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BJP नेता के हत्यारे 4 दिन बाद भी फरार, बहन बोली- धमकी मिली...गवाही दी तो जिंदा गाड़ देंगे, मरते मरते बताया था कातिल का नाम

Pushplata
BJP नेता के हत्यारे 4 दिन बाद भी फरार, बहन बोली- धमकी मिली...गवाही दी तो जिंदा गाड़ देंगे, मरते मरते बताया था कातिल का नाम
BJP नेता के हत्यारे 4 दिन बाद भी फरार, बहन बोली- धमकी मिली...गवाही दी तो जिंदा गाड़ देंगे, मरते मरते बताया था कातिल का नाम

20 साल पहले मां को खो चुकी शालिनी के पिता दिनेश सिंह की 4 दिन पहले लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। जब तक वह ससुराल से मायके पहुंचती, पिता दम तोड़ चुके थे। घर वाले सहमें हुए थे, क्योंकि जिन लोगों ने दिनेश को मारा, उन्होंने 17 साल पहले भरी बाजार में उसके बड़े भाई को गोली मारी थी। सभी गांव के दबंग थे, इसलिए पीड़ित परिवार थाने जाकर उनके खिलाफ रिपोर्ट लिखवाने में घबरा रहा था। मगर...शालिनी नहीं।

पिता का शव लेकर शालिनी घर वापस पहुंची। कुछ देर बाद पूरे परिवार के साथ अमेठी के संग्रामपुर थाने गई। बड़ी हिम्मत करके गांव के 4 रसूखदार लोग (ग्राम प्रधान संजय कुमार सिंह उर्फ मुन्ना,दीपक सिंह,पंचम सिंह और रवि शंकर पांडेय) के खिलाफ FIR दर्ज करवाई। फिलहाल, दिनेश की हत्या हुए 100 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। पुलिस के समझाने पर घरवालों ने उसका अंतिम संस्कार तो कर दिया। लेकिन अब तक एक भी आरोपी पकड़ा नहीं गया है। उधर, शालिनी की जिद है- जब तक पिता के हत्यारों को सजा नहीं मिल जाती, वह शांत नहीं बैठेगी।

अमेठी की इस बर्बर घटना के बारे में जानने के लिए पीड़ित परिवार से प्रेस मिली। पुलिस की अब तक की कार्रवाई को देखा। जिन पर हमले का शक है, उनके अरोपियों के भी घर गई। गांव के लोगों से भी बात की। 

5 लोगों ने दिनेश की बाइक रुकवाई, लाठी मारकर सिर फोड़ दिया

18 जुलाई 2023…अमेठी का संग्रामपुर थाना क्षेत्र का धौरहरा गांव। दोपहर के करीब 12 बज रहे थे। दो कमरों के कच्चे घर में दिनेश बारिश रुकने का इंतजार कर रहे थे। स्कूल से जुड़े एक जरूरी काम को लेकर उन्हें बाहर जाना था। बारिश रुकी...तो दिनेश बाइक लेकर शहर की तरफ चल दिए।

वह घर से कुछ ही दूर पहुंचे थे कि पास की बाजार में उनकी बाइक के सामने अचानक 5 लोग आए और गाड़ी रोक दी। सभी के चेहरे गमछे से ढके हुए थे। हाथ में लोहे की रॉड और लाठियां थीं। दिनेश कुछ बोलते...इससे पहले हमलावरों ने उन पर लाठियां बरसानी शुरू कर दीं।

दिनेश ने बचकर भागने की कोशिश की, लेकिन उन्हें धक्का देकर कीचड़ में गिरा दिया। इसके बाद बीच सड़क पर घसीटकर लाए। जितना मार सकते थे उतना मारा। दिनेश जोर-जोर से चिल्ला रहे थे लेकिन उनकी आवाज किसी के पास नहीं पहुंच रही थी। हमलावरों ने सिर पर एक के बाद एक करीब 4 वार किए। दिनेश बेहोश हो गए। हमलावरों को लगा कि मार दिया है। हमलावर वहां से भागे, तो आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे। एक व्यक्ति ने दिनेश के सीने पर हाथ रखा, तो पता चला कि सांस चल रही थी।

