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क्या आपके भी गूगल क्रोम ब्राउजर पर अपडेट डाउनलोड करने के लिए नोटिफिकेशन आता है?, अगर हां तो ऐसा करने से बचे वरना फंस सकते हैं मुश्किल में

Paliwalwani
क्या आपके भी गूगल क्रोम ब्राउजर पर अपडेट डाउनलोड करने के लिए नोटिफिकेशन आता है?, अगर हां तो ऐसा करने से बचे वरना फंस सकते हैं मुश्किल में
क्या आपके भी गूगल क्रोम ब्राउजर पर अपडेट डाउनलोड करने के लिए नोटिफिकेशन आता है?, अगर हां तो ऐसा करने से बचे वरना फंस सकते हैं मुश्किल में

क्या आपके भी गूगल क्रोम ब्राउजर पर अपडेट डाउनलोड करने के लिए नोटिफिकेशन आता है? अगर हां, तो फौरन उस पेज को बंद कर दें और हर हालत में डाउनलोड बटन पर क्लिक करने से बचें। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन दिनों एक नया रैनसमवेयर (एक किस्म का मालवेयर) Malicious यानी गड़बड़ वेबसाइट्स के जरिए तेजी से फैल रहा है। यह आपके पर्सनल कंप्यूटर के सारे डेटा को ऐसा बना देता है, जैसे वह आपके किसी काम का न हो। रैनसम यानी मांगी गई रकम चुकाने के बाद ही आप अपना डेटा वापस पा पाते हैं। मौजूदा समय में यह दिक्कत माइक्रोसॉफ्ट एज ब्राउजर पर है।

जीबी हैकर्स डॉट कॉम (GBhackers.com) की रिपोर्ट की मानें तो को मैग्निबर रैनसमवेयर फिर से लौट आया है। पहले यह इंटरनेट एक्सप्लोरर ब्राउजर के जरिए भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाता था। अटैकर्स अब माइक्रोसॉफ्ट एज और गूगल क्रोम को इस काम के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। यह रैनसमवेयर वैसे ही काम करता है, जैसे कि पहले करता था।

जानकारी के मुताबिक, इस मालवेयर को फेज (फर्जी) वेब पेजेज़ के जरिए क्रोम या फिर एज ब्राउजर के नए अपडेट के नाम पर भेजा जाता है। यूजर अगर “अपडेट क्रोम” या फिर “अपडेट एज” बटन पर क्लिक करते हैं, तो पेज .appx टाइप के ब्राउजर एक्सटेंशन को डाउनलोड कर लेता है। इसे इंस्टॉल करने के बाद प्रोग्राम बैकग्राउंड में चलने लगता है।

Malicious फाइलें आपकी विंडो स्क्रीन पर बैकग्राउंड में एनक्रिप्ट होने लगती हैं, जिसके बारे में किसी यूजर को पता भी नहीं लग पाता है। एक बार यह एन्क्रिप्शन पूरा हो जाता है, तो आपके सामने नोटपैड पर एक रैनसम नोट आता है। कहा जाता है- जब तक आप रैनसम नहीं चुकाएंगे, तब तक आप अपने कंप्यूटर पर किसी भी फाइल को एक्सेस नहीं कर पाएंगे।

कैसे बचें?

भविष्य में आप इस तरह के रैनसमवेयर से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरत सकते हैं। मसलन कभी भी अन्य या अनजान वेबसाइट्स से अपने क्रोम या फिर एज ब्राउजर पर “अपडेट पैकेज” डाउनलोड न करें। क्रोम और एज अपने आप भी सर्वर से अपडेट हो सकते हैं। ऐसे में मैनुअल अपडेटिंग की कोई जरूरत नहीं है। टेक एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आम तौर पर हैकर्स फर्जी पेजों के जरिए अपडेट डाउनलोड का झांसा देकर आम लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। साथ ही हमेशा अपने डेटा का क्लाउड स्टोर या फिर फिजिकल एक्सटर्नल स्टोरेज पर बैक अप रखें। अगर आपका पीसी इन्फेक्ट होगा भी, तो आप इस स्थिति में उसे रीसेट कर अपने डेटा का बैकअप आसानी से हासिल कर लेंगे।

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