भोपाल

मध्य प्रदेश में 32,000 स्थायी कर्मचारी हड़ताल पर : सरकारी कामकाज ठप होने की आशंका : सरकार को दी चेतावनी

sunil paliwal-Anil Bagora
मध्य प्रदेश में 32,000 स्थायी कर्मचारी हड़ताल पर : सरकारी कामकाज ठप होने की आशंका : सरकार को दी चेतावनी
मध्य प्रदेश में 32,000 स्थायी कर्मचारी हड़ताल पर : सरकारी कामकाज ठप होने की आशंका : सरकार को दी चेतावनी

Sunil Paliwal-Anil Bagora

भोपाल.

मध्य प्रदेश में 23 मार्च 2025 से 32,000 स्थायी कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है. इसके साथ 28,000 दैनिक वेतन भोगी और 55,000 अंशकालिक कर्मचारी भी आंदोलन में शामिल हुए हैं. सरकार के लालफीता शाही अफसरों ने मानों ना सरकार की सुनना है ना माननीय न्यायलाय के आदेशों को मानना...वहीं करेंगे जो इनकी मर्जी होगी. नोटिस सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में अशोक पांडे प्रांताध्यक्ष महेंद्र सारस प्रदेश उपाध्यक्ष शिवराम जाटव प्रदेश महासचिव प्रमोद बर्डे प्रांतीय सचिव राजू शील यादव प्रदेश महामंत्री शामिल थे. अशोक पांडे ने बताया है कि राज्य सरकार प्रदेश की स्थाई कर्मियों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं अंशकालीन कर्मचारी के अधिकारों का हनन कर रही है.

प्रदेश के 32000 स्थाई कर्मी सातवें वेतनमान का लाभ देने एवं 28 हजार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी नियमित करने तथा 55 हजार अंशकालीन कर्मचारी कलेक्टर रेट का वेतन देने की मांग के समर्थन में 23 मार्च 2025 को काम बंद हड़ताल करेंगे. हड़ताल का नोटिस शुक्रवार को मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के नेतृत्व में राज्य सरकार को सौंप दिया गया है.

कई बार सरकार को कोर्ट से फटकार भी झेलनी मगर इनको तो कोई असर नहीं होता...अगर असर पड़ता है तो दैनिक वेतन भोगी, स्थायी कर्मचारी, आंगनवाड़ी के कमचारी हो या फिर संविदा कर्मचारी, अंशकालिक कर्मचारी पर सीधा असर पड़ता हैं. छोटे-छोटे कर्मचारी दिन-रात कर अपनी सेवाएं ईमानदारी से दे रहे है, लेकिन मोहन सरकार ने आज तक किसी भी कर्मचारी संगठनों को बुलाकर बात नहीं करी और ना ही उनकी समस्या को हल किया. 

भोपाल के आंबेडकर जयंती मैदान में प्रदर्शन कर रहे, कर्मचारियों ने सरकार को ज्ञापन सौंपा है. हड़ताल के चलते कई सरकारी विभागों के कामकाज प्रभावित होने की आशंका है. कर्मचारी संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि मांगे नहीं मानी गईं, तो अब कई कर्मचारी संगठन को मजबूरी में तेज आंदोलन के लिए मैदान में उतर कर जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक आंदोलन चलता रहेगा...जिसके कारण कई विभागो में कई दिनों तक काम प्रभावित होने की आशंका बनी हुई हैं.

मुख्य मांगें : 

●  सातवें वेतनमान का तत्काल लाभ दिया जाए.

●  दैनिक वेतनभोगियों का नियमितीकरण किया जाए.

●  अंशकालिक कर्मचारियों को कलेक्टर रेट पर वेतन मिले. 

●  आदेशों का लाभ अनियमित कर्मचारियों को नहीं मिला है.

●  पिछले नौ साल में सातवां वेतनमान लागू नहीं किया गया.

●  दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित नहीं किया है.

मस्टर कर्मचारी संघ इंदौर के कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रवीण तिवारी, श्री महेश बांनगे श्री अनिल यादव सचिन गौर आउटसोर्स कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष श्री वासुदेव शर्मा, भारतीय मजदूर संघ् संयुक्तमंत्री श्री राजेश सोनकर (खटीक) संगठन मंत्री श्री अजय सोनकर, कार्यालय मंत्री श्री दिनेश कौशल, श्री रवि जावडे, श्री मुन्ना कौशल राज कुमार यादव, सफाई कर्मचारी कल्याण संघ् अध्यक्ष श्री देव बीरदडे, मध्य प्रदेश मांझी मछुआ श्रमिक संघ जिला अध्यक्ष श्री दीपक गौड़, श्री गोविन्द शर्मा, श्री सोनू कल्याणे, श्री नवल संकेत, श्री सचिन गौर, श्री गजेन्द्र यादव, श्री प्रिंस सोनकर, श्री सूरज नाकोड़िया, इसरार अहमद, श्री आकाश सिलावट, श्री तेजु सोलंकी, श्री दिनेश सैन, श्री राहुल वर्मा, श्री अरुण सिलावट, श्री धर्मेंद्र सिंह यादव (एडव्होकेट), अनिल पंचवाल, श्री रौनक सिंह, श्री जीतू कण्डारे, श्री राम यादव, श्री राम बुरूट, श्री राम सिसोदिया, श्री पवन कौशल, श्री रोहित गौड़, श्री बंटी सिलावट श्री संदीप राठौर, श्री विजय जैसल सहित सभी कर्मचारी साथियों ने कर्मचारीयों के हित में समय-समय पर मस्टर कर्मचारी संघ इंदौर ने भी मैदान संभाल रखा है. और शीघ्र ही कर्मचारियों का लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही हैं.

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