उत्तर प्रदेश
सरकारी कर्मचारी को अपराध की सजा के आधार पर नहीं किया जा सकता बर्खास्त : हाईकोर्ट
Paliwalwaniउत्तर प्रदेश :
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि सिर्फ अपराध की सजा के आधार पर सरकारी सेवक को बर्खास्त नहीं किया जा सकता। ऐसा करने के लिए विभागीय जांच जरूरी है। इलाहाबाद कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, संविधान के अनुच्छेद 311(2) के तहत सरकारी सेवक को बिना जांच के बर्खास्त या सेवा से हटाया नहीं जा सकता।
हाईकोर्ट ने विभागीय के फैसलों के हवाले जांच को जरूरी बताया हाईकोर्ट ने कानपुर देहात के सहायक अध्यापक मनोज कुमार को दहेज हत्या में मिली उम्रकैद पर बर्खास्तगी के आदेश को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया। कोर्ट ने बीएसए को अध्यापक के खिलाफ विभागीय जांच कर दो माह में नए सिरे से आदेश पारित करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल ने कहा कि याची की सेवा बहाली व परिलाभ नए आदेश पर निर्भर करेंगे।