उत्तर प्रदेश
स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया ट्वीट - आपको मौसमी शौक है लेकिन औरों को क्यों फंसा रहे, लोगों ने यूं ली चुटकी
Paliwalwaniसमाजवादी पार्टी के मुखिया व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 5 जुलाई यानी मंगलवार को पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरुआत की। इस अभियान की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि हम आने वाले दिनों में जानकारी देंगे कि कितने सदस्य बन गए हैं। इसी अभियान को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया तो लोगों ने उन पर चुटकी ली।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया यह ट्वीट :
समाजवादी पार्टी के नेता ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘ जो बिना किसी भेदभाव के उन्नति के रास्ते नहीं बना सकते, हम उन्हें राष्ट्र के शिखर पर नहीं बैठा सकते। आइए हम सभी, समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करें और अपने सभी बंधुओं को भी सदस्यता के लिए प्रोत्साहित करें।’ स्वामी प्रसाद के इस ट्वीट पर लोग उन्हें दल बदलू बताने लगे।
यूजर्स ने यूं ली चुटकी :
प्रमोद कुमार मौर्या नाम के एक यूजर ने कमेंट किया – खुद को दर्पण में कभी देखते हो? ‘इधर चला मैं उधर चला’ गाना गाते हुए जिंदगी भर पार्टियां ही बदल रहे हो। कुछ उपलब्धि है जीवन में या लूटपाट करके ही काम चलेगा। रवि नाम के एक यूजर ने सलाह दी कि, ‘ सबसे पहले संगठन को मजबूत करिए भाई साहब, हर जिले में एक परिवार समाजवादी पार्टी का ठेकेदार है। जो वोट दिलाने का ठेका लेकर बड़े पदों पर बैठे हुए हैं।’
प्रदीप नाम के एक यूजर ने चुटकी लेते हुए कमेंट किया कि आप तो कहते थे कि जिस पार्टी में प्रवेश करते हैं, वह पार्टी जीत जाती है लेकिन इस इलेक्शन में आपको मुंह की खानी पड़ी। प्रदीप कुमार सक्सेना लिखते हैं – स्वामी जी दलबदलू पर कोई भी विश्वास नहीं करता है, फिर भी आप प्रयास जारी रखें। यदि कभी सपा छोड़ने का मन होगा तो यही सदस्य आपके साथ होंगे। रंजीत कुमार जयसवाल हंसने वाली इमोजी के साथ कमेंट करते हैं – आपका तो ये मौसमी शौक है लेकिन लोगों को क्यों फंसा रहे हो?
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सबसे पहले 1996 में बसपा की सदस्यता ली थी और प्रदेश के महासचिव बने थे। इसके बाद इसी पार्टी सेवा चार बार विधायक बने और मंत्री भी बनाए गए। 2016 में उन्होंने बसपा से बगावत करके भाजपा का दामन थाम लिया था। इस सरकार में भी वह मंत्री थे लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले उन्होंने बीजेपी का दामन छोड़कर वह सपा के साथ आ गए।