आमेट
Amet News : आमेट तेरापंथ सभा भवन में प्रेक्षाध्यान कार्यशाला आयोजित
M. Ajnabee, Kishan paliwalआमेट. अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा निर्देशित कार्यशाला स्थानीय महिला मंडल व प्रेक्षा वाहिनी के संयुक्त तत्वाधान में तेरापंथ भवन में विराजित साध्वी विशद प्रज्ञा ठाणा 4 के सानिध्य में प्रेक्षाध्यान कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें मुख्य प्रेक्षा प्रशिक्षक पारसमल दुग्गड व प्रेक्षा प्रशिक्षिका विमला देवी दुग्गड रहे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ साध्वी श्री ने नमस्कार महामंत्र व महिला मंडल की बहनों द्वारा प्रेक्षा गीत द्वारा मंगलाचरण किया गया। महिला मंडल अध्यक्ष संगीता पामेचा ने स्वागत अभिनंदन किया। साध्वी श्री ने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि जो व्यक्ति बाहर के पदार्थ को देखता है। वह काल्पनिक है और जो व्यक्ति बाहर व अंदर दोनों को देखता है।
वह वास्तविकता है प्रेक्षा ध्यान अनादि काल से है। लेकिन आचार्य तुलसी व आचार्य महाप्रज्ञ इस खोज कर नाम दिया। अनुप्रेक्षा भीतर के तनाव को ही नहीं आधी व्याधि उपाधि को ठीक करता है। वैज्ञानिक प्रशिक्षण द्वारा अंतर का शोधन व शक्ति को जागृत करता है।
जिसके प्रथम चरण में प्रेक्षा प्रशिक्षिक पारसमल दुग्गड द्वारा आसान योगिक क्रियाएं व समताल स्वास्थ्य प्रेक्षा प्रशिक्षिका विमला देवी दुग्गड द्वारा 5 मिनट दीर्घ श्वास,5 मिनट अनुप्रेक्षा का प्रयोग करवाया। प्रेक्षा ध्यान आध्यात्मिक व वैज्ञानिक जिसका उद्देश्य चरित्र को निर्मल बनाना है।
अन्य लाभ जैसे कि शारीरिक मानसिक व अपने आप हो जाते हैं प्रेक्षा ध्यान व्यक्ति के लिए उपयुक्त है। मुद्राएंअनेक होती है लेकिन दो मुद्राओं को विशेष महत्व दिया गया है पहले ज्ञान मुद्रा दूसरी वीतराग मुद्रा ज्ञान मुद्रा मस्तिष्क संबंधी सभी प्रॉब्लम के लिए उपयोगी है।
नियमित योग प्रणायाम करना चाहिए।पारसमल दुग्गड का सम्मान तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्रीमान यशवंत चोरड़ियां मंत्री मनोहर पितलिया व विमला देवी दुग्गड का सम्मान महिला मंडल अध्यक्ष संगीता पामेचा, मंत्री हेमलता भंडारी प्रेक्षा वाहिनी संयोजिका रेणु छाजेड़ सह संयोजीका मयूरी पितलिया के द्वारा साहित्य उपरणा द्वारा किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालक महिला मंडल अध्यक्ष संगीता पामेचा ने किया।आभार व्यक्त प्रेक्षा वाहिनी रेणु छाजेड़ ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रावक श्राविका उपस्थित रहे। कार्यक्रम की जानकारी जेटीऐन प्रतिनिधि पवन कच्छारा ने दी।
M. Ajnabee, Kishan paliwal