इंदौर
रावण के रूप में आशुतोष राणा के दमदार अभिनय ने बढ़ा दिया महानाट्य का समग्र प्रभाव
Aalok Bajpai
विट्टल भाई पटेल सांस्कृतिक प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित महानाट्य 'हमारे राम' ने रचे सफलता के प्रतिमान, भावविभोर दर्शक बोले ऐसा नहीं नाटक पहले कभी नहीं देखा
इंदौर. विट्ठलभाई पटेल सांस्कृतिक प्रतिष्ठान द्वारा शनिवार शाम सात बजे लता मंगेशकर सभागार में आयोजित भव्य हिंदी महानाट्य 'हमारे राम ' का मंचन ऐतिहासिक सफलता के प्रतिमान रच गया। शहर के एवं अन्य शहरों से पधारे सभी वर्गों के प्रबुद्धजनों एवं संस्कृति प्रेमियों की उपस्थिति सुप्रसिद्ध अभिनेता श्री आशुतोष राणा समेत कलाकारों के सशक्त अभिनय और आधुनिक तकनीक के असरकारक उपयोग के कारण नाटक देखने वालों की सहज प्रतिक्रिया थी कि ऐसा बाँधकर रखने वाला प्रभावी नाटक पहले कभी नहीं देखा। श्री आशुतोष राणा एवं राम की भूमिका निबाह रहे नाटक के निर्माता श्री राहुल भुचर ने श्री ललित अग्रवाल द्वारा श्री विट्ठल भाई पटेल की स्मृतियों को जीवित रखने के प्रयासों को अनुकरणीय बताते हुए ख़ूब प्रशंसा की।
मध्यप्रदेश के रहवासी सुप्रसिद्ध गीतकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री विट्ठलभाई पटेल की स्मृतियों को उनके मुरीद एवं निकट सहयोगी श्री ललित अग्रवाल ने अपने लगातार प्रयासों से जीवंत रखा है। 'भुलाए नहीं भूलती भैया की याद!' शीर्षक से उन्होंने विगत दशक में देश के नामचीन कलाकारों के सफल कार्यक्रम श्री पटेल की स्मृति में कर संबंध निभाने की एक नई मिसाल पेश की है।
उनके कार्यक्रमों का शहर के संस्कृतिप्रेमियों को इंतज़ार रहता है और इसी कड़ी में भव्य नाटक 'हमारे राम' का मंचन शहर के कलाप्रेमियों के लिए अनुपम सौग़ात था। इस नाटक का शहर के कलाजगत को इंतज़ार था। कला, संस्कृति और साहित्य की अनमोल धरोहर को संजोए रखने के उद्देश्य से कार्यरत विट्टल भाई पटेल सांस्कृतिक प्रतिष्ठान के संयोजक श्री ललित अग्रवाल एवं सह-संयोजक श्री सुधीर मालवीया ने कार्यक्रम से पूर्व सभी अतिथियों का स्वागत किया।
साथ ही उन्होंने श्री विट्ठल भाई पटेल की रचनात्मकता, संस्कृति के प्रति जागरूकता एवं कलाकारों के प्रति सम्मान के भाव को याद किया। उन्होंने कहा कि 'हमारे राम' की भव्य नाट्य-प्रस्तुति भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना को मंच पर सजीव करती है जो कि श्री पटेल के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
इसके बाद शुरू हुआ महानाट्य 'हमारे राम' का 180 वाँ मंचन। इस नाटक के रामायण के एक-एक प्रसंग को आधुनिक तकनीक के माध्यम से संगीत और दृश्य प्रभावों के माध्यम से इस तरह से प्रस्तुत किया कि दर्शक रोमांचित हो उठे। आज मोबाइल रील के युग में दर्शकों में एकाग्रता घटने की बात को झुठलाते हुए साढ़े तीन घंटों के बिना मध्यांतर वाले इस नाटक में दर्शक सम्मोहित से बैठे रहे।
