इंदौर
आयुर्वेदिक औषधियों की राज्य में 650 इकाईयां, 19 कॉलेज भी चल रहे, गुणवत्ता पर ध्यान देने के लिए कार्यशाला
sunil paliwal-Anil paliwalमध्यप्रदेश आयुष निर्माता संघ द्वारा शहर के 200 दवाई निर्माताओं के साथ आयुर्वेद को प्रोत्साहन देने हेतु आयोजन
इंदौर :
राज्य में शास्त्र के विधान से आयुर्वेद औषधि निर्माण करने वाले 650 संस्थान एवं 19 आयुर्वेदिक कालेज संचालित हो रहे हैं। इनमें इंदौर जिले में 200 इकाईयां ऐसी हैं, जो पूरे शास्त्र विधान से आयुर्वेदिक दवाइयों का निर्माण कर रही हैं। केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से आयुर्वेद को प्रोत्साहन देने हेतु अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं, ताकि आम लोगों को कम कीमत में गुणवत्तापूर्ण दवाईयां उपलब्ध हो सके।
यह जानकारी राज्य शासन के आयुष विभाग के उप संचालक एवं लायसेंसिंग अथारिटी डॉ. पी. सी. शर्मा एवं कोलकाता के डॉ. पवन शर्मा तथा नई दिल्ली के डॉ. हिमांशु तिवारी ने होटल प्रेसीडेंट में मध्यप्रदेश आयुष निर्माता संघ के तत्वावधान में आयोजित एक कार्यशाला में दी। इस अवसर पर जिला आयुष अधिकारी हंसा बारिया भी उपस्थित थीं।
प्रारंभ में संघ के अध्यक्ष राजेश सेठिया, सचिव आशीष दुबे, प्रचार मंत्री ऋषभ पाटनी, अक्षय सेठी आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक एस.के. मंडलोई, एम.एस.एम.ई. के गौरव गोयल ने भी आयुर्वेद को प्रोत्साहन देने वाली सरकारी योजनाओं का विवरण दिया। राज्य के ड्रग लाइसेंस अथारिटी रजनीश चौधरी ने भी आयुर्वेद से जुड़े अपने अनुभव बताए और लोगों को आयुर्वेद के प्रति आकर्षित करने हेतु दवाई निर्माताओं से आग्रह किया। कार्यशाला में आरोग्य भारती, लघु उद्योग भारती, एम.पी. आयुर्वेदिक मैन्यूफैक्चरिंग एसो., अष्टांग आयुर्वेदिक कालेज, सेज यूनिवर्सिटी, धनवन्तरी आयुर्वेदिक औषधि रिटेल विक्रेता संघ, एम.एस.एम. भारत सरकार, जिला उद्योग केन्द्र, स्माल ड्रग मैन्यूफैक्चरिंग एसो. स्टेट बार कौंसिल, आयुष चिकित्सा परिषद आदि संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और आयुष विभाग के उप संचालक एवं लायसेंसिंग अथारिटी डॉ. पी. सी. शर्मा का सम्मान भी किया गया। संचालन ऋषभ पाटनी ने किया और आभार माना राजेश सेठिया ने।