दिल्ली
कांग्रेस से निष्कासित आचार्य प्रमोद कृष्णम : आचार्य बोले-'राम और राष्ट्र पर कोई समझौता नहीं'
paliwalwaniकल्कि पीठाधीश्वर के नाम से प्रचलित कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है. प्रमोद कृष्णम पर अनुशासनहीनता और पार्टी के खिलाफ गलत बयान देने का आरोप है.
नई दिल्ली :
पार्टी विरोधी टिप्पणियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के कुछ दिनों बाद कांग्रेस से निष्कासित किए गए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने रविवार को कहा कि "कोई समझौता नहीं हो सकता"। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, 'राम और राष्ट्र... लेकिन कोई समझौता नहीं हो सकता।' शनिवार को एक आधिकारिक बयान में कांग्रेस अध्यक्ष ने "प्रमोद कृष्णम को तुरंत छह साल की अवधि के लिए पार्टी से निष्कासित करने के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, जिसमें कहा गया कि यह निर्णय "अनुशासनहीनता की शिकायतों और पार्टी के खिलाफ बार-बार सार्वजनिक बयानों" के बाद लिया गया। इस फैसले के बाद प्रमोद कृष्णम का पहला बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने राहुल गांधी को टौग करते हुए ट्वीट किया है और अपनी बात रखी है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम का राजनीतिक जीवन
आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि पीठ के पीठाधीश्वर हैं और उत्तर प्रदेश के कस्बा संभल के रहने वाले हैं. आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेहद करीबी माने जाते थे और उन्होंने कांग्रेस पार्टी में कई जिम्मेदारियां भी संभाली हैं. साल 2014 में उन्होंने संभल संसदीय सीट और साल 2019 में लखनऊ से कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था. इसके साथ ही उन्होंने साल 2018 में कांग्रेस की ओर से राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश एवं पंजाब के आम चुनाव में स्टार प्रचारक की भूमिका निभाई थी. प्रियंका गांधी वाड्रा की पार्टी के उत्तर प्रदेश सलाहकार परिषद का हिस्सा रहे थे. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने कॉलेज के वक्त से ही कांग्रेस पार्टी की राजनीति से जुड़ गए थे, वहां से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई. वह कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्य थे.
कांग्रेस ने लिया एक्शन
इस महीने की शुरुआत में कृष्णम ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और उन्हें 19 फरवरी 2024 को होने वाले श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। उसके बाद उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "माननीय प्रधान मंत्री को इसे स्वीकार करने के लिए हार्दिक आभार और धन्यवाद।
प्रमोद कृषणम के निमंत्रण के लिए धन्यवाद देते हुए, प्रधान मंत्री ने जवाब में कहा कि "आस्था और भक्ति से जुड़े इस पवित्र अवसर का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है"।
इससे पहले पिछले महीने, कृष्णम ने अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में शामिल न होने के विपक्षी नेताओं के फैसले की आलोचना करते हुए कहा था कि यह "दुर्भाग्यपूर्ण" था। आचार्य प्रमोद ने उस समय कहा, "कोई ईसाई या पुजारी या मुस्लिम भी भगवान राम के निमंत्रण को अस्वीकार नहीं कर सकता। राम भारत की आत्मा हैं। राम के बिना भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
शुरू से रहे हैं कांग्रेस का हिस्सा
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि कोई भी मंदिर जाकर हिंदू नहीं बनता और ना ही मस्जिद जाकर कोई मुसलमान बन जाता है. जिसे जीसस मेंमें यकीन ना हो वह ईसाई नहीं हो सकता और पैगंबर को ना मानने वाला मुसलमान नहीं हो सकता है, इसी तरीके से जो भगवान राम से नफरत करता हो वह नहीं हो सकता. उन्होंने कहा था कि सारी दुनिया जानती है कि राम मंदिर के निर्माण को रोकने के लिए हुए प्रयास हुए, जिससे सनातन धर्म में विश्वास रखने वाले करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है. बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम शुरुआत से ही कांग्रेस के साथ जुड़े रहे हैं.
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