उत्तर प्रदेश
क्या आनंद गिरि के आश्रम में छिपे हैं महंत नरेंद्र गिरि की मौत के राज?
Paliwalwani
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी काफी उलझ गई है। मंगलवार को श्रीमहंत नरेंद्र गिरि का कथित सुसाइड नोट वायरल होने के बाद उनके शिष्य आनंद गिरि का कांगड़ी श्यामपुर का आश्रम भी पुलिस की जांच के दायरे में आ गया है। सुसाइड नोट में उल्लेख है कि आनंद गिरि हरिद्वार से कंप्यूटर से फोटो एडिट कर किसी महिला या लड़की के साथ उनकी गलत हरकत करते फोटो वायरल कर सकता है। आश्रम से पुलिस को कई महत्वूर्ण सुराग मिल सकते हैं। यूपी पुलिस के जल्द ही आश्रम पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। आश्रम के सेवकों व आनंद गिरि से जुड़े लोगों से भी पूछताछ हो सकती है। हालांकि, आश्रम से जुड़े सेवक फिलहाल फरार बताए जा रहे हैं।
श्यामपुर थाना क्षेत्र के कांगड़ी में आनंद गिरि का निर्माणाधीन आश्रम है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में यूपी पुलिस ने आनंद गिरि को इसी आश्रम से गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस से इनपुट मिलने के बाद हरिद्वार पुलिस ने आनंद गिरि को आश्रम पहुंचने के बाद अपनी निगरानी में रखा था।
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बताया जा रहा है कि आनंद गिरि पिछले 15 दिनों से इसी आश्रम में थे। आश्रम से कहीं बाहर भी नहीं निकले। चर्चाएं हैं कि आनंद गिरि 15 दिनों तक आश्रम में रहकर आखिर कर क्या कर रहे थे। जानकारी के अनुसार श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए यूपी पुलिस आने वाले दिनों आश्रम पहुंच सकती है।आश्रम से कंप्यूटर जब्त कर सकती है। आनंद गिरि कई लोगों के संपर्क में थे। उनके सेवकों के अलावा संपर्क में रहने वाले जांच के दायरे में आ सकते हैं। आश्रम से आनंद गिरि के गिरफ्तार होने के बाद हरिद्वार पुलिस ने भी अपने स्तर पर मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारों का कहना है कि आनंद गिरि के आश्रम में वर्तमान में कोई महिला रह रही थी। महिला कौन है पुलिस को इसकी कोई जानकारी नहीं है। महाकुंभ के दौरान आनंद गिरि की कार ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग पर बीन नदी के बीचों-बीच पानी में फंस गई थी। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने आनंद गिरि की गाड़ी को पानी से बाहर निकलवाया था। उस समय कार में एक महिला भी बैठी थी।
वहीं, आनंद गिरि के आश्रम को हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) ने बुधवार को दोबारा से सील कर दिया। गुरु और शिष्य के विवाद के बाद एचआरडीए ने 13 मई को अवैध निर्माण के आरोप में आश्रम के भवन को सील किया था।