स्वास्थ्य
खूबसूरत दिखना है तो आज से अपनाएं ब्यूटी का सीटीएमपी फार्मूला, जानें क्या है ?
Pushplataखूबसूरत दिखना है तो फेस की क्लीनजिंग, टोनिंग, मॉश्चराइज और प्रोटेक्शन करना बेहद जरूरी है। आइए हम आपको देते हैं इस ब्युटी फॉर्मूले सीटीएमपी से जुड़ी पूरी जानकारी।
स्किन को यूं मेनटेन रखती हैं फ़िल्म इंडस्ट्री की सेलिब्रिटी
वह अपनी त्वचा के ग्लो को मेंटेन रखने के लिए सीटीएमपी का पालन करती हैं। सीटीएमपी यानी क्लिंजिंग-टोनिंग-मॉइश्चराइजिंग-प्रोटेक्शन के रूल को फॉलो करती हैं। इनका मानना है कि फिजिकली एक्टिव रहने से भी स्किन का ग्लो मेंटेन रहता है। अपनी फिटनेस और ब्यूटी दोनों को ध्यान में रखते हुए फ़िल्म इंडस्ट्री की एक्ट्रेस हर दिन डांस ओर व्याम भी करती हैं। साथ ही हर रात को मॉइश्चराइजर लगाकर या सीटीएमपी करके ही सोती हैं। जिससे सेट मे शूटिंग की थकान को शरीर और दिमाग़ को आराम दिया जा सके। क्यों की सीटीएमपी को मिनी फेसिअल भी कहा जाता है, जो की स्वयं से अपने चहरे पर किया जा सकता है। जिसमे फूलों की आर्गेनिक खुश्बूओं से दिमाग़ को राहत दी जाती है। इसी कारण यह सेलिब्रिटी का मनपसंद फार्मूला है। जिस कारण वह शरीर और दिमाग़ की थकान राहत हेतु यह फार्मूला अपना कर सोते है। जिसको आसानी से सेल्फ बीस मिनट के समय में स्किन और मौसम के अनुसार फेसिअल के जैसा प्रतिदिन किया जा सकता है।
हर मौसम में खुद को सुंदर और स्वस्थ बनाए रखना आसान नहीं है।
दरअसल हर मौसम में खुद को सुंदर बनाए रखने का फार्मूला अलग-अलग होता है। मौसम ओर त्वचा दोनों के अनुसार यह सीटीएमपी का फार्मूला अपनाया जाता है। मौसम के हिसाब से सुंदर और स्वस्थ रहने के तरीके बदल जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम सर्दी हो या गर्मी हर मौसम में अपनी त्वचा का ख्याल रखें। इसके लिए हमें चहरे को सुन्दर बनाने के यह तीन तरीके जरूर मालूम होना चाहिए। सीटीएमपी- (CTMP) यानी कि C- सी से क्लींजिंग, T- टी से टोनिंग और M- एम से मॉश्चराइजिंग, P- पी से प्रोटेक्शन इस ब्युटी फॉर्मूले का इस्तेमाल करके आप का चहरे को रूखा और बेजान नहीं, बल्कि हमेशा खिला-खिला नजर आता रहेगा । आइए हम आपको बताते हैं इन चारों के बारे (क्या है सी टी एम पी ) में।
C- सी से क्लीनजिंग (Cleansing)
दिन भर की थकान से आपका फेस अक्सर प्रदूषण से डल हो जाता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपने फेस की डीप क्लीनजिंग करें। दरअसल डीप क्लीनजिंग करने से स्किन की गहराई से तीन से सात परत तक सफाई हो जाती है। डीप क्लिंजर का इस्तेमाल करते वक्त बस ये ख्याल रखें कि ड्राई और नार्मल त्वचा वाले व्यक्ति क्लीनजर मिल्क से चेहरे का मसाज करने के बाद इसे कॉटन से पोछें ना कि पानी से धोएं। डीप क्लीनजर से मुंह धोते वक्त भी काफी सारी चीजों को ख्याल रखें-
- चेहरे पर क्लीन्ज़र को हमेशा उंगलियो से लगाएं हथेली से नहीं
- क्लीनजिंग के बाद चेहरे को बार-बार रगड़कर तौलिए से न पोछें।
चेहरे पर हमेशा त्वचा के अनुसार एक ही तरीके के क्लीनजिंग क्रीम का इस्तेमाल करें। अगर त्वचा तैलीय मलतब ऑयली है तो घरलू नुस्खा में बेसन में शहद मिलाकर या गुलाब जल और मुलतानी मिट्टी से फेस की क्लीनजिंग कर सकते है, वरना मेकअप फार्मूला या प्रॉब्लम स्किन में सेटाफिल फेस वाश ओयली स्किन का फार्मूला प्रयोग करें। क्यों की सेटाफिल फेस वाश में मेग्नेटिक सिस्टम होता है, जो की ओयली त्वचा पर चिपक कर बिना झाग के पानी द्वारा करीब दस मिनिट की मसाज से थपथपाएं जो रोम छिद्रॉ से प्रदूषण को बाहर निकलता है। यह प्रोडक्ट आसानी से मेडिकल स्टोर या कॉस्मेटिक शॉप मे उपलब्ध हो जाता है। एक भ्रम है की यह फार्मूला महिलाओं के लिए लागू होता है, परन्तु यह मिथ्या भ्रम है, इसको पुरुष भी आसानी से स्वयं कर सकते है, जब की सीटीएमपी फॉर्मूले की जरूरत महिलाओं से ज्यादा पुरुष को होती है, कारण यह की पुरुष के चेहरे पर प्रदूषण और रोमछिद्रॉ की मात्रा अधिक होती है।
