बांध खुशियों की डोर...नही चाहिए अपनी तारीफो के शोर...बस आपका साथ चाहिए...समाज विकास की ओर !!
● पालीवाल वाणी ब्यूरों-Anil Bagora...Sunil Paliwal...✍️
? निःशुल्क सेवाएं : खबरें पाने के लिए पालीवाल वाणी से सीधे जुड़ने के लिए अभी ऐप डाउनलोड करे : https://play.google.com/store/apps/details?id=com.paliwalwani.app सिर्फ संवाद के लिए 09977952406-09827052406