दिनेश पर हुए हमले की जानकारी उनके साले न्याय सिंह को मिली तो वह भागते हुए मौके पर पहुंचे। बहन की मौत के बाद वह दिनेश के ही साथ रहते थे। न्याय सिंह कहते हैं, "जब मैं वहां पहुंचा तो दिनेश जीजा सड़क पर पड़े हुए थे। पूरा शरीर खून से लथपथ था। जीभ बाहर निकली हुई थी, सांसें चल रही थीं। लोगों ने उनके चेहरे पर पानी फेंका, लेकिन वह नहीं उठे। इसके बाद मैंने लोगों की मदद से किसी तरह उन्हें संग्रामपुर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने पट्टी करवाकर उन्हें गौरीगंज जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इलाज के बाद जीजा को थोड़ा होश आया, तो वह गांव के मुन्ना सिंह और कुछ लोगों का नाम ले रहे थे। लेकिन उनकी हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई।"

'जिन्होंने बड़े पापा को गोली मारी, वही मेरे पापा के हत्यारे'

मृतक दिनेश सिंह ने अपनी एकलौती बेटी शालिनी की शादी 2020 में की थी। उसका ससुराल मऊ जिले में है। पिता की मौत की खबर पाते ही वह गांव पहुंची। उसने हमलावरों के खिलाफ संग्रामपुर थाने में तहरीर दी है। शालिनी कहती हैं, "पापा भाजपा के बूथ अध्यक्ष थे। गांववाले उनके पास आए दिन सोर्स-सिफारिश लेकर आते रहते थे। जिस दिन उनकी हत्या हुई, उस दिन भी वह किसी के बच्चों के एडमिशन के लिए शहर गए थे। लोग उन्हें बहुत मानते थे, क्योंकि उनके कहने पर सरकारी काम आसानी से हो जाते थे। लेकिन मुन्ना सिंह और उसके लोग इसी बात से चिढ़ते थे।"

शालिनी के मुताबिक, धौरहरा गांव के ग्राम प्रधान संजय सिंह उर्फ मुन्ना ने 2006 में उसके बड़े पापा (दिनेश के बड़े भाई) सहदेव सिंह की मामूली विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में उसके पिता दिनेश सिंह आखिरी गवाह थे। अगस्त में उनकी आखिरी पेशी होनी थी, जिसके बाद दोषियों को सजा मिलनी तय थी। लेकिन उससे पहले मुन्ना सिंह ने अपने लोगों के साथ मिलकर दिनेश सिंह की हत्या करवा दी।

पिता की निर्मम हत्या के बाद 26 साल की शालिनी ससुराल से मायके तो आ गई हैं। लेकिन उन्हें डर है कि आरोपी पार्टी वाले उनकी भी जान ले सकते हैं। पुलिस भी उनकी तहरीर पर आरोपियों की छानबीन में जुटी हुई है, इसलिए खतरा अभी टला नहीं है। फिलहाल, शालिनी के घर के सामने पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

दिनेश ने बहन को किया आखिरी कॉल, कहा- मौत सिर पर है...

17 साल पहले हुई सहदेव सिंह की हत्या का मुकदमा दिनेश सिंह लड़ रहे थे। उनकी गवाही इस मामले के लिए अहम साबित होती, इससे पहले दिनेश की भी हत्या कर दी गई। जो घटना हुई... उसका अंदेशा दिनेश को पहले से ही था। वह अक्सर बहन आशा को फोन पर कहता था कि उसे जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। मौत उसके सिर पर है।

आशा ने बताया, "हत्या से एक दिन पहले भइया (दिनेश) ने मुझे फोन किया था। वह घबराए हुए थे। कह रहे थे कि अरोपी पक्ष उन्हें केस वापस लेने के लिए धमका रहा है। उन्हें पैसे का लालच देकर गवाही न देने के लिए बोला जा रहा था।" इतना कहते हुए आशा रोने लगती हैं। थोड़ी देर बाद चुप होकर फिर कहती हैं- "जब से सहदेव भइया की हत्या का केस चला, हमें जान से मारने की लगातार धमकियां मिल रही थीं। हमने इसकी शिकायत संग्रामपुर थाने में की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। आप बताइए...जब पुलिस भी दबंगों से मिली हुई हो, तब भला गरीबों की कौन सुनेगा।"

परिवार के समर्थन में आई भाजपा...

