Breaking News
Credit Card : आप नहीं जानते होंगे क्रेडिट कार्ड धारकों को फ्री में मिलता हैं : नाश्‍ता-खाना और ये सुविधा मोबाइल चोरी होने पर बैंक खाते से यूपीआई पेमेंट को करें बंद : नहीं होगी पैसों की टेंशन Busniess Ideas : सिर्फ 2 हजार में शुरू करें इस पौधे की खेती, 40 साल तक 4 लाख की होगी कमाई, जानिए मनी प्लांट लगाते समय ना करें ये 5 गलतियां, वरना दुर्भाग्य नहीं छोड़ेगा साथ Aadhaar Pan link : आपका पैन कार्ड आधार से लिंक है या नहीं, ऐसे आसानी से पता करें...
Thursday, 23 March 2023
Insurance, Loans, Mortgage, Attorney, Credit, Lawyer, Donate, Degree, Hosting, Claim, Conference Call,Trading, Software, Recovery, Transfer, Gas/Electicity, Classes, Rehab, Treatment, Cord Blood,Insurance, Loans, Mortgage, Attorney, Credit, Lawyer, Donate, Degree, Hosting, Claim, Conference Call,Trading, Software, Recovery, Transfer, Gas/Electricity, Classes, Rehab, Treatment, Cord Blood,Mesothelioma Law Firm, Donate Car to, Donate Car for, Donate Cars in, Donate Your Car, How to Donate, Sell Annuity Payment, Donate Your Car, Asbestos Lawyers,Structures Annuity Settlement, Car Insurance Quotes, Annuity Settlements,Nunavut Culture,Dayton Freight Lines, Hard drive Data, Donate a Car, Motor Replacements,Cheap Domain Registration, Donating a Car, Donate Cars Illinois, Criminal Defense Attorneys, Best Criminal Lawyers, Car Insurance Quotes, Life Insurance Co, Holland Michigan College, Online Motor Insurance, Online Colleges,PaperPort Promotional Code, Online Classes,World Trade Center, Massage School Dallas, Psychic for Free, Donate Old Cars, Low Credit Line, Dallas Mesothelioma Attorneys, Car Insurance Quotes, Donate your Car, Cheap Auto Insurance, Met Auto,Forensics Online Course, Home Phone Internet, Donating Used Cars, Ph.D. on Counseling, Neuson, Car Insurance Quotes, Royalty Free Images, Car Insurance in, Email Bulk Service, Webex Costs,Cheap Car Insurance, Cheap Car Insurance, Register Free Domains, Better Conference Calls, Futuristic Architecture,Mortgage Adviser,Car Donate,Virtual Data Rooms, Online College Course, Automobile Accident Attorney, Auto Accident Attorney, Car Accident Lawyers, Data Recovery Raid, Criminal lawyer Miami, Motor Insurance Quotes, Personal Injury Lawyers, Car Insurance Quotes, Asbestos Lung Cancer, Injury Lawyers,Personal Injury Law, Online Criminal Justice, Car Insurance Companies, Dedicated Hosting, Dedicated, Insurance Companies,Business VOIP Solutions, Auto Mobile Insurance, Auto Mobile Shipping, Health Records, Personal, Online Stock Trading, Forex Trading Platform

दिल्ली

देशभर के 90 प्रतिशत अखबार होंगे बंद, लाखों अखबार कर्मी होंगे बेरोजगार-डीएवीपी का अंधा कानुन-अखबार बचाओ मंच

15 July 2019 04:30 AM Sunil Paliwal-Anil bagora...✍
डीएवीपी,खिलाफ,कोर्,जायेगा,अखबार,बचाओ,मंच,पहले,राजनीतिक,दलों,मांगों,फिर,अखबारों,मांगना,हिसाब...h2
p,दिल्ली,अस्तित्व,बचाने,आखिरी,कोशिश,में,lsquoअखबार,मंचrsquo,न्यायालय,शरण,तर्क

● डीएवीपी के खिलाफ कोर्ट जायेगा ● अखबार बचाओ मंच● पहले राजनीतिक दलों से मांगों फिर अखबारों से मांगना हिसाब...!

