दिल्ली

राहुल गाँधी को मानहानि केस में 2 साल की कैद और फिर संसद सदस्यता ख़त्म

Paliwalwani
राहुल गाँधी को मानहानि केस में 2 साल की कैद और फिर संसद सदस्यता ख़त्म
राहुल गाँधी को मानहानि केस में 2 साल की कैद और फिर संसद सदस्यता ख़त्म

नई दिल्ली. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार दोपहर करीब 2.30 बजे रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी है। मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार दोपहर 12.30 बजे उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। 

जिस अध्यादेश को फाड़ा आज राहुल उसी की चपेट में : बीजेपी

राहुल गांधी की सदन की सदस्यता जाने के बाद विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर है। इस बीच बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र सिंह प्रधान ने सांवददाता सम्मेलन में सभी आरोपों पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सभी चाटुकार हाय-तौबा कर रहे हैं। उन्होंने सूरत कोर्ट के फैसले पर कहा कि अदालक का फैसला ऐतिहासिक है। भारत की कानून पद्धति में सब एकसमान हैं। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस अपने लिए एक अलग आईपीसी चाहता है। कांग्रेस चाहती है कि उनसे अलग बर्ताव हो। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि साल 2013 में जिस अध्यादेश को राहुल गांधी ने फाड़ा था आज वह उसी अध्यादेश की चपेट में आ गए।

किस मामले में हुई राहुल गाँधी को सजा?

राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, ''नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?'' राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था. शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? पूर्णेश मोदी ने राहुल के बयान के खिलाफ केस कर दिया. केस मानहानि का था और सूरत की कोर्ट में किया गया था.

राहुल को सच बोलने की सजा मिली है : कांग्रेस

राहुल अब लोकसभा सांसद नहीं हैं। आज एक नोटिस जारी कर उनकी संसद की सदस्यता को खत्म कर दिया गया। इसपर राजनीति गरमाई हुई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि कानूनी से पहले यह मुद्दा सियासी है। सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी निडर होकर बयान देते हैं। राहुल को सच बोलने की सजा मिली है। सिंघवी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी संस्थाओं का दमन किया जा रहा है। सिंघवी ने आगे कहा कि लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।

 

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