भोपाल
सरकार ने कोई घोषणा नहीं की है, सरकार किसानों के हित में अतिशीघ्र निर्णय ले : वरना प्रदेश व्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा : भारतीय किसान संघ
sunil paliwal-Anil Bagoraभारतीय किसान संघ देश का सबसे बड़ा राष्ट्रव्यापी, गैर राजनैतिक, किसानों के हित में सदैव कार्यरत किसान संगठन है। जो देश में सभी जिलों एव तहसीलों तक अपनी पहुंच रखता है। विगत 45 वर्षों से अपनी स्थापना से वर्तमान समय तक विभिनन सरकारों में समक्ष में भी किसानों की जब कोई समस्या होती है तो वह भारतीय किसान संघ से ही अपेक्षा करता है। वर्तमान में किसान निम्न विषय पर संघर्ष कर रहा है, जिसमें भारतीय किसान संघ किसानों के साथ खड़ा है.
1. मध्यभारत प्रांत में लगभग सभी जिलों में लगातार यूरिया एवं डी.ए.पी. की समस्या आ रही है, सरकार कह रही है कि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है फिर भी किसानों को उपलब्ध क्यों नहीं हो रही है। कई जगह 2-2 दिन तक लाईन लगाने के बाद भी खाद उपलब्ध नहीं हो रही है, जबकि व्यापारी के पास दुगने दामों में पर्याप्त उपलब्ध है। कहीं न कहीं मिलीभगत से कालाबाजारी चल रही है। भारतीय किसान संघ का कहना है कि इसको तत्काल रोका जाए और किसानों को पर्याप्त मात्रा में बिना लाईन में लगे उपलब्ध कराई जाए।
2. प्रांत में सोयाबीन का भाव निचले स्तर पर चल रहा है। मंडी हो या सोसायटी की खरीदी वहां पर एफ.ए.क्यू. के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है, भारतीय किसान संघ ने सितंबर माह में प्रदेश व्यापी आंदोलन 6000 प्रति क्विंटल सोयाबीन का भाव प्रदान करने के लिए किया था, जिसके बाद सरकार ने शासकीय खरीदी की घोषणा की थी, परन्तु फिर भी सरकार से यह अपेक्षा थी कि सरकार समर्थन मूलय 4892 प्रति क्विंटल पर 1108 का बोनस प्रदान करेगी। परन्तु खरीदी प्रारंभ हुए 20 दिन का समय हो चुका है और अभी तक सरकार ने कोई घोषणा नहीं की है, सरकार शीघ्र इस पर निर्णय ले।
3. पूरे प्रांत में नकली खाद, बीज एवं दवाइयों का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है जिससे किसान बर्बाद एवं भूमि बंजर हो रही है। प्रांत में 50 प्रतिशत तक नकली खाद, बीज, दवायां बिक रही है, परन्तु शिकायात करने पर माफियाओं पर कोई कार्यवाही नहीं होती। प्रशासन की मिली भगत या राजनैतिक संरक्षण से सब चल रहा है। भारतीय किसान संघ बार-बार सरकार से मांग कर रहा है। नकली व्यवसाय करने वालों पर राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज होना चाहिए एवं सख्त सजा का प्रावधान होना चाहिए। इस पर अभी तक सरकार ध्यान नहीं दे रही है।
4. विगत दिनों पूरे प्रांत में सोयाबीन की फसल को अतिवृष्टि से नुकसान हुआ। कई जगह सोयाबीन में 70 प्रतिशत धान में 90% तक भी नुकसान हुआ। परन्तु कहीं भी न तो सर्वे हुए और न ही सरकार की तरफ से मुआवजा व बीमा प्रदान किया गया। भारतीय किसान संघ की मांग है कि इस विषय पर सरकार संज्ञान ले एवं मुआवजा एवं बीमा किसानों को शीघ्र प्रदान करें।
भारतीय किसान संघ उपरोक्त विषयों पर लगातार सरकार के संज्ञान दिलाता रहा है। सरकार के 11 महीनों के कार्यकाल में अलग-अलग मंचों पर मुख्यमंत्री जी से चर्चा हुई और मुख्यमंत्री जी ने भी सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया था. परन्तु आज दिनांक कोई समाधान होता दिखाई नहीं पड़ रहा है। अतः भरतीय किसान संघ पुनः चेतावनी दे रहा है कि अगर किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया तो शीघ्र ही प्रदेश व्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। जिसकी जवाबदेही सरकार की होगी।