अमेठी भाजपा जिलाध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी ने दिनेश सिंह के बीजेपी नेता होने की पुष्टि की है। दुर्गेश कहते हैं, "धौरहरा गांव के दिनेश सिंह भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता होने के साथ बूथ नंबर 206 के अध्यक्ष भी थे। उन पर ऐसा जानलेवा हमला होगा, ये किसी ने सोचा नहीं था। पार्टी मृतक परिवार के साथ खड़ी है। कानूनी से आर्थिक सहायता, जो भी संभव होगा हम दिनेश के घरवालों की मदद करेंगे।" पीड़ित परिवार की आर्थिक हालत को देखते हुए SDM प्रीति तिवारी ने दिनेश के परिवार को पात्रता के आधार पर हर संभव आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है। साथ ही खंड विकास अधिकारी से मृतक के परिजनों को आवास उपलब्ध कराए जाने को लेकर निर्देश दिए हैं।

आरोपी मुन्ना सिंह की क्रिमिनल हिस्ट्री...

पुलिस के मुताबिक, बूथ अध्यक्ष दिनेश सिंह की हत्या के आरोप में नामजद संजय सिंह का आपराधिक बैकग्राउंड रहा है। संजय उर्फ मुन्ना के खिलाफ संग्रामपुर, प्रयागराज सहित कई थानों में 15 से अधिक मुकदमें दर्ज हैं।

इस पूरे मामले में हमने गांव के लोगों से बातचीत की। कुछ गांववाले कैमरे पर बोलने को राजी नहीं थे। लोगों का कहना है कि अगर आरोपियों को जल्द नहीं पकड़ा गया तो, गांव में दहशत बनी रहेगी। इस घटना से बाद से मुन्ना सिंह का परिवार फरार है, लेकिन उसके करीबी अभी भी यहीं पर हैं। यहां कौन आ रहा है। कौन उनके खिलाफ बोल रहा है। सारी जानकारी आरोपियों तक पहुंच रही है। हमें रहना तो इसी गांव में है। इसलिए बहुत ज्यादा नहीं कह सकते।

दिनेश के अंतिम संस्कार में शामिल होने आए एक बुजुर्ग ने बताया मुन्ना सिंह दबंग नेचर वाला आदमी है। 2 जनपदों में हिस्ट्रीशीटर रहा है। आज तक उसके खिलाफ कोई बोल नहीं पाया। लेकिन इस केस के बाद से उसका पूरा घर बंद पड़ा है। वह खुद अपने परिवार के साथ यहां से भाग गया है। उसका फरार होना यह बताता है कि कहीं-न-कहीं गलती उसकी ही है।

मुख्य आरोपी ने वीडियो वायरल कर मांगी मदद

दिनेश सिंह की हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त धौरहरा गांव के ग्राम प्रधान संजय सिंह उर्फ मुन्ना ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर खुद को निर्दोष बताया है। संजय ने पीएम मोदी, सीएम योगी और अमेठी सांसद स्मृति ईरानी से न्याय की गुहार लगाई है। वायरल वीडियो में आरोपी संजय दिनेश के परिवार उसे फंसाने का आरोप लगाया है।

वीडियो में संजय ने कहा, "विपक्षियों ने मुझे फंसाने के लिए साजिश रची है और जबरन मेरे ऊपर मुकदमा दर्ज कराया है। जबकि सच ये है कि मैं घटना वाले दिन लखनऊ ने एक निजी अस्पताल में अपने भाई के इलाज करवा रहा था। मेरे पास इसके पूरे सबूत भी मौजूद हैं।"

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