भोपाल

संविदा कर्मियों को सीएम शिवराज सिंह ने दिया तोहफा : कोई भी अधिकारी सेवा समाप्त नहीं कर सकेगा, विनियमित कर्मचारी नाराज

Anil Bagora
संविदा कर्मियों को सीएम शिवराज सिंह ने दिया तोहफा : कोई भी अधिकारी सेवा समाप्त नहीं कर सकेगा, विनियमित कर्मचारी नाराज
संविदा कर्मियों को सीएम शिवराज सिंह ने दिया तोहफा : कोई भी अधिकारी सेवा समाप्त नहीं कर सकेगा, विनियमित कर्मचारी नाराज

संविदा कर्मियों को सीएम शिवराज सिंह ने दिया तोहफा : कोई भी अधिकारी सेवा समाप्त नहीं कर सकेगा, विनियमित कर्मचारी नाराज 

भोपाल :

  • कल रविवार को विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सौजन्य भेंट की। इस भेंट के दौरान संगठनों के प्रतिनिधियों ने संविदा कर्मियों के विभिन्न मांगों का पुलिंदा सीएम शिवराज सिंह चौहान को सौंपा। विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के द्वारा होते गए मांग पत्र पर विचार करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आश्वस्त किया है कि प्रदेशभर के संविदा कर्मियों के नाम में परिवर्तन किया जाएगा। इतना ही नहीं नियमित कर्मचारियों की भांति संविदा कर्मियों को भी महंगाई भत्ता हुआ अवकाश दिया जाएगा। इसके अलावा संविदा कर्मियों की सेवा समाप्ति जिले का कोई भी अधिकारी सेवा समाप्त नहीं कर सकेगा। 

सीएम शिवराज सिंह चौहान की इस घोषणा के बाद सामान प्रशासन विभाग ने संविदा कर्मचारियों की सेवा शर्तों के संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं। सीएम के इस पहल को देखते हुए राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद शर्मा, भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह, सुल्तान सिंह शेखावत की अगुवाई में विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट कर उनका आभार प्रकट किया गया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम पहले से ही संविदा कल्चर को खत्म करने का निर्णय लिया था। अध्यापक पद का सम्मानजनक नाम देने का निर्णय लिए थे। इसके साथ ही संविदा कर्मचारियों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। शर्मा ने आगे कहा है कि इस दौरान संविदा कर्मियों के प्रतिनिधि मंडल ने संविदा के स्थान पर दूसरा नाम रखने के लिए कहा गया। 

विभिन्न संगठनों की इस मांग पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सहमति देते हुए कहा कि आप ही लोग विचार करके कोई नाम बताएं। उक्त नाम पर हम भी विचार करेंगे इसके अलावा संगठन के प्रतिनिधियों ने सीजन से मांग रखा है कि नियमित कर्मचारियों की तरह ही अवकाश की सुविधा और सेवा के मूल्यांकन की व्यवस्था समाप्त करने संबंधी स्पष्टता ना होने को लेकर अपनी बात रखी है। इस पर भी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने संगठन के लोगों को आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि मूल्यांकन जैसी व्यवस्था नहीं रहेगी। नाही जिले का कोई अधिकारी संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त कर सकेगा। किसी प्रकार का प्रकरण होने पर कर्मचारियों के लिए जांच आज की व्यवस्था की जाएगी। 

संविदा कर्मचारियों के विभिन्न प्रतिनिधिमंडल के द्वारा सीएम से यह मांग रखी गई है कि किसी योजना या परियोजना के बंद होने पर नियमित कर्मचारियों की भात संविदा कर्मचारियों को भी अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। इसके अलावा 50þ नियमित पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा की व्यवस्थाओं पर भी पुनर्विचार होना चाहिए। इस पर भी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है। 

सीएम शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संविदा कर्मियों की ओर से आभार प्रकट किया गया है। संगठन के प्रतिनिधियों ने उम्मीद किया है कि बहुत जल्द ही संविदा कर्मियों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। 

कई बार छोटे कर्मचारियों छले जाते है, हर बार  

इंदौर निगम के मस्टरकर्मी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रवीण तिवारी, रजनीश शर्मा के अनुसार इंदौर नगर निगम में कुल 17 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. इनमें करीब 12 हजार दैनिक वेतनभोगी व मस्टरकर्मी हैं. इन 12 हजार कर्मचारियों में भी 6982 मस्टरकर्मी, 1974 सुपर स्टाफ विनियमित श्रेणी में हैं. इसके अलावा 2310 सफाईकर्मी शामिल हैं. निगम में मात्र 1315 ही नियमित कर्मचारी हैं.

नगर निगम द्वारा वर्ष 2011 में 149 कर्मचारियों को नियमित किया गया था. इनमें वो कर्मचारी शामिल थे जो 10 अप्रैल 1996 से निगम में कार्यरत थे. निगम के कर्मचारी संगठनों द्वारा पिछले 20 साल से कर्मचारियों को नियमित करने की मांग लगातार की जा रही है. इसके बाद भी अभी तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका है. निगम में आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से 1200 से अधिक कर्मचारियों को रखा गया है. इनसे जोनल कार्यालयों पर आफिस, कंप्यूटर आपरेटर, बेलदार, माली सहित अन्य कार्य करवाए जा रहे हैं.

निगम के मस्टरकर्मी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रवीण तिवारी, रजनीश शर्मा के अनुसार शहर में मस्टरकर्मी व दैनिक वेतनभोगी पांच से साढ़े छह हजार रुपये प्रतिमाह के वेतन में काम कर रहे हैं. इन कर्मचारियों को अपना घर चलाने में मुश्किल आती है. निगम में इनसे आठ से 12 घंटे तक काम लिया जाता है. ऐसे में इनका वेतन बढ़ाने की मांग हम लंबे समय से कर रहे हैं. 20 साल से निगम में कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हुई है. 

मस्टरकर्मी व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के पक्ष में अब सत्ता पक्ष के विधायक श्री महेन्द्र हार्डिया और विधायक श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय को स्थाईकरण सहित अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर सरकार को पत्र भी लिख चुके हैं. लेकिन प्रशासन इस पर कोई असर होता हुआ नहीं दे रहा हैं, स्थाईकर्मीयों के लिए कई बार धरना आंदोलन, प्रदर्शन हुए साथ ही कई विधायकों ने सरकार को जगाने का काम किया लेकिन हर बार शिवराज सरकार छोटे कर्मचारियों का दर्द भूल कर घोषणा कर इतिश्री कर लेते हुए. संगठन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि अगर आपने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी और विनियमित कर्मचारीयों के हित में काम किया है, तो लापरवाह उच्च अधिकारियों से पूछ लिया जाए कि फिर कई कर्मचारी संगठन कोर्ट में क्यों दस्तक दे रहे हैं. समय रहते अभी भी नहीं जागे तो कर्मचारी हमेशा के लिए सुलाह देगे. फिर बाद में मत कहना कि कर्मचारी भाईयों ने हमारा साथ नहीं दिया.

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