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नवरात्रि में इस दिशा की ओर जलाएं अखंड ज्योत, कभी नहीं होगी पैसों की कमी, अकाल मृत्यु का भय भी होगा समाप्त

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नवरात्रि में इस दिशा की ओर जलाएं अखंड ज्योत, कभी नहीं होगी पैसों की कमी, अकाल मृत्यु का भय भी होगा समाप्त
नवरात्रि में इस दिशा की ओर जलाएं अखंड ज्योत, कभी नहीं होगी पैसों की कमी, अकाल मृत्यु का भय भी होगा समाप्त

Shardiya Navratri 2024 Akhand Jyoti Niyam:हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। 3 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक नवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। इन 9 दिनों के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ कलश स्थापना की जाती है। इसके साथ ही अखंड ज्योति भी जलाई जाती है।शास्त्रों के अनुसार, पूजा के दौरान आमतौर पर दो तरह के दीपक जलाए जाते हैं एक कर्मदीप, जो सिर्फ पूजा के समय जलाया जाता है और दूसरा अखंड दीपक, इसे किसी त्योहार या मांगलिक काम के शुरू होने से लेकर समापन तक जलाया जाता है। इस दीपक को उन घरों में अवश्य जलाया जाता है, जहां पर नवरात्रि की कलश स्थापना की गई हो। इसे जलाने से घर में सुख-शांति, सुख-समृद्धि के साथ-साथ नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। नवरात्रि के दौरान हम मां दुर्गा की पूजा, कलश स्थापना करने की दिशा के बारे में तो अधिक ध्यान देते हैं, लेकिन अखंड ज्योति की सही दिशा और तरीका बिल्कुल भूल जाते है। जिसका असर हमारे जीवन पर अधिक पड़ता है। 

शास्त्रों के मुताबिक, अखंड का अर्थ है कि जो खंडित न हो। इसलिए अगर आप पूरे नौ दिनों तक अखंड ज्योति नहीं जला सकते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि आपके नवरात्रि के पारण करने तक वह एक बार भी बंद न हो।

पश्चिम दिशा में अखंड ज्योत रखने का फल

देवी भागवत पुराण के अनुसार, अगर आप अखंड ज्योत को पश्चिम दिशा की ओर रखते हैं, तो इससे मां अति प्रसन्न होती है। वह सुख-समृद्धि,संपन्नता का वरदान देती हैं।

पूर्व दिशा की ओर अखंड ज्योत रखने का फल

शास्त्रों में पूजा के लिए पूर्व दिशा सबसे सही मानी जाती है, क्योंकि इस दिशा सूर्योदय होता है और हर देवी-देवता वास करते हैं। इस दिशा में अखंड ज्योत जलाने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है और सुख-समृद्धि, धन-वैभव , खुशहाली का आशीर्वाद देती है।

उत्तर दिशा की ओर अखंड ज्योत रखने का फल

अगर आप उत्तर दिशा की ओर अखंड ज्योत रखते हैं, तो उस घर में रहने वाले सदस्यों की आयु लंबी होती है और अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।

दक्षिण दिशा की ओर अखंड ज्योत की बाती

देवी भागवत पुराण के अनुसार, अगर किसी घर में साधक अखंड ज्योत जलाते समय दीपक की बाती दक्षिण दिशा की ओर कर देता है, तो इसे अशुभ माना जाता है, क्योंकि ये दिशा यमराज की होती है। ऐसे में इस दिशा में अखंड ज्योत की बाती होने से घर में सालभर के अंदर एक घात यानी किसी की मृत्यु जरूर होती है। इसलिए कभी भी इस दिशा में अखंड ज्योति की बाती न रखें। इससे धन हानि भी हो सकती है।

अखंड ज्योत किस दिशा में रखना शुभ

अखंड ज्योत की स्थापना के लिए सबसे शुभ दिशा आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा मानी जाती है। इस दिशा में रखने से खुशहाली, सुख-समृद्धि, धन लाभ होता है।

नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के मंत्र

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते।।
दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति जनार्दन:
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते।।

 

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