आमेट
आमेट के श्री मनोज पंडिया लॉक डाउन लेकर आज तक बेजुबान पक्षियों की रहे है सेवा
M. Ajnabee-Kishan Paliwalआमेट। वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण देशभर में लॉकडाउन घोषित होने के बाद भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्रारा लॉकडाउन की घोषणा की गई तभी से अनंत गिनत कई सेवाभावीयों ने खुद घरों से बाहर निकलकर शहर में घुम रहे बेजूबान पक्षियों के लिए हमदर्द की तरहा मसीहा बनकर सेवा कार्य में समर्पित कर दिया है। इसी सेवा की कड़ी में आमेट निवासी बस स्टेण्ड स्थित सरस दूध डेयरी संचालक एवं पेरालिंगल वॉलिटियर श्री मनोज पंडिया भी निःस्वार्थ भाव से अपने पास उपलब्ध संसाधनों से मूक जानवरों तथा गौ माताओं की सहायता अनवरत् कर रहे है।
समर्पण का भाव रखने वाले ऐसे व्यक्तित्व को आमेट परिजनों की ओर से साधुवाद। सेवा कार्य में जुटे लोगों के प्रभाव को देखें तो अधिकांश लोग भोजन अथवा राहत राशन सामग्री बांटने की दिशा में ज्यादा सक्रिय रहे, निश्चय ही इस काम में प्राथमिकता होनी चाहिए लेकिन सेवा का यह एक तरफा प्रभाव था। क्योंकि दूसरे प्रभाव में श्री मनोज पंडिया ने मूक व निरीह गौ माता तथा बेजुबान स्वान को लॉक डाउन घोषित होने की तिथि से आज दिन तक अनवरत रूप से चारा-रोटी तथा पक्षियों को दाना-पानी अपने स्वयं के खर्चे पर उपलब्ध करा आज के दौर में श्रवण पूत्र होने का सही हकदार बन रहे है। क्योंकि बेजूबान पक्षियों को लॉकडाउन के दौरान भूखे मरने की नौबत आ रही थी...उनका दर्द हमारे आमेट के समाजसेवी श्री मनोज पंडिया ने समझा और निरंतर इस और सेवा के प्रति समर्पित होकर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे है।
● संकट के समय मिली जिम्मेदारी आज मुझे राहत भरी सौगात
श्री मनोज पण्डिया से बात करते समय उन्होंने बताया कि ऐसे संकट के समय हम लोगों की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है। जिसे वह निभाने का प्रयास कर रहे हैं और उनका कहना है कि ऐसे कार्य से उन्हें संतुष्टि मिलती है तथा उनकी कोशिश रहती है कि कोई भी बेजुबान जानवर भूखा ना सोए। श्री पंडिया का मानना है कि निस्वार्थ भाव से सेवा करना ही सच्ची सेवा और धर्म है। संकट के समय मिली जिम्मेदारी आज मुझे राहत भरी सौगात दे रही है। बेजूबान पक्षियों की जिम्मेदारी के साथ-साथ ही लोगों को कोरोना वायरस से बचने हेतु लोगो को लॉक डाउन के नियमों का पालन करने का संदेश भी देकर लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील करते हुए आमेट की गलियों में घूमते हुए मिल जाएगे...उन्हें अपनी चिंता से ज्यादा चिंता दुसरों के घर के चिराग को बचाने की रहती है, अपने काम-काज के साथ-साथ मानव सेवा की मिशाल बनकर अलख जगाने का काम भी कर रहे है। धन्य है ऐसे माता-पिता जिसने श्रवण समान पुत्र को आमेट की धरती पर सेवा का मौका दिया।
फोटो-आमेट : समाजसेवी मनोज पण्डियां बेजुबान पक्षियों को दाना-पानी डालतें हुए
● पालीवाल वाणी ब्यूरो-M. Ajnabee-Kishan Paliwal...✍️
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