सिनेमा के दिग्गज अभिनेता श्री आशुतोष राणा रावण की भूमिका में अपने अभिनय कौशल का लोहा मनवाया। श्री राहुल भुचर ने भगवान श्री राम के रूप में, सुश्री हरलीन कौर ने सीता, श्री दानिश अख़्तर ने भी हनुमान की भूमिका में दर्शकों पर अच्छी ख़ासी छाप छोड़ी। महानाट्य के मंचन के बाद श्री आशुतोष राणा ने विट्ठल भाई पटेल सांस्कृतिक प्रतिष्ठान एवं श्री ललित अग्रवाल की जमकर प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति के जीवित रहते उससे सम्बंध निभाना एक बात है और उसके जाने के अनेक वर्षों बाद उसे इस तरह से सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से जीवंत बनाए रखना दूसरी बात। 'प्रिय ललित' ने श्री विट्ठल भाई पटेल को आज भी हम सबके बीच विद्यमान कर सम्बंध निभाने की मिसाल पेश की है। वहीं राम की भूमिका निबाह रहे श्री राहुल भुचर ने भावुक होकर कहा कि उनके लिए यह अकल्पनीय था कि कोई इस तरह पूरा शो ख़रीदकर उसे किसी बिछड़े हुए साथी की याद में संस्कृतिप्रेमियों को नि:शुल्क दिखाए।
श्री भुचर ने कहा कि जब श्री अग्रवाल ने उनसे ऐसी बात पहली बार कही थी तब उन्हें पहले लगा था कि वे सिर्फ़ बात करके रह जाएँगे, लेकिन उन्होंने असम्भव प्रतीत होने वाला कार्य सम्भव कर दिखाया। श्री ललित अग्रवाल एवं श्री सुधीर मालवीया ने बताया कि संस्कृति संरक्षण की दिशा में इस भव्य और बहुचर्चित महानाट्य "हमारे राम" के मंचन का आयोजन विट्ठलभाई पटेल सांस्कृतिक प्रतिष्ठान के आदर्शों के अनुरूप है।
Aalok Bajpai
इंदौर के कला प्रेमियों, साहित्यकारों, और बुद्धिजीवियों को इस अनूठे मंचन के माध्यम से रामायण के नायकों और खलनायकों की मनोवैज्ञानिक जटिलताओं, उनके आदर्शों और संघर्षों को गहराई को समझा। विट्टल भाई पटेल सांस्कृतिक प्रतिष्ठान के इस प्रयास का उद्देश्य केवल एक नाट्य मंचन तक सीमित नहीं, बल्कि साहित्य और आध्यात्मिकता की गंगा को आधुनिक युग के दर्शकों तक पहुँचाना भी था।
इस अभूतपूर्व आयोजन में शहर के गणमान्य नागरिक, राजनेता, अधिकारी, न्यायाधीश, साहित्य प्रेमी, कला के पारखी और बुद्धिजीवी वर्ग बड़ी संख्या में उपस्थित हुए जिन्होंने इस नाट्य मंचन नहीं को संस्कृति के पुनरुत्थान का सजीव प्रयास है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर श्री उत्तम स्वामीजी महाराज, महामंडलेश्वर श्री दादू महाराज, महंत श्री पवन दास जी महाराज, पं. श्री अशोक भट्ट सहित धार्मिक क्षेत्र की हस्तियाँ उपस्थित थी। वहीं मप्र शासन के केबिनेट मंत्री श्री तुलसी सिलावट, सांसद श्री शंकर लालवानी, भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष श्री गौरव रणदिवे सहित सभी दलों की राजनैतिक हस्तियाँ उपस्थित थीं।
जस्टिस श्री अनिल वर्मा, इंदौर संभागायुक्त श्री दीपक सिंह, धार कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्रा सहित ज्यूडिशिएरी एवं प्रशासनिक जगत की हस्तियों ने पूरे महानाट्य का आनंद लिया।इस मौक़े पर श्री विट्ठलभाई पटेल के छोटे भाई श्री सुनील पटेल एवं परिवारजन श्री वरदान पटेल, श्री आदित्य, हीरक, सागर, पटेल, श्री हेमचंद्र जैन एवं अन्नी दुबे सागर से, श्री अभय दुबे, श्री विजय राठौर जबलपुर से विशेष रूप से पधारे। वर्ल्ड हिन्दू फ़ेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष श्री संजय अग्रवाल ने बताया कि फ़ेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव श्री आशु मोंगिया भी इस आयोजन में भाग लेने विशेष रूप से इंदौर आए जिनका स्वागत किया गया।