दिल्ली। अस्तित्व बचाने की आखिरी कोशिश में ‘अखबार बचाओ मंच’ न्यायालय की शरण में जायेगा। मंच ये तर्क रखेगा कि जब राजनीतिक दल अपने चंदे का हिसाब और टैक्स नहीं देते तो फिर अखबारों पर एक-एक पैसे का हिसाब और नये-नये टैक्स क्यों थोपे जा रहे हैं।

दरअसल दो-तीन महीने बाद पूरे देश के अखबारों का नवीनीकरण होना है। जिसके लिये डीएवीपी द्वारा एक-एक कागज और पाई-पाई का हिसाब मांग लेने से देश के 95 प्रतिशत अखबार नवीनीकरण नहीं करा पायेंगे। अखबार बचाओ मंच का कहना है कि अखबारों से संबधित सरकार की पालिसी के खिलाफ डीएवीपी मनमाने ढंग से अखबारों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। सरकार की विज्ञापन नीति के हिसाब से एक करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले अखबारों को बैलेंस शीट देना अनिवार्य है। जबकि डीएवीपी ने बीस लाख के ऊपर के टर्नओवर वाले अखबारों के लिए बैलेंस शीट अनिवार्य कर दी है।

● पूरा मामला जानिए :-

शायद ही कोइ ऐसा व्यवसाय होगा जिसमे कोई न होता हो , उसी तरह नियमों और कानूनों को देखते हुए देश के 99 प्रतिशत मान्यता प्राप्त अखबारों को भी प्रसार संख्या में करना पड़ता है। बड़े-बड़े ब्रांड अखबार भी बीस हजार कापी को दो लाख प्रसार बताने पर मजबूर है। इस झूठ की मंडी की जिम्मेदार सरकार की गलत नीतियां भी हैं। यदि कोई अपने अखबार का वास्तविक दो हजार के अंदर का प्रसार बताता है तो उसे डीएवीपी से विज्ञापन की सरकारी दरें नहीं मिलती। और यदि दो हजार से पंद्रह हजार तक के प्रसार का दावा करता है तो उसे लघु समाचार की श्रेणी में रखा जाता है। लघु श्रेणी की विज्ञापन दर इतनी कम होती हैं कि इन दरों से कम संसाधनों वाला अखबार भी अपना बेसिक खर्च भी नहीं निकाल सकता है। यूपी सहित देश के बहुत सारे राज्यों में कम प्रसार वाले अखबारों के पत्रकारों को राज्य मुख्यालय की मान्यता भी नहीं मिलती। शायद राज्य सरकारों का मानना है कि कम प्रसार वाले अखबारों में राज्य मुख्यालय यानी प्रदेश स्तर की खबरें नहीं छपतीं हैं। सरकारों की इन गलत नीतियों के कारण भी प्रकाशक अपना प्रसार बढ़ा कर प्रस्तुत करता है। अब ये झूठ देश के करीब 95 प्रतिशत अखबारों को ले डूबेगा। और देश के लाखों अखबार कर्मी और पत्रकार बेरोजगार हो जायेंगे। यानी सरकारी नीतियों और प्रकाशकों के टकराव की इस चक्की में आम अखबार कर्मी/पत्रकार पीसस जायेंगे।

● जीएसटी हटाने की मांग को लेकर खूब संघर्ष किया

क्योंकि अब बताये गये प्रसार के हिसाब से करोड़ों की राशि के कागज की खरीद और अन्य प्रोडक्शन कास्ट का हिसाब दिये बिना डीएवीपी अखबारों का नवीनीकरण नहीं करेगा। अखबारी कागज पर जीएसटी होने के कारण अब तीन का तेरह बताना संभव नहीं है। यही कारण है कि अखबारी कागज पर से जीएसटी हटाने की मांग को लेकर प्रकाशकों, अखबार कर्मियों और पत्रकारों ने खूब संघर्ष किया। सरकार के नुमाइंदों को दर्जनों बार ज्ञापन दिये। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक धरना-प्रदर्शन किये। वित्त मंत्री से लेकर पीएमओ और जीएसटी कौंसिल से लेकर विपक्षी नेता राहुल गांधी तक फरियाद की। फिर भी हासिल कुछ नहीं हुआ।डीएवीपी ने अखबारों की नयी मान्यता के आवेदन पत्र में अखबारों से एक एक पैसे का पक्का हिसाब मांगा है। यानी कागज की जीएसटी से लेकर बैंक स्टेटमेंट मांग कर ये स्पष्ट कर दिया है कि तीन महीने बाद नवीनीकरण के लिए देशभर के सभी अखबारों से ऐसे ही हिसाब मांगा जायेगा। और इस तरह का हिसाब देशभर के 95 प्रतिशत अखबार नहीं दे सकेंगे। इस संकट से लड़ने के लिए पत्रकार संगठन एक बार फिर सक्रिय हो गये हैं।

