ज्योतिषी
हरियाली अमावस्या के दिन करें वृक्षारोपण शास्त्र के अनुसार शुभ होता हैं : पंडित पुष्पराज आचार्य
जगदीश राठौररतलाम. सावन यानि श्रावण मास की अमावस्या तिथि है. इसे हरियाली अमावस्या, सावन अमावस्या और श्रावणी अमावस्या भी कहते हैं. अमावस्या की तिथि 07 अगस्त 2021 को शाम 7 बजकर 13 मिनट से शुरू होगी. इस तिथि का समापन 08 अगस्त को शाम 7 बजकर 21 पर होगा. धर्म में श्रावण अमावस्या का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है. श्रावण मास को सावन का महीना भी कहते है. सावन का पूरा महीना पूजा पाठ के लिए उत्तम माना गया है. सावन का संपूर्ण मास भगवान शिव को समर्पित है. इस पूरे महीने ही भगवान शिव की पूजा की जाती है. हरियाली अमावस्या का पर्व पर्यावरण के महत्व को भी बताता है. इस दिन पौधा लगाना शुभ माना गया है. हरियाली अमावस्या के दिन कृषि उपकरणों की भी पूजा की जाती है. ये पर्व कृषि के महत्व को भी बताता है.
● हरियाली अमावस्या लगाए पेड़ पौधे : पंचांग के अनुसार हरियाली अमावस्या का व्रत 08 अगस्त 2021, रविवार माना गया है. हरियाली अमावस्या का पर्व हमारे जीवन में पेड-पौधों का क्या महत्व है. इस बारे में भी बताता है. इसके साथ ही इस दिन पौधा लगाना भी उत्तम माना गया है. इस दिन आप अपनी राशि के अनुसार पौधा लगा सकते हैं याअपनी स्वेच्छा अनुसार भी पेड़ पौधे आप लगा सकते हैं
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राशि अनुसार लगाए पौधे
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मेष राशि - आंवला का पौधा
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वृष राशि - जामुन का पौधा
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मिथुन राशि चंपा का पौधा
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कर्क राशि- पीपल का पौधा
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सिंह राशि - वटवृक्ष या अशोक का पौधा
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कन्या राशि - बेलपत्र का पौधा
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तुला राशि - अर्जुन का पौधा
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वृश्चिक राशि नीमा का पौधा
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धनु राशि - कनेर का पौधा
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मकर राशि - शमी का पौधा
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कुंभ राशि - आम का पौधा
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मीन राशि - बेर का पौधा
● हरियाली अमावस्या पूजा विधि : इस दिन गंगा जल से स्नान करें. सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें. श्रावणी अमावस्या का उपवास करें एवं किसी गरीब को दान-दक्षिणा दें. श्रावणी अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का विधान है. इस दिन पीपल, बरगद, केला, नींबू अथवा तुलसी का वृक्षारोपण जरूर करें. किसी नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाएं. अपने घर के पास चींटियों को चीनी या सूखा आटा खिलाएं.
● उपाय : हरियाली अमावस्या की शाम को मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं. इस दिन ऐसा करने से घर से दरिद्रता दूर होती है. अमावस्या की रात को घर में पूजा करते समय पूजा की थाली में स्वस्तिक या ॐ बनाकर उस पर महालक्ष्मी यंत्र रखें. शाम को शिवजी की विधिवत पूजा आराधना करें और उनको खीर का भोग लगाएं. ऐसा करने से आपको शिवजी की कृपा मिलती हैं.
● प्रस्तुति : पंडित पुष्पराज आचार्य बालाजी ज्योतिष वास्तु केंद्र-जावरा जिला रतलाम, म.प्र. व्हाट्सएप 93298 91853
● सौजन्य : जगदीश राठौर-पत्रकार राष्ट्रीय सहप्रवक्ता अखिल भारतीय राठौर क्षत्रिय महासभा एवं नमो नमो मोर्चा भारत
● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क. जगदीश राठौर...✍️