दिल्ली
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला- प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की आधी सीटों पर लगेगी सरकारी कॉलेज जितनी फीस
Paliwalwaniनई दिल्ली. अब भारत में एमबीबीएस या मेडिकल के अन्य कोर्सेस की पढ़ाई करने के लिए आपको अपनी जेब खाली करने की मजबूरी नहीं होगी. अगर आपको किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल पाता है, तब भी आप उतनी ही फीस में किसी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब इस बारे में घोषणा कर दी है. उन्होंने भारत में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की फीस सरकारी मेडिकल कॉलेजों जितनी करने की सरकार की योजना के बारे में बताया. हालांकि इसमें मेरिट आपके काम जरूर आएगी.
कुछ दिन पहले ही सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है जिसका बड़ा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मिलेगा।
— PMO India (@PMOIndia) March 7, 2022
हमने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी: PM @narendramodi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘हमने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर ही फीस लगेगी.’ यह बात उन्होंने सोमवार, 7 मार्च 2022 को जन औषधि दिवस के अवसर पर जन औषधि योजना की शुरुआत करने के दौरान कही.
अगले सत्र से लागू होगी गाइडलाइन
केंद्र सरकार द्वारा मेडिकल की फीस को लिए गए इस फैसले के बाद नेशनल मेडिकल कमीशन ने गाइडलाइन तैयार कर ली है. बताया जा रहा है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 50 फीसदी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों जितनी फीस को लेकर एनएमसी की नई गाइडलाइन (NMC) अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होगी. यह फैसला निजी विश्वविद्यालयों के अलावा डीम्ड यूनिवर्सिटीज़ पर भी लागू होगा.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, हर राज्य में मेडिकल की फीस (Medical Fees in India State Wise) की नई गाइडलाइन का क्रियान्वयन करने की जिम्मेदारी वहां की फीस फिक्सेशन कमेटी की होगी.
किसे मिलेगा लाभ
मेडिकल के नए फीस स्ट्रक्चर का लाभ पहले उन स्टूडेंट्स को दिया जाएगा जिनका एडमिशन सरकारी कोटे की सीट पर होगा. हालांकि यह किसी भी संस्थान की कुल सीटों में से अधिकतम 50 फीसदी सीटों की संख्या तक सीमित रहेगा. लेकिन अगर किसी संस्थान में सरकारी कोटे की सीटें वहां की कुल सीटों की 50 फीसदी की सीमा से कम है, तो उन स्टूडेंट्स को भी फायदा मिलेगा जिनका एडमिशन सरकारी कोटे से बाहर लेकिन संस्थान की 50 फीसदी सीटों में हुआ है. इसका निर्धारण मेरिट के आधार पर होगा.