दिल्ली
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने ली अंतिम सांस : राष्ट्रपति मुर्मू सहित कई नेताओं ने जताया दुख
Paliwalwaniनई दिल्ली :
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का गुरुवार रात को निधन हो गया। उन्होंने गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 75 वर्ष के थे और काफी समय से बीमार रहते थे।
उन्होंने सांस लेने में दिक्कत होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के निधन की जानकारी उनकी बेटी सुभाषिनी यादव ने दी। उन्होंने फेसबुक पर लिखा, पापा नहीं रहे। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने जताया दुख
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक ट्वीट किया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ने वाले सत्तर के दशक के छात्र नेता शरद जी संसद में वंचितों की एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आवाज थे। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
कहां हुआ था जन्म?
शरद यादव का का जन्म 1 जुलाई 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के अखमाउ गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल हासिल किया था। उन्होंने रॉबर्ट्सन मॉडल साइंस कॉलेज से स्नातक किया था। उन्हें पढ़ाई में काफी होशियार माना जाता था।
कैसे हुई राजनीति की शुरुआत
वह छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे। 1971 में जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज, जबलपुर मध्यप्रदेश में वह छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए थे। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत लालू, मुलायम और एचडी देवगौड़ा के साथ ही हुई थी। वह डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों से काफी प्रेरित थे, जिसकी वजह से वह कई लोहिया के आंदोलनों में शामिल रहे। MISA के तहत 1969-70, 1972 और 1975 में उन्हें हिरासत में भी लिया गया।
पहली बार साल 1974 में बने सांसद
वह पहली बार साल 1974 में मध्य प्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद बने थे। 1977 में वह फिर इस सीट से सांसद बन गए। 1986 में वे राज्यसभा से भी सांसद चुने गए थे। 1989-90 में वह टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री भी रहे। साल 1998 में उन्होंने जनता दल यूनाइटेड नाम से पार्टी बनाई थी, जिसमें उनकी मदद जॉर्ज फर्नांडीस ने की थी। साल 1999 में उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय भी संभाला और 2001 में केंद्रीय श्रम मंत्रालय की जिम्मेदारी निभाई।