भोपाल
वरिष्ठ पत्रकार श्री राजकुमार केसवानी का जाना-पत्रकार जगत में जगह शुन्य कर गया : आरिफ़ मिर्ज़ा
Paliwalwaniभोपाल. वरिष्ठ पत्रकार श्री राजकुमार केसवानी के इंतकाल की खबर भोपाल और भोपालियों के बीच बहुत अफसोस के साथ सुनी गई. अगर में ये कऊं के वो बर्रुकट भोपाली थे तो कुछ गलत न होगा. उनके वालिद मरहूम लक्ष्मणदास केसवानी आज़ादी के बाद हुए बंटवारे में सिंध से हिंदुस्तान आये थे. राजकुमार केसवानी की पैदाइश सुल्तानिया जनाना अस्पताल भोपाल की है. वो जित्ते ऊंचे पाए के सहाफी थे उनके क़दम उत्ते ही ज़मींन पे रेते. भोपाली तालिब-ए-इल्म के मरकज़ रहे सेफिया कालिज से उन्ने एमए करा. मियां खां इस क़दर के पढ़ाकू रहे के घण्टों लाइब्रेरी में बिता देते. इब्राहिमपूरे की पटेल और मदीना होटल बी इनके ठिये हुआ करते. छोटे भाई शशि केसवानी के मुताबिक भाई मियां मछली के इंतहाई शौकीन थे. लिहाज़ा अफगान होटल में अक्सर पाए जाते. सत्तर की दहाई में इनकीं सहाफत की इब्तिदा में ये रपट वीकली और शहरनामा अखबार निकालते. तब डिलाइट होटल में एक कमरे में इनका दफ्तर होता. यहां मनोहर आशी, देवकांत शुक्ला, प्रलेस के राजेन्द्र शर्मा, रामप्रकाश त्रिपाठी, राजेश जोशी, मंज़ूर एहतेशाम, जगत पाठक वगैरह के साथ राजकुमार साब की बैठकें होतीं. केसवानी की ज़ुबान पे भोपाली गालियां भी खुल के निकलतीं. कई दफे इनकीं टोली इमामी गेट पे तो कभी बुधवारे में नमक वाली सुलेमानी चाय के मज़े लेती. को खां... कां हो खां जैसे जुमले इनकीं जुबां पे रहते. भोपाल की पतली गलियों का राजकुमार चला गया. हिंदी पत्रकारिता को भाई इत्ता दे गए हैं के उनका वो जखीरा बरसा बरस हमारी सहाफत को चमकाता रहेगा. उर्दू, हिंदी और अंग्रेज़ी ज़ुबानों का भेतरीन संगम पेश करने वाले इस मायानाज़ सहाफी को खिराजे अक़ीदत.
● आरिफ़ मिर्ज़ा :9755199884 (भोपाल, राजकुमार केसवानी के दिल में हमेशा रहा और उनके शब्दों में हमेशा रहेगा. इंदौर के पत्रकार हर्षवर्धन प्रकाश के अनुरोध पर मशहूर मीडिया स्तम्भकार आरिफ़ मिर्ज़ा ने केसवानी साहब को ख़ालिस भोपाली ज़ुबान में श्रद्धांजलि दी है. वही पालीवाल वाणी समूह की ओर से विन्रम श्रद्वाजंलि अर्पित की गई.
● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क...✍️