● पत्रकारों के पास रोजगार का दुसरा संधान नहीं

इन संगठनों का मानना है कि अखबार बंद होने से प्रकाशक तो हंसी-खुशी अखबार बंद करके किसी दूसरे धंधे में आ जायेंगे लेकिन देश के लाखों अखबार कर्मी/पत्रकारों के पास रोजगार का दूसरा विकल्प नहीं होगा। इस बार पत्रकार संगठन सरकार से पहले तो ये मांग करेंगे कि अखबारों के कम और वास्तविक प्रसार को सरकारी विज्ञापनों की इतनी दरें मिल जायें कि कम संसाधनों का बेसिक खर्च निकल आये। दूसरी महत्वपूर्ण मांग ये होगी कि कम प्रसार वाले अखबारों के पत्रकारों की राज्य मुख्यालय की प्रेस मान्यता बरकरार रहे। दस लाख से कम कुल वार्षिक विज्ञापन पाने वालों से डीएवीपी आय-व्यय का हिसाब ना मांगे। कम संसाधनों, कम आमदनी और कम विज्ञापन पाने वाले इन अखबारों को जीएसटी से मुक्त किया जाये। अखबारों को इन संकटों से बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहा पत्रकार संगठनों का साझा मंच ‘अखबार बचाओ मंच’ का कहना है कि यदि ये मांगे भी पूरी नहीं हुयीं तो न्यायालय का सहारा लेना पड़ेगा। मंच का सबसे मजबूत तर्क होगा कि जब राजनीतिक दल चंदे का हिसाब देने के लिए विवश नहीं हैं तो कम संसाधन और बहुत ही कम सरकारी विज्ञापन पाने वाले देश के अधिकांश अखबार एक-एक पैसे का हिसाब देने के लिए विवश क्यों किए जा रहे हैं।

● मझोले अखबार...बर्बादी के कारगार पर

कार्पोरेट के अखबार करोड़ों रुपये की लागत लगाकर अखबारों में घाटे सह भी सकते हैं। क्योंकि वो अपने मुख्य व्यापार से अरबों रूपये का मुनाफा कमाते है। इनके मुख्य व्यापारों में सरकारों के सहयोग की जरूरत पड़ती है। सरकारों को समाचार पत्रों में सरकारों के गुड वर्क को ज्यादा उजागर करने और खामियों को छिपाने की गरज रहती है। इन कारणों से देश की जनता कार्पोरेट के ब्रांड अखबारों से विश्वसनीयता खोती जा रहे है। पाठक सच पढ़ना चाहता है। उसका रूझान छोटे-छोटे अखबारों की तरफ बढ़ रहा है। लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कार्पोरेट और पेड न्यूज की बेड़ियों में ना जकड़ जाये इसलिए पाठक चार पन्ने के छोटे अखबार में चार सच्ची खबरें पढ़ना चाहता है। जिस तरह राजनीतिक दलों की नीतियों से प्रभावित होकर लोग गुप्त दान करते हैं ऐसे ही छोटे अखबारों को अभी अब लोग दान स्वरुप टुकड़ों दृ टुकड़ों में कागज देने लगे हैं। जब राजनीतिक दलों के चंदे का हिसाब नहीं तो छोटे अखबारों का हिसाब क्यों...!
● पालीवाल वाणी ब्यूरो- sunil paliwal-Anil bagora...✍
🔹 Whatsapp पर हमारी खबरें पाने के लिए हमारे मोबाइल नंबर 9039752406 को सेव करके हमें व्हाट्सएप पर Update paliwalwani news नाम/पता/गांव/मोबाईल नंबर/ लिखकर भेजें...
🔹 Paliwalwani News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे...
Email- [email protected]
09977952406-09827052406-Whatsapp no- 09039752406
▪ एक पेड़...एक बेटी...बचाने का संकल्प लिजिए...
▪ नई सोच... नई शुरूआत... पालीवाल वाणी के साथ....

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News