T- टी से टोनिंग (Toning)
क्लीनजिंग करने के बाद टोनिंग करना बेहद जरूरू होता है। इससे आपकी त्वचा में निखार आ जाता है। टोनिंग करने से क्लींजिंग प्रक्रिया के पश्चात चेहरे पर से धूल के बारीक़ कणों और अतिरिक्त तेल को हटाने में मदद मिलता है। जिसे जेल हाइड्रेट टोंनर भी बोलते है। इससे हमारा फेस हाइड्रेट रहता है। क्यों की पानी कम पिने से, उल्टा सोने से ओर अल्कोहल सेवन करने से डीहाइड्रेट होना आजकल आम बात है। टोनिंग करने के लिए अपने त्वचा के हिसाब का कोई एक टोनर चुनें। फिर उसे क्लीजिंग के बाद फेस पर लगाकार टोंनर को सूखने दे ओर मुंह पर ग्लो देखे। इस तरह क्लीनजिंग के बाद टोनिंग से आपके फेस पर निखार आ जाएगा।
टोनर को सीधे चेहरे पर स्प्रे करें या अपनी हथेली पर थोड़ी मात्रा में लें और इसके साथ अपना चेहरा थपथपाएं व इससे चहरे की मालिश करें। यदि आप प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग करना चाहते हैं, तो आप अपने नियमित टोनर के रूप में ग्रीन टी या गुलाब जल भी ले सकते हैं। ये आपकी त्वचा को कोमल बनाते हैं, आपकी त्वचा को कसते हैं और आपके चेहरे को उज्ज्वल करते हैं। इसे साफ करने के बाद अपने चेहरे पर ग्रीन टी या गुलाब जल छिड़कें और, इसे सूखने दें। इसमें आर्गेनिक हार्वेस्टिंग या अन्य कंपनी के तीन प्रकार के टोंनर मार्किट मे उपलब्ध है। ओयली स्किन के लिए लिक्विड टोंनर, ड्राई स्किन के लिए लिक्विड ओर जैल टोंनर, टोंनिंग सूखने के बाद त्वचा के अनुसार अच्छा सा मॉइस्चराइज़र लगा लें।
M- एम से मॉश्चराइजिंग (Moisturising)
चेहरा धोने के बाद ओर टोंनर सूखने के बाद त्वचा पर मॉश्चराइजर लगाना बिल्कुल न भूलें। इसे लगाकर चेहरे पर हल्के हाथों से मसाज करें और अतिरिक्त मॉश्चर होने कॉटन या टिश्यू पेपर से पोंछ लें। यदि त्वचा रूखी है, तो ऑयल बेस्ड मॉइश्चराइजर लगाएं। या जोजोबा आयल लगाएं इसके साथ ही चेहरे पर एक दिन के लिए मॉइस्चराइजर कवर की तरह काम करेगा। तैलीय त्वचा के लिए सामान्य रूप से दैनिक उपचार में क्लींजिंग और डीप पोर क्लींजिंग (यानी स्क्रब या क्लींजिंग ग्रेन के साथ एक्सफोलिएशन), टोनिंग और नमी को शामिल करना चाहिए। अगर पिंपल्स, मुंहासे या दाने हों तो उन पर स्क्रब का इस्तेमाल करने से बचें। सुबह में, तुलसी नीम या सेटाफिल फेसवॉश के साथ चेहरा धो लें। टोन को साफ करने के बाद, रूई का उपयोग करके त्वचा को इससे पोंछें। अगर ब्लैकहेड्स हैं, तो सफाई ध्यान से करें। तैलीय त्वचा मतलब ओयल को कंट्रोल करने हेतु वीलसीसी- (vlcc) कंपनी का लवांग मॉश्चराइजिंग प्रयोग करे।
P- पी प्रोटेक्शन (Protection)
एलोवेरा के गुणों के बारे में ज्यादा परिचय देने की जरूरत नहीं है। क्योंकि इसका इस्तेमाल हजारों सालों से भारतीय घरों में होता रहा है। आयुर्वेद भी स्किन के लिए एलोवेरा के फायदे पर सहमत है। यह त्वचा पर प्रोटेक्शन का कार्य करता है। सुरज की किरण से बचा कर एक तरीके से हल्का प्राइमर कार्य भी करता है। ये विटामिन ए, सी, ई, बी12, फॉलिक एसिड और कई अन्य गुणों से भरपूर है। स्किन को मानसून में होने वाले फंगल इंफेक्शन से बचाने में भी मदद करता है। एलोवेरा जेल की सबसे बड़ी खूबी यही है कि ये लगाने के बाद स्किन में तुरंत सूख जाता है। ये स्किन को नम रखता और ओवरऑल हेल्थ को बढ़ाने में मदद करता है। लैक्मे 9 टू 5 नेचुरल एलो एक्वाजेल ड्राई और खिंची हुई स्किन को भी गहराई से पोषण और नमी देता है। ऐसा कमाल इसमें मौजूद प्राकृतिक एलोवेरा जेल की वजह से होता है। ये स्किन पर राहत देने वाले प्राइमर की तरह काम करता रहता है। इसे आफ्टर सनकेयर में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। आपकी स्किन को चिपचिपा बनाए बिना नमी देता है। ये खासतौर पर ऑयली स्किन वालों के लिए बेस्ट है। ये जेल बेहद लाइटवेट है। ये स्किन को मुलायम बनाने के साथ ही प्रदूषण से होने वाले नुकसान से भी बचाता है।