आमेट
पालीवाल गौरव : आमेट पालीवाल समाज के प्रतिभाशाली श्री हेमंत बागोरा सीए बने
Kishan Paliwal-M. Ajnabee
आमेट । (किशन पालीवाल, महेन्द्र बागोरा...) पालीवाल ब्राह्मण समाज 44 श्रेणी आमेट के समाजसेवी श्री प्रेमशंकर जी बागोरा के सुपूत्र श्री हेमंत बागोरा (पिपली पोल) ने वर्ष 2020 में सीए की परीक्षा दी, जिसका परिणाम 2021 में आया तो पालीवाल समाज के लिए गौरवशाली वाले क्षण रहे हैं, जिसमें श्री हेमंत बागोरा ने अपनी कड़ी मेहनत से सीए की परीक्षा पास की। सीए की परीक्षा पास करना हर किसी के नसीब में नहीं होता हैं, उसके लिए कडी मेहनत और कठिन तपस्या कर पढ़ना पड़ता है, मन की कई धारणों को काबू में कर इस ऊंचाई को वो ही छू सकता हैं, जिसमें सारी खुबियां नजर आती हो। हर विद्यार्थी का एक अपना सपना होता है कि अपने माता-पिता श्री प्रेमशंकर बागोरा एवं श्रीमती जमनादेवी पालीवाल और परिवार के सपनों को साकार करते हुए उच्च स्थान हासिल करें। वैसे ही समाज के युवा श्री हेमंत बागोरा ने सपना साकार किया, तो पालीवाल समाज और परिजनों में एक उत्सव का माहौल बन गया, हर कोई एक-दुसरे को बधाई देकर खुशी में शामिल हो रहे थे, वो क्षण हमें ऐतिहासिक पलों की ओर ले गए...पूरे परिवार में इतना जर्बदस्त आनंदित करने वाला माहौला था कि हम उसे बयां नहीं कर सकते हैं, हर किसी के आंखों में आंसू की बूंदे ऐसे टपक रही थी कि मानों गंगा-जमूना का मिलन पिपली पोल में हो रहा हो...जब किसी को खुशी मिलती हैं तब आंसू की बूंदे टपकना स्वाभिक होती हैं, ऐसे मौके पर सीए बने हेमंत के कोमल चेहरों पर भी साफ झलक रही थी। श्री हेमंत बागोरा ने पालीवाल वाणी से कहा कि लंबे व कड़े संघर्ष के बाद कई उतार-चढ़ाव के बाद यह मुकाम हासिल होता है, परंतु सफलता की कोई सीमा नहीं होती, जितनी भी मिले कम ही लगती हैं। उन्होंने अपनी सफलता का विशेष श्रेय गुरूजनों और अपने माता-पिता को दिया, जिन्होंने उस पर भरोसा किया और हर संघर्ष में मित्र बनकर मदद की। मुझे परम आशीवाद सर्वश्री ब्रह्मलीन जगन्नाथ जी बागोरा, श्रीमती अंबा बाई बागोरा (दादाजी, दादीजी) एवं नारायणलाल जी जोशी, श्रीमती खमाणी बाई जोशी (नानाजी, नानीजी-मोरचणा) का विशेष कृपा रही, उन्हीं के मार्गदर्शन और प्रेरणा से आज में इस मुकाम पर पहुंचा हुं।
● स्वास्थ्य संबंधी काफी परेशानियां हुई पर हार नहीं मानी
मुझे मेरे माता पिता और परिवार वालो का प्रोत्साहन हर कदम पर मिलता रहा, जिसके कारण बड़ी सफलता मुझे अर्जित हुई। वर्ष 2020 का समय मेरे लिए काफी चुनौतियों भरा रहा। कोरोना के चलते एग्जाम लगातार स्थगित होती रही लेकिन में डरा नहीं क्योंकि मेरा लक्ष्य तय था। मैने हार नहीं मानी...एग्जाम से कुछ ही दिनों पहले ही मुझे स्वास्थ्य संबंधी काफी परेशानियां भी हुई। जिसके कारण मुझे एग्जाम की तैयारी के लिए समय भी काफी कम मिल पाया। सीए फाइनल में 2 ग्रुप होते हैं। जिन्हें ज्यादातर स्टूडेंट्स सिंगल-सिंगल करके पास करने का प्रयास करते हैं, लेकिन मैने दोनों ग्रुप एक साथ देने का लक्ष्य बनाया...अंतिम एक माह की तैयारी हर विद्यार्थी के लिए काफी मुश्किल का दौर होता हैं, उस क्षण मुझे मेरे परिवार का भरपूर सपोर्ट मिला उसी के बलबूते मुझे परिश्रम करने में कोई परेशानी नहीं उठना पड़ी। सीए में परिश्रम के साथ साथ धेर्य रखना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता हैं लेकिन मैंने देखा कि ऐन टाईम पर विद्यार्थी अपनी हार मान लेता हैं, इस कारण सीए की परीक्षा के दौरान उसके मन में निराशा भर जाती हैं, उसी निराशा का परिणाम यह होता है कि उसे जो सफलता मिलनी चाहिए थी वो मिल नहीं पाती। मैंने कोरोना काल के दौरान शांत मन से पढ़ाई पर ही ध्यान केंद्रित किया ओर धेर्य के साथ मैंने इतना बड़ा लक्ष्य हासिल कर पाया हूँ। मैं अपने सीए बनने का पूरा श्रेय अपने गुरूजनों के साथ-साथ माता-पिता एवं पूरे परिवार को देता हूँ। क्योंकि उनके संघर्ष के बिना यह सब संभव नहीं था। श्री हेमंत प्रेमशंकर बागोरा की इस उपलब्धि पर सर्वश्री भवरलाल जी, जमनालाल जी, जगदीश जी, शंकरलाल जी, रामेश्वर जी (मामाजी), हितेश, दिनेश, महेन्द्र, ईश्वर, लोकेश, कन्हैया, ललित, हितेश, उमेश-भाई, भावना पालीवाल-बहन, एवं समस्त बागोरा परिवार, घनश्याम शांतिलाल जी पालीवाल ( मुण्डकोशिया), जीयाजी श्री दीपक जोशी (भलावतो का खेडा) राजसमंद, श्री महेश गौरीशंकर जी जोशी (धोरण मोरचा) इंदौर आदि ने बधाई देते हुए
!! आओ चले बांध खुशियों की डोर...नही चाहिए अपनी तारीफो के शोर...बस आपका साथ चाहिए...समाज विकास की ओर !!
● पालीवाल वाणी ब्यूरो- Kishan Paliwal-M. Ajnabee...✍️
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