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इजरायल को दहलाने के लिए हमास ने इस देश से मंगाया था बारूद
Paliwalwaniतेल अवीव :
- फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के हमले ने इजरायल में कोहराम मचाया हुआ है। हमास का हमला इतना तेज और सटीक था कि इजरायल को संभलने का भी मौका नहीं मिला। हमास ने दावा किया है कि उसने शनिवार को इजरायल पर 5000 से ज्यादा रॉकेट दागे। इजरायल ने भी कम से कम 2500 रॉकेट हमले की पुष्टि की है।
ऐसे में सवाल उठता है कि हमास को एक साथ इतने सारे रॉकेट बनाने का सामान कहां से आया। क्या हमास इतना सक्षम है कि वह बिना किसी दूसरे देश की मदद के इतना बड़ा हमला कर सकता है। इन सभी सवालों के जवाब खुद इजरायली अधिकारियों ने हमले के कुछ दिन पहले ही दे दिया था। उन्होंने तभी बता दिया था कि हमास को रॉकेट बनाने का सामान किस देश से मिल रहा है। बड़ी बात यह है कि रॉकेट का सामान देने वाला देश अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन नाटो का सदस्य है।
फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेटिक (FDD) की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सीमा अधिकारियों ने 14 सितंबर को खुलासा किया था कि उनके एजेंटों ने जुलाई में तुर्की से गाजा पट्टी के रास्ते में 16 टन विस्फोटक सामग्री रोकी थी। इजरायली टैक्स अथॉरिटी के प्रवक्ता के अनुसार, अश्दोद में सीमा शुल्क एजेंटों ने दो कंटेनरों का निरीक्षण किया, जिनमें 54 टन जिप्सम होना चाहिए था। जब लैब में इस सामग्री का परीक्षण किया गया तो पता चला कि कंटेनर में रखे कुछ बैगों में अमोनियम क्लोराइड था। अमोनियम क्लोराइड का इस्तेमाल रॉकेट के लिए विस्फोटक बनाने में किया जाता है।
तुर्की का हमास के साथ करीबी संबंध
हाल के कुछ वर्षों में इजरायल के साथ संबंध सामान्य होने के बावजूद तुर्की ने आतंकवादी संगठन हमास का समर्थन किया है। तुर्की अपने बैंकों के माध्यम से हमास को धन मुहैया कराता है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगान के हमास नेताओं के साथ नजदीकी संबंध हैं। उन्होंने कई बार हमास नेताओं के साथ बैठकें भी की हैं, जिनकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं। तुर्की हमास नेताओं को पासपोर्ट भी जारी करता है, ताकि वह विदेश यात्रा कर सकें। इससे साबित होता है कि नाटो का सदस्य होते हुए भी तुर्की इजरायल को दुश्मन मानता है और उसके खिलाफ हमास की मदद करता रहता है।